पिछले पांच साल में तीन बार से ज्यादा बन चुकी श्यामनगर की एक अंदरूनी सड़क और लगी हुई गलियां पिछले 3 साल में 20 बार पहले ही खोदी जा चुकी थीं, अब 21वीं बार स्मार्ट सिटी ने भी खुदाई शुरू कर दी है। ड्रेन और पाइपलाइन के लिए यह सड़कें अलग-अलग निर्माण एजेंसियों ने खोदी थीं। अब स्मार्ट सिटी ने इस इलाके में स्मार्ट ड्रेन सिस्टम लांच किया है। यह 5 करोड़ का प्रोजेक्ट है, जिसके लिए खुदाई शुरू हुई है। इससे पहले हर तीसरे-चौथे महीने में सड़क खोदी गई और लोगों ने बताया कि हर बार खुदाई के बाद एक से तीन माह तक ट्रैफिक अस्तव्यस्त रह चुका है। इस बार भी हालात गर्मी तक नहीं सुधरनेवाले हैं।
भास्कर टीम ने सड़क खुदाई की पता चला कि नवंबर 2017 से जुलाई 2020 के बीच श्यामनगर इलाके में आधा दर्जन विभागों के अलग-अलग काम के कारण 20 से ज्यादा बार सड़कें खोदी गई हैं। कभी पानी की नई पाइप लाइन बिछाने के लिए, कभी स्मार्ट सिटी के स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम के इंस्टालेशन, कभी केबल लाइनें, कभी वाटर सप्लाई की बड़ी-छोटी लाइन डालने के लिए सड़कें खोदी गईं। यह खुदाई भी ऐसी थी कि कभी किनारे खोदे गए, तो कई बार सड़क बीचोबीच से खोद डाली गई। यही नहीं, खुदाई के बाद सड़क को सुधारने के लिए आधा दर्जन से ज्यादा बार रेस्टोरेशन और पैच वर्क जैसे काम भी हुए, जो दो-तीन महीने में धुल गए और फिर वैसे ही गड्ढे हो गए। इन तीन वर्षों में तीन चुनाव भी पड़े (विधानसभा, लोकसभा और वार्ड चुनाव) और इस वजह से सड़कों पर डामर या सीमेंट की परत चढ़ाई जाती रही, इसे फिर खोदा जाता रहा। लेकिन हर बार दो-तीन बारिश में ही सारे पैच वर्क धुलते गए और गड्ढे नजर अाने लगे। इस बार भी सड़क की हालत अच्छी नहीं थी, और 21वीं बार खुदाई शुरू कर दी गई।
जुलाई से सितंबर तक खोदा
जुलाई में यहां श्यामनगर की पानी की टंकी के नई पाइप लाइन बिछाने और रेस्टोरेशन में करीब एक करोड़ पांच लाख रुपए खर्च हुए हैं। 2017 से जुलाई 2020 के बीच पाइप लाइन हटाने बिछाने से लेकर करीब 6 बार से ज्यादा खुदाई केवल पाइपलाइन के लिए हुई। इसके अलावा पूरे क्षेत्र में 31 चैंबर बनाने में सड़क को खोदा गया। निगम के आला अफसरों के मुताबिक इस काम में रेस्टोरेशन खर्च केवल एक ही बार लगा है। चाहे जितनी बार भी पाइप लाइन के लिए इसे खोदा गया। ठेका शर्तों के अनुसार संबंधित एजेंसी को रेस्टोरेशन का काम तब तक करना होता है जब तक कि रखरखाव उसकी जिम्मेदारी होती है।
हर बार इन्हीं में एक कारण
नवंबर-दिसंबर 2017 - वाटर सप्लाई लाइन
दिसंबर 2018 - अंडरग्राउंड केबल
जनवरी - फरवरी 2019 - सड़क पर पैच वर्क
मार्च- जून 2019 - पैच वर्क
जुलाई -सिंतबर 2019 - स्मार्ट ट्रैफिक केबल
अक्टूबर-नवंबर 2019 - सड़क की मरम्मत
दिसंबर 2019 - सीवरेज लाइन-चैंबर
फरवरी-मार्च 2020 - अमृत मिशन लाइन
अप्रैल से जून 2020 - खराबी का मेंटेनेंस
जुलाई 2020 जगह-जगह काम अधूरे
अन्य विभागों ने भी 14 बार
स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम और स्मार्ट बत्तियां कैमरे लगाने के लिए इसी दायरे में बीते 2018 से कई बार खुदाई का काम चल रहा है। इस काम के लिए अब तक आधा दर्जन से ज्यादा बार खुदाई हो चुकी है। नगर निगम की सीवरेज लाइन और नाली में होने वाली खामी के कारण भी खुदाई की जाती है। इसके अलावा इसी सड़क पर पीडब्ल्यूडी और पीएचई के विभिन्न प्रोजेक्टों के कारण छोटे छोटे दायरे में भी खुदाई की गई इसमें अनुमानित तौर पर तीन करोड़ से ज्यादा का खर्च हो चुका है।
"निर्माण एजेसियों में तालमेल की कमी के कारण एक ही सड़क पर कई बार काम हो रहा है। हम इस सिस्टम को लगातार सुधार रहे हैं, ताकि किसी भी सड़क पर एक ही बार में उससे जुड़े सारे काम पूरे कर लिए जाएं।"
-एजाज ढेबर, मेयर, रायपुर