आज के समय में ऑनलाइन डेटा एक्सपोज होना एक आम बात हो चुकी है. लेकिन, डेटा एक्सपोज का आम बात होना इसके खतरे को कम नहीं करता है. खासतौर पर तब, जब यह डेटा किसी डेटिंग ऐप्स (Dating Apps) से एक्सपोज हो और इसमें किसी विशेष श्रेणी और रुचि के समूह हों. इस साल मई महीने में दो सिक्योरिटी रिसचर्स को ओपेन इंटरनेट स्कैनिंग (Open Internet Scanning) के दौरान अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) के बकेट्स में ऐसे ही डेटा के एक कलेक्शन मिले. इस कलेक्शन में कई स्पेशलाइज्ड डेटिंग वेबसाइट्स के डेटा मौजूदा थे. इन दोनों रिसचर्स को कुल 845 गिगाबाइट्स डेटा और करीब 25 लाख रिकॉर्ड्स मिले हैं. इसमें हजारों लोगों की व्यक्तिगत जानकारी, उनके प्राइवेट चैट्स की स्क्रीनशॉट्स आदि हैं.
डेटिंग ऐप्स की सेंसिटिव जानकारियां:
दोनों रिसचर्स ने दावा किया है कि इन डेटिंग ऐप्स के जरिए उनके हाथ लगने वाला डेटा बेहद सेंसिटिव और सेक्सुअल कॉन्टेंट वाला है. उनमें डेटिंग प्लेटफॉर्म्स के प्राइवेट चैट्स, उनके स्क्रीनशॉट्स, पेमेंट की रसीद जैसी जानकारिया हैं. रिसचर्स ने चेतावनी देते हुए कहा है कि संभावित हैकर्स चुटकियों में इन सेंसिटिव जानकारियों पर अपना हाथ साफ कर सकते हैं. इन जानकारियों के जरिए यूजर्स की पहचान भी की जा सकती है. हालांकि, रिसचर्स ने इस डेटा को हैक नहीं किया था लेकिन उन्होंने इन डेटा की सुरक्षा पर सवाल जरूर खड़े किए हैं.
रिसचर्स ने पाया कि ये सभी डेटा एक ही सोर्स से आए हैं. इनका इन्फ्रास्ट्रक्चर लगभग एक जैसा था और इनके वेबसाइट का लेआउट भी करीब-करीब एक जैसा ही था. इनमें से कई ऐप्स ने गूगल प्ले स्टोर पर Cheng Du New Tech Zone नाम के डेवलपर द्वारा लिस्टेड हैं.
बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं ये डेटा
उन्होंने यह भी बताया यह कहना मुमकिन नहीं कि किसी और व्यक्ति के हाथ ये जानकारियां लगी हैं या नहीं. एक रिपोर्ट में इन रिसचर्स के हवाले से लिखा गया है कि ईमेल और पासवर्ड जैसी जानकारियों का हैक होना उतना खतरनाक नहीं होता है, जितना इस तरह के डेटा के हैक या चोरी होने का होता है. ये डेटा किसी को मानसिक रूप से परेशान करने से लेकर जबरन वसूली और अन्य तरह के जुर्म को बढ़ावा देते हैं.
डेटिंग ऐप्स की सेंसिटिव जानकारियां:
दोनों रिसचर्स ने दावा किया है कि इन डेटिंग ऐप्स के जरिए उनके हाथ लगने वाला डेटा बेहद सेंसिटिव और सेक्सुअल कॉन्टेंट वाला है. उनमें डेटिंग प्लेटफॉर्म्स के प्राइवेट चैट्स, उनके स्क्रीनशॉट्स, पेमेंट की रसीद जैसी जानकारिया हैं. रिसचर्स ने चेतावनी देते हुए कहा है कि संभावित हैकर्स चुटकियों में इन सेंसिटिव जानकारियों पर अपना हाथ साफ कर सकते हैं. इन जानकारियों के जरिए यूजर्स की पहचान भी की जा सकती है. हालांकि, रिसचर्स ने इस डेटा को हैक नहीं किया था लेकिन उन्होंने इन डेटा की सुरक्षा पर सवाल जरूर खड़े किए हैं.
बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं ये डेटा
उन्होंने यह भी बताया यह कहना मुमकिन नहीं कि किसी और व्यक्ति के हाथ ये जानकारियां लगी हैं या नहीं. एक रिपोर्ट में इन रिसचर्स के हवाले से लिखा गया है कि ईमेल और पासवर्ड जैसी जानकारियों का हैक होना उतना खतरनाक नहीं होता है, जितना इस तरह के डेटा के हैक या चोरी होने का होता है. ये डेटा किसी को मानसिक रूप से परेशान करने से लेकर जबरन वसूली और अन्य तरह के जुर्म को बढ़ावा देते हैं.