गुजरात के सूरत में फंसी जिले दो युवतियों को पुलिस ने रेस्क्यू कर वापस ले आई है। दोनों युवतियों को वापस लाने के लिए 4 दिन पहले दुलदुला थाने के एक एसआई व महिला आरक्षक सहित 4 लोगो की टीम सूरत रवाना किया। पुलिस टीम के साथ पीड़ित युवतियों के पिता भी सूरत गए थे ।
3 महीने पहले तपकरा क्षेत्र की एक और युवती और साथ मे दोनो युवतियों को अच्छे काम का लालच देकर गांव की प्रियंका ने सूरत भेजा था, लेकिन वहां जाने के बाद उन्हें किसी होटल मालिक के घर में उन्हें काम करने रखा था और वहां उन्हें बंधक की तरह रखा गया। युवतियों को मालिक की नीयत पर शक हो रहा था।
ऐसे में उन्होंने वहां काम करना मुनासिब नहीं समझा और मालिक से जब घर जाने की छुट्टी मांगी तो उन्हें छुट्टी देने से मना कर दिया गया, साथ ही उन्हें घर पर फोन करने पर भी रोक लगा दी थी। मालिक को जब अंदेशा हो गया कि युवतियां अब घर जाना चाहती है, तो उसने उनका वेतन भी रोक लिया था। मालिक के प्रताड़ना से तंग आकर एक युवती ने वाट्सएप के स्टेट्स से मदद की गुहार लगाई थी।
युवती का स्टेटस को देखकर मनोरा के एक युवक सामने आया और उनकी मदद करनी शुरू की। इसके साथ ही उनकी मदद के लिए गुजरात महिला हेल्प डेस्क से भी संपर्क किया गया था। युवती के स्टेट्स को देखकर युवक को युवती के गुजरात में फंसे होने की जानकारी मिली थी। उसने इसकी जानकारी युवती के पिता को भी दी थी। पिता को जानकारी मिलने पर एसपी से मदद की गुहार लगाते हुए आस्ता थाने में मामला दर्ज कराया था।
युवती के पिता ने पुलिस को बताया कि गुम 2 युवती 9 अक्टूबर20 को घर से किसी को बिना बताए कहीं चली गई थी। गुमशुदा दोनों युवतियों को बरामदगी करने के लिए बनी टीम में सउनि चन्द्र कुमार सिंगार, आरक्षक उकिल साय पैंकरा, महिला आरक्षक सपना इंदवार शामिल थे, जिन्होंने गुजरात के सूरत जाकर वहां रखे सखी सेंटर से दोनों गुमशुदा युवतियों को वापस लाया।
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