इसके बाद भी जिले के 74 हाईस्कूल एवं 58 हायरसेकेंडरी स्कूलों द्वारा शुल्क ले लिए गए थे। जिसे वापस कर दिए जाने की बात कही गई थी परंतु किसी भी स्कूल द्वारा शुल्क लेने के बाद वापस नहीं किया गया है।
पूरे बलरामपुर जिले में स्थिति यह है कि जब अभिभावकों को पता चला कि यह फीस अनावश्यक रूप से लिए गए हैं तो वह स्कूलों के चक्कर काट रहे हैं। प्राचार्यों द्वारा गोलमोल जवाब देकर अभिभावकों को भेज दिया जा रहा है, अब सवाल यह उठता है कि इस शुल्क को वसूलने के बाद किस खाते में रखा गया है एवं इसका ब्याज कौन ले रहा है।
संबंधित प्राचार्य द्वारा वसूली की गई तो रसीद क्यों नहीं दिया गया। वहीं यदि वसूली कर ली भी गई थी तो शासन का निर्देश मिलने पर शुल्क वापस क्यों नहीं किया गया।
जिले भर में वसूला गया है शुल्क
सिर्फ रामचंद्रपुर विकासखंड की बात करें तो 10वीं-12वीं में 4000 छात्रों ने प्रवेश लिया है, जिन से करीब 20 लाख रुपए स्थानीय निधि शुल्क (Local Fund Fee) के नाम पर वसूले गए हैं। इस प्रकार से अगर पूरे जिला का आंकड़ा देखा जाए तो करोड़ों में जाएगा। छात्र-छात्राओं से करोडों की वसूली हो गई परंतु अब तक जिला प्रशासन द्वारा ठोस कार्यवाही नहीं की गई है।
शिकायत मिलने पर प्राचार्यों पर होगी कठोर कार्रवाई
सिर्फ नामांकन एवं परीक्षा फीस लेना था। यदि स्कूलों द्वारा अन्य फीस भी लिए गए हैं और उसे वापस नहीं किया जा रहा है, अगर इस संबंध में अभिभावकों की शिकायतें आती है तो तत्काल संबंधित प्राचार्य के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। वरिष्ठ कार्यालय से आए निर्देश से सबको अवगत करा दिया गया था।
बी. एक्का, डीईओ, बलरामपुर