मेडिकल इक्यूपमेंट सप्लाई का झांसा देकर डॉक्टर से 54 लाख की ठगी करने वाले इंदौर के ब्रोकर को एक साल बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी को शनिवार को रायपुर लाया गया है। पुलिस ने उसका बैंक खाता सीज कर लिया है। उसकी संपत्ति के बारे में पता किया जा रहा है। अफसरों के अनुसार ठगी की रकम उसने कहां खर्च की? इसका पता लगाने के बाद आरोपी की संपत्ति को कुर्क की जाएगी।
पुलिस ने बताया कि डॉ. सुशील शर्मा और डॉ. पार्थ स्थापक का पार्थशील हेल्थकेयर प्रा.लिं. अस्पताल है।
उन्हें श्री अनंत सांई अस्पताल के लिए मेडिकल इक्यूपमेंट चाहिए था। पिछले साल उन्होंने इंदौर के वैष्णव सेल्स एवं सर्विसेस कंपनी से संपर्क किया। कंपनी के संचालक नरेश कटारिया से उनकी बातचीत हुई। उनके बीच कई महंगी मशीनों को लेकर सौदा हुआ और उन्होंने 85 लाख की मशीनों का वर्कऑर्डर दिया। आरोपी ने एडवांस मांगा तो उसे अलग-अलग किश्त में 54 लाख का भुगतान किया गया। बाकी पैसा मशीन मिलने के बाद देना तय हुआ। पैसे लेने के एक महीने बाद भी आरोपी ने मशीन नहीं भेजी।
डिलीवरी का समय गुजरने के बाद डाक्टरों ने उससे संपर्क किया गया। वह गुमराह करने लगा। बार-बार संपर्क करने पर उसने अपना मोबाइल बंद कर दिया। डाक्टरों ने कई बार इंदौर जाकर उससे मिलने की कोशिश की, लेकिन आरोपी नहीं मिला। तब पुलिस में शिकायत की गई। राजेंद्र नगर पुलिस ने पिछले साल ठगी का केस दर्ज किया, लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई।
ईयर एंड में वरिष्ठ अधिकारियों ने पेडिंग मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया। उसके बाद पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू की। शुक्रवार को पुलिस की टीम ने इंदौर में छापा मारा और आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी का इंदौर में आलीशान मकान है। पुलिस आरोपी को लेकर रायपुर आ गई। पुलिस की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि आरोपी की कोई कंपनी नहीं है। वह मेडिकल मशीनों का ब्रोकिंग का काम करता है। आर्डर लेकर दूसरी कंपनियों से मशीन दिलवाता है।
आरोपी ने राजनांदगांव में भी कुछ डॉक्टर से ठगी की है। राजनांदगांव के कोतवाली में भी आरोपी के खिलाफ ठगी का केस दर्ज है। वहां उसने एक करोड़ से ज्यादा की ठगी की है। राजनांदगांव पुलिस जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी के लिए रायपुर आएगी। आरोपी रायपुर केंद्रीय जेल में बंद है। पुलिस आरोपी की संपत्ति कोर्ट के माध्यम से नीलाम करके पीड़ितों को उनका पैसा लौटाएगी।