
प्रदेश के पौने चार लाख अधिकारी-कर्मचारियों को सरकार महंगाई भत्ते की तीसरी किस्त देगी। इससे बाजार में 500 करोड़ रुपए आएंगे। जनवरी-19 से महंगाई भत्ता नहीं दिया गया है। इसमें से एक किस्त के पेमेंट को लेकर सीएम भूपेश बघेल और एसीएस वित्त के बीच प्रारंभिक चर्चा हो चुकी है। इसका भुगतान होने पर कोरोना से संकट में आए कर्मचारी और परिवार दीपावली अच्छे से मना पाएंगे। डीए देने पर सरकारी खजाने पर करीब 300 करोड़ रुपए का भार आएगा। डीई की तीन किस्तों के पेमेंट को लेकर कर्मचारी संगठन ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। उनका कहना है कि कोरोना ने काफी आर्थिक नुकसान किया है। इससे उबरने के प्रयास हो रहे हैं।
सरकार अपने चुनावी वादे पूरे करने कर्ज ले रही है। एक नवंबर को किसानों को न्याय योजना का 1500 करोड़ रुपए भुगतान किया जाएगा। सातवां वेतनमान लागू होने के बाद तत्कालीन भाजपा सरकार ने इसके एरियर्स का भुगतान 6 किस्तों में करने का ऐलान किया था। इसमें एक किस्त रमन सरकार और दूसरी किस्त भूपेश सरकार ने दे दी है। तीसरी किस्त जनवरी में देनी थी। तीसरी किस्त मिलने पर कर्मचारियों की दिवाली की खुशियां बढ़ जाएंगी, क्योंकि एक कर्मचारी को 6 हजार से 25 हजार रुपए तक मिलेंगे। यह भी खबर है कि उच्च स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है कि कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का एरियर्स की पहली किस्त भी दी जा सकती है। एरियर्स की एक किस्त देने पर 500 करोड़ लगेंगे।
कर्मचारियों ने सरकार के खाते में निकाला अपना हिसाब-किताब
- 2019 में 5% डीए न मिलने से 650 करोड़ का कर्मचारियों को नहीं मिला।
- 7वें वेतनमान के एरियर्स की तीसरी किस्त न मिलने से 250 करोड़ अटका।
- 1 जुलाई 2019 के लंबित डीए से 625 करोड़ कर्मचारियों को मिलना बाकी।
- 1 जुलाई 2020 से रोकी वेतनवृद्धि से 540 करोड़ रुपए का नुकसान।
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