पुराने ट्रेंचिंग ग्राउंड सरोना के 4 लाख टन कचरे में फंसा निगम, लगेगा जुर्माना

पुराने ट्रेंचिंग ग्राउंड सरोना के 4 लाख टन कचरे में फंसा निगम, लगेगा जुर्माना

Avinash

नगर निगम के पुराने ट्रेंचिंग ग्राउंड सरोना में पहाड़ में तब्दील हो चुका 4 लाख टन से ज्यादा कचरा निगम को भारी पड़ सकता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कचरे के इस पहाड़ को पूरी तरह साफ करने के लिए अप्रैल 2021 की डेडलाइन दी थी। सिर्फ पांच महीने बचे हैं, लेकिन अब तक यहां से एक किलो कचरा नहीं हटाया जा सका है। वजह ये है कि चेतावनी के बावजूद नगर निगम ने अब तक कचरा हटाने के लिए कोई एजेंसी ही नियुक्त नहीं की थी। अब जगह जुर्माने की अाशंका बढ़ गई है, तब जाकर सामान्य सभा से ठेके की अनुमति ली गई है। अगर अभी से काम शुरू किया जाए, तब भी टेंडर जारी करने, उसके खुलने, एजेंसी से एंग्रीमेंट और काम शुरू होते-होते छह महीने लग जाएंगे, यानी एनजीटी की डेडलाइन कचरा हटाए बिना ही निकल जाएगी। ऐसे में निगम को तगड़ा जुर्माना देना पड़ सकता है।
ट्रेंचिंग ग्राउंड के कारण सरोना में आसपास रहने वाले लोग प्रदूषण और कचरे से परेशान थे। लोगों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं भी लगा दी गई थी। इसके बाद निगम को ट्रेंचिंग ग्राउंड की जगह बदलकर संकरी में करना पड़ा। सरोना में निगम पिछले दो दशक से कचरा डंप करता रहा। जुलाई 2019 में यहां कचरा डंप करना बंद कर नए ट्रेंचिंग ग्राउंड संकरी में काम शुरू किया गया है। इसके साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अप्रैल 2021 तक सरोना में डंप करने को नष्ट करने की टाइमलाइन दी है। इसके बाद भी यदि कचरा नष्ट हुआ तो निगम पर जुर्माना लगाया जाएगा और यह जुर्माना तब तक लगेगा जब तक पूरा कचरा नष्ट न हो जाए। विशेषज्ञों का कहना है कि टेंडर की प्रक्रिया और उसके बाद कंपनी के साथ अनुबंध होने में ही एनजीटी की टाइम लिमिट खत्म हो जाएगी।
इसके बाद पूरे कचरे को नष्ट करने में कम से कम सालभर का वक्त लगेगा। यानी निगम को मई 2021 से लगभग सालभर तक जुर्माना लग सकता है।

इस नियम के तहत अप्रैल 2021 तक नष्ट करना है
एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल या राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) के निर्देश तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के नियम 22 की कंडिका 11 के अनुसार कचरा नष्ट करने के लिए पांच वर्ष की मोहलत है। यह मोहलत नियम लागू होने की तारीख यानी 1 अप्रैल 2016 से 30 अप्रैल 2021 तक है। रायपुर निगम के पास 2020 का दिसंबर महीना और उसके बाद 2021 का चार महीना यानी कुल पांच महीने का वक्त बाकी है। इस समय सीमा तक कचरा नष्ट होना नामुमकिन है। लिहाजा एनजीटी की ओर से निगम पर जुर्माना लगाया जाना लगभग तय है।

"पिछले सालभर से कोरोना की वजह से भी पूरा काम ठप था। नियम तो अप्रैल 2021 तक नष्ट करने का है। कोरोना का हवाला देकर हम एनजीटी से थोड़ी राहत मांगेंगे।"
-नागभूषण राव यादव, चेयरमैन स्वास्थ्य विभाग निगम



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संकरी स्थित वेस्ट डिस्पोजल प्लांट।


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