परलकोट इलाके के बड़े मछली व्यापारी के घर में घुस कर बंदूक की नोक पर पांच लाख रूपए नगद व दो लाख रूपए के जेवरात लूट लिए गए। लुटरे स्वयं को नक्सली बता वहां से फरार हो गए। उनका हुलिया भी नक्सलियों जैसा होने के कारण व्यापारी डर के चलते घटना का किसी से जिक्र नहीं किया और न ही इसकी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
घटना के कुछ दिन बाद फिर से रकम की मांग की गई तो उनके नक्सली होने पर शक हो गया और व्यापारी ने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज करा दी। हालांकि लुटेरे कौन है यह तो स्पष्ट नहीं हुआ है लेकिन शिकायत दर्ज होने के साथ ही यह माना जा रहा है कि लुटेरे नक्सली नहीं है। उनके खिलाफ पुलिस मामला दर्ज कर उनकी तलाश कर रही है।
जिले में नक्सलियों के नाम से कई बार हो चुकी है लूट और वसूली
दूसरी बार में पांच लाख लेकर जंगल में बुलाया
इसके बाद 5 नवंबर को फिर से कथित नक्सली व्यापारी के घर पहुंचे और जान से मारने की धमकी देते पांच लाख रूपए देने कहा। रकम निकट के गांव नेलचांग के जंगल में पहुंचाने कहा गया। जिससे उनके नक्सली होने पर शक होने लगा। अगले दिन व्यापारी नेलचांग में लुटेरों के बताए पते पर पहुंचा तो वहां दो युवक मिले। उन्हें इतनी रकम की व्यवस्था नहीं होने की बात कह 7 दिन की मोहलत लेकर व्यापारी वापस आ गया।
नक्सली बनकर रकम के लिए भेजा गया था पत्र
इसके पूर्व सितंबर माह में भी इसी गांव कापसी पीवी 122 में इसी तरह मछली व्यापारी से नकली नक्सली बनकर पत्र लिख रकम की मांग की थी। पुलिस ने मामले की जांच करते व्यापारी के साथ काम करने वाले तथा निकट के गांव के कुछ युवकों को पकड़ा था। इस घटना को भी इसे से जोड़ कर देखा जा रहा है। आशंका है कि रकम लुटने वाले लोग व्यापारी के करीबी या उसे अच्छी तरह जानने वाले हो सकते हैं।
स्वयं को नक्सली जताने रखे थे वाकी टाकी
पहली बार पहुंचे तीनों युवक नक्सली वर्दी पहनने के साथ ही वाकी टाकी भी रखे थे। ताकि वे नक्सलियों की तरह दिख सकें। एक युवक बंदूक पकड़ा हुआ था लेकिन तीनों अपने चेहरे छिपा रखे थे जबकि नक्सली चेहरा नहीं छिपाते हैं। दूसरी बार फिर घर पहुंचे तो वे नक्सली वर्दी में थे लेकिन नेलचांग के जंगल में बिना वर्दी के दोनों युवक चेहरा छिपा रखे थे। उनके जंगल में बुलाने से भी संदेह हुआ लेकिन व्यापारी फिर भी डरा हुआ था।
व्यापारी जब घर से बाहर निकला तो टिका दी बंदूक
ग्राम कापसी पीवी 122 के मछली व्यापारी विश्वजीत अधिकारी 42 साल के घर में 18 अक्टूबर की रात 9 बजे तीन अज्ञात युवक पहुंचे थे जो नक्सली वर्दी पहने हुए थे। युवकों ने व्यापारी को उसके नाम से पुकारा। जिससे व्यापारी घर से बाहर आ गया। बाहर आते ही लुटेरों ने उस पर बंदूक टिका दी और रकम की मांग की। नहीं देने पर जान से मारने की धमकी देने लगे।
स्वयं को नक्सली बता व्यापारी पर आरोप लगा पिटाई भी की। इसके बाद उसके घर में घुसकर पांच लाख रूपए नगद व दो लाख रूपए के जेवर लेकर फरार हो गए। डर में व्यापारी ने इसकी जानकारी किसी को नहीं दी। पुलिस में भी शिकायत दर्ज नहीं कराई।
मामलों की जांच कर रही है पुलिस
जिले में नक्सलियों के नाम पर फर्जी नक्सली बनकर कई बार रकम की उगाही की गई है। लूट भी की गई है। जिले में कई नक्सलियों की तरफ से फर्जी पत्र भी भेजे गए हैं। इसमें कुछ मामले खुले हैं और कुछ की जांच चल रही है। परलकोट व भानुप्रतापपुर इलाके में इस तरह की घटना ज्यादा हुई है। पीवी 48 में इसी तरह दो साल पूर्व फर्जी नक्सली बन कर लूटपाट करने पहुंचे लुटेरों को ग्रामीणों ने घेर लिया था। इसके बाद इतनी पिटाई की थी कि एक लुटेरे की मौत तक हो गई।
पकड़े जाएंगे आरोपी
थाना प्रभारी शरद दुबे ने इस गांव में पहले भी फर्जी नक्सली बनकर वसूली की जा चुकी है। यह मामला भी कुछ वैसा है। जांच जारी है।
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