भाजपा नेताओं के आपसी विवाद के कारण अब तीन जिलों के अध्यक्ष की नियुक्ति अटक गई है। इनमें रायपुर ग्रामीण, दुर्ग और भिलाई संगठन जिले शामिल हैं। अब त्योहार के बाद ही नियुक्ति हो सकती है।
छत्तीसगढ़ भाजपा में संगठन चुनाव की शुरुआत से ही विवाद उभरने लगा था। मंडल चुनाव के दौरान ही तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी से नाराज कार्यकर्ता रायपुर पहुंच गए थे। इसके बाद एक-एक कर अलग-अलग मंडलों और जिलों में विवाद उभरा। इस वजह से 11 जिलों में नियुक्तियां ही नहीं की गईं। इस बीच संगठन ने उसेंडी के बदले विष्णुदेव साय को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी। साय भी बड़ी मुश्किल से 8 जिलों की ही नियुक्ति कर पाए। रायपुर जिलाध्यक्ष की नियुक्ति से पहले कार्यकर्ताओं ने मुखर होकर सोशल मीडिया पर नेताओं के खिलाफ बयानबाजी की थी। अब रायपुर ग्रामीण, दुर्ग और भिलाई में कई दिग्गज नेताओं के कारण नियुक्तियां अटक गई हैं।
नेताओं का दबाव, जातिगत समीकरण भी
रायपुर ग्रामीण में पूर्व सांसद रमेश बैस अपने रिश्तेदार का नाम आगे बढ़ा रहे हैं। सांसद सुनील सोनी पूर्व विधायक देवजी पटेल के नाम पर जोर दे रहे हैं। रायपुर होने के कारण बाकी नेताओं की भी अपनी-अपनी पसंद-नापसंद है। दुर्ग-भिलाई में राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय, सांसद विजय बघेल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पांडेय के खेमे से नाम आने के कारण एकमत नहीं हो पा रहे हैं।