उच्च शिक्षा से जुड़े राज्य के 509 कॉलेजों में सवा सौ के पास ही राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की मान्यता है। कुछ कॉलेजों ने नैक से मान्यता के लिए आवेदन दिया है, लेकिन काेरोना संक्रमण की वजह से इस साल निरीक्षण ही नहीं हुआ। अब भी बड़ी संख्या में ऐसे संस्थान हैं जो बिना एक्रीडिटेशन के चल रहे हैं। उच्च शिक्षा व संबंधित विश्वविद्यालयों से बार-बार निर्देश के बाद भी कई कॉलेज नैक से मूल्यांकन के लिए प्रयास भी नहीं कर रहे हैं।
राज्य में 253 सरकारी व 256 प्राइवेट कॉलेज हैं। यह कॉलेज राजकीय विवि से जुड़े हैं। विवि के अफसरों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से इस साल मार्च के बाद से कॉलेज बंद हैं। कुछ कॉलेजों ने नैक को बुलाने के लिए आवेदन किया लेकिन कोरोना संक्रमण व कॉलेज बंद होने से एक्रीडिटेशन नहीं हुआ। नैक से एक्रीडिटेशन जरूरी है। यूजीसी ने भी इस संबंध में निर्देश दिए हैं। इसलिए नैक से मूल्यांकन के लिए कॉलेजों को फिर निर्देश जारी होंगे। गौरतलब है कि पिछले कुछ बरसों में रायपुर के कुछ कॉलेजों ने नैक से मूल्यांकन कराया। इसमें साइंस कॉलेज, डिग्री गर्ल्स कॉलेज, दुर्गा कॉलेज, छत्तीसगढ़ कॉलेज, महंत कॉलेज समेत अन्य शामिल है। इसमें से किसी कॉलेज के पास ए ग्रेड की मान्यता नहीं है। यानी वर्तमान समय में राजधानी का कोई भी कॉलेज ए ग्रेड की श्रेणी में शामिल नहीं हैं। वहीं दूसरी ओर दुर्ग, बिलासपुर समेत अन्य जगहों के कुछ कॉलेजों को नैक से ए ग्रेड मिला है। शिक्षाविदों ने बताया कि कई कॉलेज ऐसे हैं जो कमियां उजागर होने के डर से नैक से मूल्यांकन नहीं करा रहे हैं। मूल्यांकन के लिए उन्होंने कभी प्रयास ही नहीं किया।
रविवि के पास ए ग्रेड लेकिन यह भी टॉप नहीं
प्रदेश के पुराने विवि में से एक रविवि को पिछली बार नैक ने ए ग्रेड की श्रेणी में रखा था। अब भी रविवि के पास ए ग्रेड है। साल 2016 में पिछली बार नैक ने रविवि का मूल्यांकन किया था। साल 2021 दिसंबर तक विवि को नैक मान्यता है। इसके बाद फिर मूल्यांकन कराना होगा। शिक्षाविदों ने बताया कि रविवि के पास भले की नैक से एक ग्रेड मिला हो लेकिन यह टॉप में नहीं है। क्योंकि, नैक से टॉप ग्रेड ए प्लस प्लस है।