14 बोरी एक्सपायर दवाइयां और सिरप सड़क पर ही फेंका... लापरवाही से बड़े नुकसान का अंदेशा...

14 बोरी एक्सपायर दवाइयां और सिरप सड़क पर ही फेंका... लापरवाही से बड़े नुकसान का अंदेशा...

Avinash

@छत्तीसगढ़ // सीएनबी लाईव।। 

रजबंधा मैदान की फरिश्ता कांप्लेक्स से लगी सड़क पर सोमवार को सुबह सड़क पर बड़ी मात्रा में एक्सपायर दवाइयां, टेबलेट और सिरप फेंक दिए गए। इनमें खांसी और शक्तिवर्धक सिरप के साथ-साथ कई तरह की टैबलेट और क्रीम वगैरह थीं। इसके आसपास कचरा बीनने वाले दो-चार बच्चे इकट्ठा हो गए और मवेशी भी पहुंचे। दोपहर 1 बजे भास्कर टीम ने सड़क पर दवाइयों का जखीरा देखा तो ड्रग विभाग के अफसरों को सूचित किया। असिस्टेंट ड्रग कमिश्नर हिरेन पटेल ने मौके पर ड्रग इंस्पेक्टर परमानंद वर्मा तथा अन्य स्टाफ को भेजा। यह गैरकानूनी है, इसलिए ड्रग अमले ने तलाश शुरू कर दी कि आखिर यह काम किसका है। इंस्पेक्टर वर्मा ने बताया कि जांच में पता चला कि दवाइयों की एक दुकान कुछ साल से बंद थी। वह दूसरे कारोबारी ने ली और संभवत: उसी ने पहले से भरी दवाइयां सड़क पर फेंक दीं। इसके बाद ड्रग विभाग की टीम ने मौके से 14 बोरियों में फेंकी गई दवा उठाई। अफसरों ने बताया कि यह घोर लापरवाही है, क्योंकि अगर मवेशी इसे खा लेते या बच्चे उठाकर ले जाते तो यह खतरनाक हो सकता है। जिसकी दवाइयां थीं, उस दुकानदार को कल ड्रग कंट्रोलर दफ्तर में तलब किया जा रहा है। अफसरों ने बताया कि इस अपराध में कारोबारी का ड्रग लाइसेंस भी रद्द हो सकता है।

डिस्पोज करने के लिए केमिकल का उपयोग जरूरी
ड्रग अफसरों के अनुसार जो दवाइयां कुछ हफ्ते की एक्सपायर रहती हैं, उसे संबंधित कंपनी को लौटाने का नियम है। ज्यादा समय हो गया तो उसे बायो मेडिकल वेस्ट के नियमों के अनुसार डिस्पोज करवाना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार दवा बनाने में अलग-अलग कम्पोजीशन व केमिकल का उपयोग होता है। तय समय तक इसका प्रभाव एक सामान रहता है। एक्सपायरी का मतलब है कि केमिकल प्रभाव बदलने लगते हैं। ऐसे में फायदे के बजाय एक्सपायर्ड दवाइयों के साइड-इफेक्ट भी हो सकते हैं।
रिपोर्टर फोटो स्टोरी : संदीप रजवाड़े



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