
अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह रविवार को दुर्ग होकर रायपुर पहुंचे। दिग्विजय दुर्ग से स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की कार में आए। कार को खुद सिंहदेव ने ही ड्राइव किया। रायपुर आने के बाद दिग्विजय कांग्रेस नेताओं के घर गए। शाम को दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने सीएम हाउस में सीएम भूपेश बघेल से लंबी चर्चा की। दिग्विजय वैसे तो दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा के परिजनों से मिलने आए थे, लेकिन रायपुर में थोड़े समय की उनकी इस यात्रा पर पूरे दिन राजनीतिक हलकों में जमकर चर्चा होती रही।
दिग्विजय ट्रेन से दुर्ग पहुंचने के बाद वोरा के निवास गए। उन्होंने दिवंगत नेता को श्रद्धासुमन अर्पित किए और परिवारजनों को सांत्वना दी। करीब तक वे पौन घंटे वोरा निवास पर रहे। सिंहदेव भी वोरा परिवार से मिलने सुबह ही दुर्ग पहुंचे थे। इसके बाद दोनों नेता एक साथ रायपुर के लिए निकले। दिग्विजय कुछ देर पहुना में रूके। इसके बाद वे हाउसिंग बोर्ड चेयरमैन कुलदीप जुनेजा के आग्रह पर देवेन्द्र नगर चौक स्थित उनके ठीया पहुंचे। वहां बाहर बैठकर कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने जुनेजा से कहा-सरदार, तेरी चाय कहां हैं? चाय पीने के बाद उन्होंने शहर का जायजा लिया। इस दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह भी साथ थे। उसके बाद वे प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महामंत्री अब्दुल हमीद हयात के घर गए। वहां लंच में अफगानी व्यंजनों का लुत्फ उठाया। दिग्विजय के साथ पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, नान अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी और कांग्रेस के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
दिग्गी राजा ने पूछा- महाराज गौ सेवा कैसी चल रही है?
पहुना में राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राम सुन्दर दास ने भी दिग्विजय सिंह से मुलाकात की। दिग्गी राजा ने उनसे पूछा महाराज राज्य में गौ सेवा कैसे चल रही है? महन्त ने उन्हें बताया कि गौ माता का संरक्षण व संवर्धन पर पिछले 15 वर्षों की तुलना में बहुत अच्छा काम हो रहा है। तभी मंत्री शिव डहरिया ने पूर्व सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले वे लोग एक रुपए किलो में चांवल दिया करते थे अब हमारी सरकार 2 रुपए में गोबर खरीद रही है। उनकी इस बात पर खूब ठहाके लगे। इस दौरान छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम, अमितेश शुक्ला, छाया वर्मा, किरणमयी नायक, शैलेश नितिन त्रिवेदी, चंद्रशेखर शुक्ला सहित अनेक नेता मौजूद थे।
गोधन योजना पर सीएम का रमन पर हमला पूछा- गरीबों का चावल पच नहीं रहा है क्या
गोधन न्याय योजना को लेकर पूर्व सीएम रमन सिंह के शनिवार को दिए बयान पर सीएम भूपेश बघेल ने तीखा पलटवार किया है। रविवार को जांजगीर रवाना होने से पहले पत्रकारों से बातचीत में सीएम बघेल ने कहा कि गोधन योजना रमन सिंह को समझ नहीं आएगी। उनके लिए स्काईवाक, ऊंची-ऊंची बिल्डिंग, नया रायपुर ही योजना थी। गांवों में गोबर चुनने की परंपरा काफी पुरानी है, जिनके घर में एक भी मवेशी नहीं होता था, वह भी घूम-घूमकर गोबर इकट्ठा करता था। घर के लिए कंडे और घर की पोताई की व्यवस्था करता था। गोबर योजना से कई लोगों की जिंदगी सुधरी है, जो साइकिल से पहले गोबर इकट्ठा करता था, उसने अब स्कूटी खरीद ली है। रमन सिंह ने जो गरीबों की योजना का चावल खाया है, वह लगता है उन्हें पच नहीं रहा है। सीएम बघेल ने किसान संगठनों के विरोध को लेकर कहा कि पूरे देश के किसान केंद्र सरकार के रवैये से दुखी है, कितने लोगों की मौत हो गई, कितने लोगों ने आत्महत्या भी की है। हजारों किसान दिल्ली के चारों तरफ डेरा डालकर बैठे हैं। सरकार को उनसे बात करनी चाहिए लेकिन वे हठधर्मिता पर अड़ी है, यह ठीक नहीं है। जब छत्तीसगढ़ सरकार किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी कर रही है तो केंद्र सरकार क्यों नहीं खरीद सकती?
एफसीआई में चावल जमा करने की अनुमति पर सीएम ने कहा कि पिछले दिनों खाद्य मंत्री पीयूष गोयल से बात की, लेकिन एफसीआई में चावल
जमा करने की अनुमति अभी तक नहीं दी गई, ऐसा छत्तीसगढ़ में पहली बार हुआ है। इसी वजह से सोसाइटी में धान जाम होते जा रहे हैं और राइस मिलों में चावल जमा होते जा रहे हैं।
दो दर्जन से अधिक पुरस्कार मिला
2 साल के कार्यकाल की उपलब्धियों पर सीएम ने कहा कि 2 दर्जन से अधिक पुरस्कार भारत सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार को मिला है. चाहे कुपोषण के खिलाफ लड़ाई की बात हो, चाहे कोरोना के दौरान क्वॉरेंटाइन सेंटर की व्यवस्था की बात हो, चाहे मध्यान्ह भोजन के समय भोजन के व्यवस्था की बात हो, चाहे पंचायत में काम करने की बात हो, छत्तीसगढ़ पूरे देश में स्वच्छता रैंक पर प्रथम स्थान पर रहा है। राज्य सरकार के द्वारा अच्छा काम किया जा रहा है जिसे भारत सरकार ने प्रशंसा की है, भाजपा के पास विरोध करने के अलावा कोई काम नहीं है।
भाजपा 15 साल कार्यकर्ताओं के पास नहीं गए
हमारे पक्ष के लोग भी उनके सवालों का भरपूर जवाब दे रहे हैं। सत्ता पक्ष कमजोर है ना ही जवाब देने में कोई परहेज है. भाजपा के प्रशिक्षण को लेकर कहा कि वे कार्यकर्ताओं के पास जा रहे हैं, जिनके पास 15 साल से नहीं गए थे।
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