छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) ने सिविल जज के 39 पदों के लिए आयाेजित परीक्षा की अंतिम चयन सूची जारी कर दी। रिजल्ट में गर्ल्स का दबदबा रहा है। सलेक्टेड 39 कैंडिडेट्स में से 25 गर्ल्स हैं। टाॅप 10 में महज 1 मेल कैंडिडेट काे जगह मिली है। अंकिता अग्रवाल राज्य में पहले स्थान पर रहीं हैं। वहीं, दिव्या गोयल सेकंड और ऐश्वर्या दीवान थर्ड पोजिशन पर रहीं हैं। शैलेष कुमार वशिष्ठ ने चाैथा स्थान हासिल किया है। चाणक्य लाॅ एकेडमी के मेंटर नितिन कुमार नामदेव ने बताया कि प्री एग्जाम में राज्य से लगभग 6 हजार उम्मीदवार शामिल हुए थे, जिसमें से 427 काे मेंस के लिए शाॅर्टलिस्ट किया गया था। इनमें से 127 काे इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। 126 कैंडिडेट इंटरव्यू देने पहुंचे, जिनमें से 39 की चयन सूची जारी की गई है। अब इन्हें काेर्ट के काम-काज की ट्रेनिंग दी जाएगी।
अंकिता अग्रवाल - रैंक 1-
25 सालों के पेपर किए साॅल्व, रोज 2 जजमेंट लिखने की करती थी प्रैक्टिस
साल 2018 में हुए एमपी सिविल जज में सेकंड रहने वाली अंकिता अग्रवाल काे राज्य में फर्स्ट पोजिशन मिली है। उन्हें मेंस में 100 में 82.5 और इंटरव्यू में 15 में 13 अंक मिले हैं। फाफाडीह निवासी 25 साल की अंकिता ने बताया, डेढ़ साल से जबलपुर में सिविल जज हूं। मुझे छत्तीसगढ़ में काम करना था इसलिए सीजी पीएससी दिया। जॉब के साथ तैयारी करना आसान नहीं था। सुबह 10.30 से शाम 5 बजे तक कोर्ट के काम करने के बाद पढ़ती थी। मेंस के लिए रोज 2 जजमेंट लिखकर प्रैक्टिस करती थी। 25 सालों में क्वेश्चन पेपर भी सॉल्व किए। ट्रांसलेशन पर फोकस किया। कोई भी पैराग्राफ उठाकर हिन्दी और अंग्रेजी में ट्रांसलेट करती थी। इंटरव्यू में ज्यादातर सवाल लीगल और प्रैक्टिकल वर्किंग से रिलेटेड पूछे गए।
ऐश्वर्या दीवान रैंक- 3
रोज डिफरेंट टाॅपिक के 100 ऑब्जेक्टिव करती थी सॉल्व
सुंदरनगर में रहने वाली 26 साल की ऐश्वर्या को मेंस में 100 में से 80 और इंटरव्यू में 15 में 11 अंक मिले हैं। उन्होंने बताया, यह मेरा पहला अटैंप्ट था। 2017 में एचएनएलयू से ग्रेजुएट होने के बाद तैयारी शुरू की। इस दाैरान बायो डायवर्सिटी बोर्ड में बताैर लीगल एडवाइजर काम भी शुरू कर दिया था। जाॅब के साथ ही तैयारी भी करती रही। प्री एग्जाम में ऑब्जेक्टिव पर खास ध्यान दिया। राेज अलग-अलग टॉपिक के 100 सवाल सॉल्व करती थी। एक्ट से जुड़ी खास जानकारी रिवाइज करते रहती थी। हर टॉपिक पढ़ने के बाद उससे संबंधित की-पॉइंट्स लिख लेती थी। जब मेंस की तैयारी की बारी आई तो रोज सिविल और क्रिमिनल जजमेंट के एक एक पेपर लिखती थी। ट्रांसलेशन के लिए एक्ट में शामिल सभी शब्दों को रिवाइज करती थी। स्ट्रेस फ्री रहने के लिए पेंटिंग और आर्ट एंड क्राफ्ट करती थी। पिता अनुराग दीवान मिनरल रिसोर्स डिपार्टमेंट में जॉइंट डायरेक्टर हैं। मम्मी प्रिया हाउसवाइफ हैं।
हादसे से हुए शारीरिक-दिमागी रूप से कमजोर पांच महीने चला इलाज, अब मिली 28वीं रैंक
श्याम नगर में रहने वाले पार्थ दुबे को 28वीं रैंक मिली है। उन्हाेंने फिजिकली चैलेंज्ड कैटेगिरी से एग्जाम दिया था। नवंबर 2014 में सड़क हादसे में उनका बायां हाथ और पैर कमजोर हो गया। एक्सीडेंट इतना खतरनाक था कि वे अपना सेंस तक खो बैठे। डॉक्टर ने ये तक कह दिया कि अब आपके बेटे का दिमाग नवजात बच्चे जैसा चुका है। पार्थ ने बताया, पैरेंट्स ने मुझे फिर से बोलना, चलना, बात करना सिखाया। मैं 2 महीने रायपुर के हॉस्पिटल में और 3 महीने बेंगलुरु के रिहैबिलिटेशन सेंटर में रहा। वक्त के साथ हादसे से तो उबर गया लेकिन लिखने की क्षमता खो बैठा। सिविल जज के प्री में स्क्राइब यानी राइटर की मदद से एग्जाम दिया था, लेकिन मेंस में पीएससी ने राइटर देने से मना कर दिया। पिटीशन फाइल कर कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिरकार राइटर मिल गया। उनके पिता दीपक दुबे गवर्नमेंट स्कूल खम्हारडीह में प्रिंसिपल हैं। मम्मी डॉ रश्मि दूबे डीबी गर्ल्स कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
टॉप 10 लिस्ट
टॉप 10 में 9 गर्ल्स को जगह मिली। ये है मेरिट लिस्ट-
1 अंकिता अग्रवाल, 2 दिव्या गोयल, 3 ऐश्वर्या दीवान, 4 शैलेष कुमार वशिष्ठ, 5 आफरीन बानो, 6 हर्षि अग्रवाल, 7 मीनू नंद, 8 प्रज्ञा अग्रवाल, 9 स्वर्णा डेहारे, 10 काम्या अय्यर
गर्ल्स अाैर इंग्लिश मीडियम के स्टूडेंट्स का दबदबा
चाणक्य लॉ एकेडमी के मेंटर नितिन कुमार नामदेव ने बताया कि अंतिम चयन सूची में गर्ल्स और इंग्लिश मीडियम के स्टूडेंट्स का दबदबा रहा है। 39 में से 25 गर्ल्स हैं। वहीं, लगभग 70 प्रतिशत उम्मीदवार इंग्लिश मीडियम के हैं। एक और रोचक बात ये है कि ज्यादातर कैंिडडेट 25 से 29 साल के हैं।