@अंबिकापुर//सीएनबी लाईव।।
संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय द्वारा जारी द्वितीय वर्ष के परीक्षा परिणामों से असंतुष्ट छात्रों के हित में श्रीराम सेना अंबिकापुर द्वारा आज कुलपति संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के नाम ज्ञापन सौंपा है जिसमें कहा गया है की - पूर्व में विश्वविद्यालय द्वारा जबरल प्रमोशन की बात कही गई थी उसके पश्चात जो परिणाम आया यह क विपरित है आता संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय से श्री राम सेना अम्बिकापुर यह आग्रह करती है कि सभी छात्रों को जनरल प्रमोशन के अनुरूप परिणाम देकर कक्षोन्जती/ पदोन्नती दी जाए, इस विषय पर तत्काल कार्यवाही नहीं किये जानें पर श्री राम सेना उग्र आंदोलन हेतु बाध्य होगी जिसकी समस्त जिम्मेदारी संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।
जानिए क्या है पूरा मामला:-
अक्सर सुर्खियों में रहे संत गहिरा गुरु विश्व विद्यालय का एक और कारनामा सामने आया है, जनरल प्रमोशन का प्रावधान होने के बाद भी सड़कों की संख्या में छात्र-छात्राओं की फेल कर दिया गया है। परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद अब फेल होने वाले छात्रों की बेचैनी बढ़ गई है इसके साथ ही उन्होंने विवि प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल उठाया है। इधर विवि प्रबंधन का कहना है कि उन्हें जनरल प्रमोशन प्रथम वर्ष के अंकों के आधार पर ही देना था और जो छात्र पिछले वर्ष ग्रेस के माध्यम से पास हुए थे और इस बार पहली लिखित परीक्षा में फेल हुए हैं उन्हीं छात्रों को फेल किया गया है। दरअसल कोरोना संक्रमणकाल शुरू होते ही लॉकडाउन लग गया था। कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन के कारण कॉलेजों की परीक्षा प्रभावित हुई थी। सरगुजा में संचालित संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय से सम्बध्द कालेजों की परीक्षा भी इस बार नहीं हो पाई थी। ऐसे में शासन ने प्रथम वर्ष व द्वितीय वर्ष की परीक्षा को पूर्ण रूप से स्थगित कर जनरल प्रमोशन देने का प्रावधान किया था जबकि अंतिम वर्ष के छात्र छात्राओं की ऑनलाइन परीक्षा ली गई।
जनरल प्रमोशन मिलने का मतलब यह था कि प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों को बिना परीक्षा के ही पास किया जाना था लेकिन जब विश्व विद्यालय द्वारा परिणामों की घोषणा की गई तो 300 से अधिक छात्र-छात्राएं ऐसे है जो द्वितीय वर्ष की परीक्षा में फेल हो गए है। फेल होने वाले छात्र-छात्राओं में विवि के इस फैसले व परिणाम घोषणा को लेकर बेहद नाराजगी है उन्होंने परिणाम में लापरवाही का आरोप लगाया है इधर विवि प्रबंधन का कहना है कि शासन द्वारा जनरल प्रमोशन का प्रावधान किया गया था लेकिन जनरल प्रमोशन के लिए आंतरिक मूल्यांकन, असाइनमेंट के अंकों या किर प्रथम वर्ष में मिले अंको को आधार बनाकर नंबर देने के निर्देश दिए गए थे। विवि प्रबंधन ने प्रथम वर्ष के स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल के आधार पर नंबर दिया है जबकि द्वितीय वर्ष के स्टूडेंट्स को प्रथम वर्ष में मिले नंबर के आधार पर नंबर दिया गया है। इसके साथ ही शासन का निर्देश था कि जिन विषयों की परीक्षा लॉक डाउन के पहले हो गई है उनका मूल्यांकन कराकर उसके आधार पर ही नंबर दिया जाए। ऐसे में पिछले वर्ष कई ऐसे छात्र थे जिन्हें प्रथम वर्ष की परीक्षा में एक विषय में ग्रेस देकर पास किया गया था जबकि इस वर्ष एक विषय की परीक्षा में भी वे फेल हुए है। ऐसे में इस वर्ष एक विषय फेल होने के साथ ही पिछले वर्ष एक विषय में फेल होने के कारण पूर्ण रूप से फेल माना गया है।