@रायपुर//सीएनबी लाईव।।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की है। रमन ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने वर्क्स डिपार्टमेंट के लिए निर्धारित गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाकर टेंडर बांटे और उसमें कमीशन खाया। जांच के आदेश दिए गए हैं, लेकिन यह झगड़ा परसेंटेज का है। परसेंटेज कौन ज्यादा ले, इस पर जांच के आदेश दिए गए हैं।
एकात्म परिसर में मीडिया से बातचीत में रमन ने कहा कि केंद्र की योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार के संबंध में उन्होंने पीएम को चिट्ठी लिखी है। पीएम मोदी का विजन और सोच साफ है। वे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखते। छत्तीसगढ़ के 41 लाख से ज्यादा परिवारों को पाइपलाइन के जरिए पानी सप्लाई के जल जीवन मिशन के अंतर्गत सात हजार करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। 16 हजार से ज्यादा गांव, पारे-टोले व मजरे को चिह्नांकित कर योजना बनाई गई। कंस्ट्रक्शन वर्क्स के लिए एजेंसी तय करनी होती है, लेकिन यहां कमीशन के लिए गाइडलाइन की ही धज्जियां उड़ाई गईं।
इस मामले में सीएम ने जांच की घोषणा की है, लेकिन सरकार की यह जांच लीपापोती है। बता दें कि इससे पहले पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू ने भी जल जीवन मिशन में जांच के लिए चिट्ठी लिखी थी। साहू ने कहा कि केंद्र सरकार से मिशन की आबंटित राशि को पंचायत व नगरीय निकाय को अंतरित कर दे क्योंकि सभी प्रकार की जल योजनाओं की जिम्मेदारी इन्हीं की होती है। इसलिए 70 फीसदी राशि इन निकायों को दी जाए।
जोगी कांग्रेस ने राज्यपाल से की मामले की शिकायत
जोगी कांग्रेस ने जल जीवन मिशन योजना में हुई अनियमितता के दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। जोगी कांग्रेस के युवा नेता प्रदीप साहू के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने बुधवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके को ज्ञापन सौंपा। युवा नेताओं पीएचई विभाग के प्रमुख अभियंता एम एल अग्रवाल एवं अन्य अफसरों को बर्खास्त करने के साथ ही पीएचई मंत्री से इस्तीफे की मांग की है। जोगी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मुख्य अभियंता अजय साहू द्वारा कुछ कंपनियों को लाभ पहुंचाते हुए नियमों को तोड़कर बिना वर्क आर्डर एग्रीमेंट के बेमेतरा, रायपुर, धमतरी एवं अन्य जिलों में करोड़ों रुपए के ठेकेदारों से काम भी करवाया जा चुका है जो भारी अनियमितता को उजागर करता है।
मुख्य सचिव की कमेटी कर रही जांच
"जब कोई अनियमितता हुई ही नहीं है तो किस बात की जांच की मांग कर रहे हैं। सरकार ने इस मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव की कमेटी बना दी है। कमेटी जांच कर रही है। कमेटी के निर्णय के आधार पर सरकार कार्रवाई करेगी।"
-सत्यनारायण शर्मा, पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक