राजधानी के बूढ़ातालाब का सौंदर्यीकरण दो हफ्ते पहले किया गया। इसमें 12 करोड़ रुपए खर्च हुए। तालाब के एक ओर कई तरह की संरचनाएं बनाई गई हैं। लाइट्स वगैरह इस तरह से लगी हैं कि यह सुंदर नजर आ रहा है। लेकिन इस खूबसूरती को बिगाड़ने की कोशिशें भी थमी नहीं हैं। जब तक तालाब पर काम चला, तब तक निगरानी की वजह से इसमें कूड़ा डालना बंद हो गया था। लेकिन अब यह फिर शुरू कर दिया गया है। तालाब में कचरे की वजह से अगर फिर सड़ांध उठने लगी तो लोग वहां जाने से परहेज करने लगेंगे, जैसा पहले करते थे।
मनाही 10 साल से
बूढ़ातालाब में कूड़ा या अन्य सामान डालने की मनाही 10 साल से है, लेकिन इसकी निगरानी की व्यवस्था अब तक नहीं बन पाई है। इसके रखरखाव के नगर निगम की तरफ से एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया जाना है। लेकिन यह नियुक्ति भी अब तक नहीं हो पाई है। तालाब में कचरा डालने का सिलसिला त्योहारी सीजन के दौरान शुरू हुआ है। तालाब किनारे दो-तीन जगह कचरा नजर आ रहा है। लोगों का कहना है कि एक तरफ इस पर करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं, अगर निगरानी नहीं रखी गई तो यह फिर कूड़ातालाब में तब्दील हो सकता है।