कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूलों में क्लासरूम टीचिंग बंद है। स्कूल कब खुलेंगे इसे लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी है। इस वजह से अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि इस बार बोर्ड परीक्षा किस पैटर्न से होगी? परीक्षा केंद्र में इसका आयोजन होगा या फिर असाइनमेंट के आधार पर रिजल्ट तैयार किए जाएंगे? इसके बाद भी परीक्षा फीस के रूप में छात्रों से पैसे बटोरे जा रहे हैं। दसवीं-बारहवीं में इस बार नियमित छात्रों की संख्या करीब आठ लाख है। परीक्षा फीस के लिए 350 रुपए भी माना जाए तो करीब 28 करोड़ रुपए माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) कुछ ही दिनों में छात्रों से बटोर लेगा।
इस बार प्राइवेट से भी एग्जाम देने वाले छात्रों की संख्या अधिक है। 15 दिसंबर के बाद प्राइवेट से एग्जाम देने वाले छात्रों की संख्या सामने आएगी। फिर भी एक अनुमान के मुताबिक इस बार बोर्ड एग्जाम में फीस के रूप में माशिमं को करीब 30 करोड़ रुपए मिलेंगे। शिक्षाविदों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से मार्च से स्कूल बंद है। पिछली बार की बोर्ड परीक्षा में कुछ पेपर इस वजह से ही नहीं हुए। बाद में संबंधित विषयों में आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर नंबर देकर रिजल्ट जारी किए गए। अब भी स्कूल बंद है। यह कब खुलेंगे यह तय नहीं है। ऐसे में बोर्ड परीक्षा का इस बार पैटर्न क्या होगा इसे लेकर भी स्थिति साफ नहीं है। पिछले बरसों में नवंबर- दिसंबर में दसवीं-बारहवीं के प्रैक्टिकल के संबंंध में सूचना जारी हो जाती थी। दिसंबर में प्रोजेक्ट वर्क की परीक्षाएं शुरू हो जाती थी। लेकिन इस बार माशिमं से कोई सूचना जारी नहीं हुई है। वहीं दूसरी ओर परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है।
इस बार 5 लाख से अधिक नियमित छात्र : दसवीं की बोर्ड परीक्षा में इस बार 5 लाख से अधिक नियमित छात्र हैं। पिछली बार इस कक्षा में नियमित व प्राइवेट छात्रों की संख्या करीब साढ़े तीन लाख थी। इसी तरह इस बार बारहवीं में भी करीब 3 लाख नियमित छात्र हैं। जबकि पिछली बार नियमित व प्राइवेट छात्रों की संख्या करीब पौन तीन लाख थी। आगामी बोर्ड परीक्षा में प्राइवेट के रूप में कितने छात्र शामिल होंगे? इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आयी है। परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है।