सॉफ्टवेयर में खराबी से जारी नहीं हुआ टोकन इसलिए समितियों में पहुंचे ही नहीं किसान...

सॉफ्टवेयर में खराबी से जारी नहीं हुआ टोकन इसलिए समितियों में पहुंचे ही नहीं किसान...

Avinash

धान खरीदी के लिए टोकन पहले दिन जारी नहीं हो पाया। शुक्रवार को सॉफ्टवेयर में खराबी के कारण यह स्थिति बनी। मौसम बिगड़ने से किसान भी समितियों में नहीं पहुंचे। धान खरीदी शुरू होेने में अब 3 दिन का समय बाकी है। अभी जो टोकन जारी किया जाएगा उससे किसान 1 दिसंबर को धान बेच सकेंगे। कोरबा के साथ दूसरे जिलों में भी साफ्टवेयर के कारण टोकन जारी होने में परेशानी हुई।
जिले में धान खरीदी के लिए 41 समितियों में 49 केन्द्र बनाए गए हैं। इस बार धान बेचने के लिए 32 हजार 589 किसानों ने पंजीयन कराया है। जिसमें से 5706 नए किसान हैं। राज्य शासन ने एक दिसंबर से धान बेचने के लिए 27 नवंबर से टोकन काटने का आदेश जारी किया था। लेकिन सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण टोकन जारी नहीं हो पाया। दो दिनों से बदली व बारिश की वजह से किसान धान को समेटने में लगे हैं। इसकी वजह से केन्द्रों तक नहीं पहुंचे। इस बार जिले को नए बारदाने नहीं मिलेंगे। पुराने बारदानों से ही धान खरीदनी पड़ेगी।

सुधार के बाद साॅफ्टवेयर से ही कटेगा टोकन: नोडल अधिकारी
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के नोडल अधिकारी एसके जोशी का कहना है कि साफ्टवेयर में सुधार के बाद टोकन जारी किया जाएगा। यह समस्या और भी जिलों में है। अभी किसानों के पास समय है। पहले दिन कोई टोकन कटवाने नहीं आए। आज देखते हैं क्या होता है।

टोकन एक सप्ताह रहेगा वैध, इस बीच बेचेंगे धान
इस बार टोकन सिस्टम से ही धान की खरीदी होगी। किसानोें को जो टोकन जारी किया जाएगा उसकी वैधता एक सप्ताह रहेगी। किसान इसके भीतर कभी भी धान बेचने के लिए समय ले सकेंगे। एक बार में तीन टोकन ले सकेंगे। जितना रिकॉर्ड में रकबा दर्ज है उतना ही धान बेचेंगे।

7 नए केन्द्रों में चबूतरा भी नहीं बन पाया
धान खरीदी केन्द्रों की संख्या बढ़ी है। 7 नए केन्द्र बनाए गए हैं। जिसमें कराईनारा, नोनबिर्रा, लबेद, सुमेंधा, कुलहरिया, रिसदी व दादरखुर्द शामिल हैं। लेकिन किसी भी केन्द्र में शेड तो दूर चबुतरा भी नहीं बना है। हालांकि तीन समितियों को छोड़ शेड नहीं बना है। बारिश होने पर समितियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।



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