
अगर किसी परिवार को उनके यहां होने वाले वैवाहिक समारोह या फिर इलाज के लिए पैसों की जरूरत हो तो उन्हें जमीन बेचने की अनुमति देते हुए तहसील दफ्तर में ऐसे मामलों की सुनवाई अलग से करने की व्यवस्था की गई है। कोरोना काल में अब 200 से ज्यादा आवेदन ऐसे आए हैं जिनमें लोगों ने कहा है कि उन्हें परिवार में शादी के लिए पैसों की जरूरत है। जमीन बेचनी होगी, इसलिए उनके आवेदन पर पहले सुनवाई की जाए। तहसील के कई अफसरों-कर्मचारियों के पाजिटिव होने के कारण जुलाई में दिए गए कई मामलों की सुनवाई सितंबर तक बढ़ा दी गई थी। लेकिन केवल इस तरह के आवेदनों की सुनवाई अब तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की विशेष कोर्ट में शुरू कर दी गई है।
ऐसे आवेदन में जिनमें घर की बड़ी जरूरत के लिए जमीन की खरीदी-बिक्री का आवेदन दिया गया है, नई व्यवस्था उनकी सुविधा के लिए बनाई गई है। इनमें शादी संबंधी आवेदन ही सबसे ज्यादा हैं। हालांकि केंद्र सरकार की अनलॉक गाइडलाइन 30 नवंबर तक बढ़ने के बावजूद शादियों के लिए अनुमति लेने का नियम खत्म नहीं किया गया है। शादियों के लिए लोगों को अभी भी च्वाइस सेंटरों से आवेदन कराए जा रहे हैं। वर-वधू पक्ष के 50-50 लोगों को शादी में शामिल होने की अनुमति दी जा रही है। जहां बिना अनुमति के शादी हो रही है, जांच तो वहां भी नहीं हो रही है। नई अनलॉक गाइडलाइन के अनुसार शादी या किसी कार्यक्रम के लिए हॉल की क्षमता के आधे लोग वहां मौजूद रह सकते हैं। शादी या कार्यक्रम के लिए अनुमति लेना भी अनिवार्य नहीं है, केवल सूचना देना है। कार्यक्रम के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन अनिवार्य तरीके से करना है।
लोगों को राहत देने की कोशिश
"कोरोना की वजह से प्रकरणों की सुनवाई आगे बढ़ाई गई थी, लेकिन जरूरतमंदों के केस लगातार सुने जा रहे हैं। ऐसे मामलों का निराकरण कर लोगों को राहत दी जा रही है।"
-अमित बेक, तहसीलदार रायपुर
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