राजधानी में आलू-प्याज की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों के साथ ही अफसरों को भी परेशान कर दिया है। यही वजह है कि खाद्य विभाग की टीम ने बुधवार को बिरगांव-भनपुरी के कई आलू-प्याज गोदामों में जाकर स्टॉक की जांच की। हालांकि कहीं भी अनियमितता नहीं पाई गई है। जांच के बाद ही अफसरों ने दावा किया कि शहर में कहीं भी आलू-प्याज की सप्लाई में कोई समस्या नहीं है। जितनी डिमांड है उससे ज्यादा ही सप्लाई की जा रही है। महाराष्ट्र और दक्षिण प्रदेश के शहरों से ही महंगी आलू-प्याज आने की वजह से ही कीमत भी बढ़ी हुई है।
खाद्य नियंत्रक अनुराग सिंह भदौरिया ने बताया कि अभी थोक में आलू 36 से 38 रुपए किलो में बिक रहा है। चिल्हर सब्जी बाजारों में इसमें 45 से 50 रुपए में बेचा जा रहा है। इसी तरह थोक बाजार में प्याज 35 से 40 और चिल्हर में 45 से 50 रुपए प्रति किलो में बेचा जा रहा है। दूसरे राज्यों में मौसम बदलने की वजह से आलू-प्याज की फसल प्रभावित हुई थी। इस वजह से ही कीमतें बढ़ी है। थोक कारोबारियों का कहना है कि जैसे-जैसे दूसरे राज्यों में कीमत कम होगी रायपुर में भी कीमत कम हो जाएगी। लोगों की सुविधा के लिए प्रशासन की ओर से भनपुरी और डूमरतराई के थोक कारोबारियों से कहा गया है कि वे अपनी दुकानों और गोदामों के बाहर आलू-प्याज की चिल्हर बिक्री करें लेकिन थोक की कीमत पर। इससे लोगों को आलू 36 और प्याज 35 रुपए किलो में मिल सकेगा। कारोबारियों ने इसके लिए रजामंदी भी दे दी है।
चिल्हर बाजार से सस्ती कीमत में खरीदी के लिए लोग थोक कारोबारियों से सीधी खरीदी कर सकते हैं। प्रति व्यक्ति को 5-5 किलो आलू-प्याज दिया जाएगा। शहर में लोगों के लिए इस तरह के 22 काउंटर खोले गए हैं। इन सभी काउंटरों से लोग थोक की कीमत पर आलू-प्याज की खरीदी कर सकते हैं। इधर दूसरी ओर कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन ने साफ कर दिया है कि किसी भी परिस्थिति में आलू-प्याज की कीमत नहीं बढ़ने दी जाएगी। इसके लिए उन्होंने खाद्य विभाग के अफसरों को लगातार स्टॉक और कीमत पर निगरानी रखने के लिए कहा है। हर थोक कारोबारी से हर दिन का स्टॉक मांगा जा रहा है कि उसने कितना स्टॉक मंगवाया और कितने की बिक्री की। इससे डिमांड और सप्लाई को संतुलित रखा जाएगा।