पिछले 14 दिनों यानी 22 सितंबर लॉकडाउन से प्रदेश में 2 दिन को छोड़कर 3000 व रायपुर में 500 से कम मरीज मिले हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह सिलसिला जारी रहा तो राहत की उम्मीद बढ़ेगी। हालांकि जानकारों का यह भी कहना है कि पिछले 15 दिन से जांच कम हो रही है। प्रदेश में रोजाना औसतन 12 से 15 हजार सैंपल जांचे जा रहे हैं। राजधानी में भी औसत 1500-1800 टेस्ट का है। अर्थात, कुल टेस्ट करवाने वालों में 20 प्रतिशत लोग यानी हर पांच में से एक व्यक्ति अब भी पाजिटिव निकल रहा है। राजधानी समेत प्रदेश के संक्रमण प्रभावित 17 जिलों में सितंबर का अंतिम पखवाड़ा या सप्ताह लाॅकडाउन में गुजरा है। लगभग तभी से कोरोना मरीजों की संख्या कम हुई है। पिछले 14 दिनों में अगर 26 व 28 सितंबर को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश में मरीजों की संख्या रोजाना 3000 से कम आई है।
रायपुर में 22, 23, 26 सितंबर व 28 सितंबर को छोड़कर बाकी दिन मरीजों का औसत 500 से कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि मरीज कम मिल रहे हैं तो संक्रमण कम हो गया है, यह कहना जल्दबाजी होगी। हालांकि डाक्टरों का पहले भी अनुमान था कि सितंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह से मरीज कम होने लगेंगे। हालांकि रायपुर को छोड़कर दूसरे जिला में मरीजों की संख्या कुछ बढ़ी है। इसलिए रोज दो हजार से ज्यादा नए मरीज मिल रहे हैं।
इन दिनों रोजाना 12 से 15 हजार सैंपल की रिपोर्ट आ रही है। हालांकि प्रदेश में इससे पहले 22, 25 से लेकर 32000 सैंपल की रिपोर्ट 1 दिन में आई है। पिछले कुछ दिनों से लोग सैंपल देने बाहर नहीं जा रहे हैं। यही कारण है कि जांच भी कम हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि सर्वे चल रहा है। इसमें कोरोना के संदिग्ध की पहचान की जाएगी। हो सकता है इससे सैंपल देने वालों की संख्या बढ़ जाए। अधिकारियों का यह भी कहना है कि लोग सर्दी, खांसी, बुखार लेकर दूसरी बीमारियों को छुपाते हैं। इस कारण भी सर्वे में सही बातें पता नहीं चल पाती। लोगों को परिवार के सदस्यों की पूरी और सही जानकारी देनी चाहिए।
रायपुर में मरीज
- 24 सितंबर - 410
- 25 सितंबर - 580
- 26 सितंबर - 891
- 27 सितंबर - 462
- 28 सितंबर - 590
- 29 सितंबर - 456
- 30 सितंबर - 544
- 1 अक्टूबर - 358
- 2 अक्टूबर - 395
- 3 अक्टूबर - 250
- 4 अक्टूबर - 307
- 5 अक्टूबर - 175