ट्रक से टकराई, फिर सड़क के बीच गड्‌ढे में पड़ कर पलटी बोलेरो के परखच्चे उड़े...

ट्रक से टकराई, फिर सड़क के बीच गड्‌ढे में पड़ कर पलटी बोलेरो के परखच्चे उड़े...

Avinash

बुधवार रात शादी से लौट बाराती खाने के लिए ढाबा ढूंढने के चक्कर में कोड़ातराई तिराहे से सारंगढ़ रोड की तरफ बढ़े थे। लौटते वक्त लोहरसिंग के नजदीक बोलेरो ट्रक से टकरा गई। हाइवे पर अधूरी छूटी सड़क पर हुए गड्‌ढे से उछली, बेकाबू होकर घिसटती हुई दूर जा पलटी। बोलेरो के परखच्चे उड़ गए। हादसे में पांच सवारों में तीन की मौके पर ही मौत हो गई। बाराती किरोड़ीमलनगर से ओडिशा के बरगढ़ लौट रहे थे।
ओडिशा बरगढ़ से बद्रीनाथ बरई की बारात किरोड़ीमलनगर निवासी चंद्रकला थवाईत के घर आई थी। शादी में शामिल होने के बाद लगभग 11 बजे एक बोलेरो में बैठकर 8 लड़के बरगढ़ के लिए निकले। कोड़ातराई में उन्होंने ढाबे से खाना लेने का मन बनाया।

पुसौर रोड में ढाबा नहीं होने के कारण तीन लड़कों को कोड़ातराई में उतारकर पांच लड़के विकास मेहता, कृष्णा पटेल, स्वरूप बरई, मनोज मेहर और तुषार रंजन सारंगढ़ रोड की तरफ बढ़ गए। लोहरसिंग से आगे युवकों ने ढाबे में खाना लिया।

बाकी तीन साथियों के लिए खाना पैक कराया और कोड़ातराई तिराहा लौटने लगे। लोहरसिंग वेयर हाउस के सामने ही सामने से आ रही ट्रक से बोलेरो तिरछी टकरा गई। 100 मीटर आगे एक गड्‌ढे में जाकर बोलेरो उछला और सड़क की बांई ओर पलटकर गिर गया।

दुर्घटना के दौरान ही विकास मेहता, कृष्णा पटेल और स्वरूप बरई की मौत हो गई। वहीं तुषार रंजन और मनोज मेहर घायल हो गए थे। कोड़ातराई के पास तीन युवक रुके हुए थे। उन्हें लगभग एक घंटे में दुर्घटना की जानकारी मिली। इसके बाद युवक लिफ्ट मांगकर ही हादसे की जगह पर पहुंचे।
सालभर पहले बाहर कोमा से आया था बाहर

सड़क दुर्घटना में जिन तीन युवकों की मौत हुई। उनमें एक युवक विकास मेहता कोड़ातराई का रहने वाला था। लोगों ने बताया कि एक साल पहले भी वह दुर्घटना में बुरी तरह घायल हुआ था। वह लंबे समय तक कोमा में रहा था। पुसौर पुलिस के अनुसार हादसे के वक्त बोलेरो विकास ही चला रहा था।
कोड़ातराई से लोहरसिंग संग्रहण केंद्र के बीच 8 खतरनाक गड्‌ढे

लगभग 7 साल बाद भी रायगढ़-सारंगढ़ के बीच नेशनल हाइवे का काम पूरा नहीं हो सका है। दो ठेका कंपनियां बदली जा चुकी हैं। यहां पिछले दो सालों में 6 से बड़े सड़क हादसे खराब सड़क की वजह से हुए हैं। कांक्रीट सड़क के बाद अचानक गड्ढे आते हैं। वाहन की रफ्तार ज्यादा हो तो दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने भास्कर को बताया कि ट्रक से टक्कर होने के बाद बोलेरो गड्‌ढे के कारण और बेकाबू हो गई, जिससे हादसा भीषण हुआ। भास्कर की टीम ने एक्सीडेंट के स्पॉट से महज ढाई किलोमीटर दूर कोड़ातराई तक की सड़क की स्थिति देखी। 8 से अधिक ऐसे गड्‌ढे मिले जो अक्सर दुर्घटना की वजह बनते हैं। यहां 10 से अधिक पैदल चलने वाले, बाइक और चार पहिया सवार जान गंवा चुके हैं।
सिर्फ बातें हैं, समाधान नहीं है अफसरों के पास
दुर्घटना जिस सड़क पर हुई है। यह सड़क नेशनल हाइवे ने बनवाई थी। नेशनल हाइवे के ठेकेदार से सड़क बनवाने की जिम्मेदारी थी। सड़क तो बन गई लेकिन सालों बाद ही सड़क के बीचोंबीच गड्‌ढे हैं। हर बार हादसा होने पर भास्कर नेशनल हाइवे या पीडब्ल्यूडी के अफसरों से बात करता है। जानकारी जिम्मेदार विभागों के अफसरों को है फिर भी हादसे के बाद, मैं दिखवाता हूं, कल ही ठीक कराता हूं, ठेकेदार से कहता हूं...के अलावा कोई जवाब नहीं होता है। सालों बाद भी अधूरी सड़कें पूरी हो सकीं।



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