गुरु घासीदास जयंती पर झांकियां दिखेंगी न पंथी दल, 1994 के बाद ऐसा पहली बार...

गुरु घासीदास जयंती पर झांकियां दिखेंगी न पंथी दल, 1994 के बाद ऐसा पहली बार...

Avinash

गुरु घासीदास की शोभायात्रा निकालने की शुरुआत अविभाजित मध्यप्रदेश के दौर में रायपुर से हुई थी। 1994 से चली आ रही यह परंपरा कोरोना संक्रमण के चलते इस बार टूट जाएगी। आयोजन समिति ने तय किया है कि गुरु पर्व सादगी से मनाया जाएगा। शहर में न तो शोभायात्रा निकलेगी, न कहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। आरती और मंगल भजन के साथ जैतखाम पर पालो चढ़ाया जाएगा।
दरअसल, प्रदेश में गुरु घासीदास की सबसे बड़ी शोभायात्रा रायपुर में निकलती है। 40-50 झांकियों और दर्जनों पंथी दल समेत प्रदेशभर से सतनामी समाज के लोग इसमें हिस्सा लेते हैं। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार ऐसा कार्यक्रम आयोजित करना संभव नहीं है। इसीलिए समाज ने एकमत होकर आयोजन को रद्द करने का फैसला लिया है। इस संबंध में न्यू राजेंद्र नगर में गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की बैठक रखी गई थी। अध्यक्ष केपी खंडे और प्रवक्ता चेतन चंदेल ने बताया कि 26 साल पहले स्व. नरसिंह मंडल ने पहली बार रायपुर में गुरु घासीदास की शोभायात्रा निकाली थी। फिर प्रदेश के अन्य तहसील और ब्लॉक में इसकी शुरुआत हुई। तब से चली आ रही यह परंपरा आज कोरोना के चलते टूट गई है। बैठक में संरक्षक शकुन डहरिया, डॉ. जेआर सोनी, सुंदरलाल लहरे, सुंदरलाल जोगी, जीआर बाघमारे आदि मौजूद रहे।

4 के बजाय इस बार 2 दिन का ही उत्सव, सीएम होंगे शामिल
गुरु पर्व पर मुख्य समारोह न्यू राजेंद्र नगर स्थित सांस्कृतिक अकादमी में किया जाता है। वैसे तो हर साल यहां 4 दिनी महोत्सव का आयोजन होता है, लेकिन इस बार आयोजन समिति ने इसमें भी बड़ा बदलाव किया है। महोत्सव इस बार 4 के बजाय 2 दिन का ही होगा। 17 दिसंबर को महिलाओं की उपस्थिति में सामान्य कार्यक्रम होंगे। 18 दिसंबर को जैतखाम पर पालो चढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री डॉ. शिव डहरिया इस कार्यक्रम में बतौर अतिथि शामिल होंगे।

झांकियां सिर्फ रायपुर नहीं आसपास के गांवों से भी पहुंचती हैं
18 दिसंबर को निकलने वाली शोभायात्रा में रायपुर के अलावा आसपास के गांवों और शहरों की झांकियां भी शामिल होती रहीं हैं। अमूमन इन झांकियों में गुरु घासीदास के संदेशों और उनके विचार को दिखाया जाता है। वैसे तो हर साल झांकी बनाने की तैयारी हफ्तों पहले शुरू हो जाती थी, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों ने खुद भी तैयारी नहीं की थी। अब समिति की ओर से स्थिति स्पष्ट होने के बाद समाज भी सादगी से उत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है।

खमतराई में भी नहीं निकाली जाएगी शोभायात्रा
खमतराई सतनामी समाज ने भी पिछले 25 साल से निकल रही गुरु घासीदास की शोभायात्रा स्थगित कर दी है। समाज के अध्यक्ष सुरेश लहरे ने बताया कि खमतराई में हम 2 दिन गुरु पर्व मनाते थे, लेकिन इस बार यह कार्यक्रम एक दिन का ही होगा। 18 दिसंबर को जोड़ा जैतखाम पर ध्वजारोहण किया जाएगा। इस दौरान समाज की महिलाएं मंगल भजन गाएंगी। कोई भव्य समारोह नहीं होगा। पूजा-पाठ और दूसरे कार्यक्रम सादगी से संपन्न कराए जाएंगे। निकाल रहा है।



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