छत्तीसगढ़ सरकार ने इस बार यानी वर्ष 2021 में धान का बोनस यानी अंतर की राशि के रूप में किसानों को 6200 करोड़ रुपए मिलेंगे, जबकि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी से करीब 17 हजार करोड़ रुपए किसानों के खाते में जाएंगे यानी कुल 23 हजार करोड़ रुपए किसानों के जरिए बाजार में आएंगे। जो किसान इस सीजन में धान बेच रहे हैं, इस बार भी अंतर की राशि 4 किस्तों में उनके खाते में जाएगी। चूंकि इस बार पिछले साल के मुकाबले 2 लाख किसान बढ़ गए हैं, इसलिए यह राशि भी बढ़ गई है। पिछले साल अंतर की राशि के रूप में किसानों के खाते में 4 किस्तों में पैसे डाले गए। इन पैसों का सीधा असर यह हुआ कि देश के कई राज्य मंदी की चपेट में थे, लेकिन किसानों के इन्हीं पैसों की वजह से प्रदेश में कारोबार प्रभावित नहीं हुअा। इस साल धनतेरस-दिवाली में ऑटोमोबाइल्स में ग्रामीण अंचल से जुड़े लोगों ने कारों से लेकर बाइक तक की रिकार्डतोड़ खरीदी कर इस सेक्टर को मंदी से उबार दिया है। राजीव न्याय योजना के तहत अंतर की यह राशि पिछले साल दी गई थी।
पिछले साल की तरह इस बार भी इस राशि से प्रदेश की अर्थव्यवस्था ठीक रहने की उम्मीद की जा रही है। दरअसल कोराेना संक्रमण के बावजूद प्रदेश के लगभग सभी सेक्टर के व्यवसाय में जमकर खरीदारी की गई। इस वजह से मंदी का असर नहीं दिखा। चूंकि इस बार 75 फीसदी से ज्यादा खरीददार ग्रामीण इलाकों से आए, इसलिए अर्थशास्त्रियों का मानना था कि न्याय योजना में किसानों के खाते में गई अंतर की राशि ने कमाल दिखाया है। इस बार भी सरकार किसानों से 25 सौ रुपए समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी कर रही है। इस खरीफ सीजन में प्रदेश के लगभग 21 लाख से ज्यादा किसानों से लगभग 90 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से हो रही खरीदी के कारण इस साल लगभग 2 लाख 48 हजार नए किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। पिछले सीजन में लगभग 19 लाख किसानों ने 83 लाख टन धान बेचा था। केन्द्र सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य 1815 और 1835 घोषित है। जबकि राज्य सरकार 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद रही है। केन्द्र के समर्थन मूल्य और राज्य के समर्थन मूल्य के बीच के अंतर की राशि को चार किस्तों में किसानों को दी जाने वाली है। पहली किस्त की राशि राजीव गांधी की पुण्यतिथि के दिन 21 मई को दी गई थी इसके बाद दूसरी किस्त राजीव गांधी की जयंती 20 अगस्त तथा तीसरी किस्त एक नवंबर को किसानों को दी गई थी। जबकि चौथी किस्त की राशि देना अभी बाकी है। माना जा रहा है इस वित्तीय वर्ष यानी मार्च के पहले चौथी किस्त की राशि किसानों के खाते में चली जाएगी। पिछले साल की तरह इस सीजन में भी अंतर की राशि इन्हीं तिथियों में किसानों को दी जाएगी।
राज्य में इसीलिए मंदी का असर नहीं
कोरोना के कारण जहां देश में आर्थिक मंदी का असर रहा, वहीं छत्तीसगढ़ में किसानों के खाते में पैसे जाने से बाजार में भी पैसा बरसा। पिछली बार की अंतर की राशि करीब 5700 करोड़ सरकार किसानों को चार किस्तों में दे रही है। सरकार इस साल भी बड़ी राशि के भुगतान की तैयारी की है।
किसानों को बजट का 23 हजार करोड़
"एक लाख 7 हजार करोड़ रुपए के बजट में 23 हजार करोड़ किसानों के खाते में जाएंगे। इससे स्पष्ट है कि हमारी सरकार किसानों के प्रति किस सोच से काम कर रही है। केंद्र को छत्तीसगढ़ सरकार की तरह किसानों के बारे में सोचना चाहिए।"
- रविंद्र चौबे, कृषि मंत्री