
राजभवन और सरकार के बीच टकराव की खबरों के बीच शुक्रवार को सीएम भूपेश बघेल ने स्पष्ट किया कि राज्यपाल से विवाद या टकराव जैसी कोई बात नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कहां कौन सीमा से बाहर जा रहे हैं, कहां नहीं जा रहे हैं, इसकी विवेचना यहां की प्रबुद्ध जनता करेगी। राज्यपाल अनुसुइया उइके से वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे और मोहम्मद अकबर ने भेंट की और सरकार की ओर से सारी बातें रखीं। बाद में दोनों मंत्रियों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्यपाल से टकराव या तल्खी जैसी कोई बात नहीं है। आज भी नए सचिव अमृत खलखो की ज्वॉइनिंग नहीं हो सकी। राजभवन के सचिव सोनमणि बोरा के तबादले और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर राज्यपाल की नाराजगी सामने आई थी। राज्यपाल ने सीएम बघेल को पत्र लिखकर अतिरिक्त प्रभार के रूप में खलखो को राजभवन का सचिव नियुक्त करने पर आपत्ति जताई थी। इस पर आज सीएम बघेल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी सरकार संविधान के दायरे में रहकर काम कर रही है। राज्यपाल से विवाद या टकराव जैसी कोई बात नहीं है। सबके अपने दायित्व, कर्तव्य और अधिकार संविधान में सुनिश्चित हैं। उसी के दायरे में रहकर सरकार काम कर रही है।
राजभवन में लगातार हो रही समीक्षा बैठकों को लेकर सीएम ने कहा कि कहां कौन सीमा से बाहर जा रहे हैं, कहां नहीं जा रहे हैं, इसकी विवेचना यहां की प्रबुद्ध जनता करेगी। इस बयान के बाद दोनों मंत्री राज्यपाल से मिलने के लिए पहुंचे थे। इसे राज्यपाल की नाराजगी दूर करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। इधर, राजभवन के सचिव बोरा ने राज्यपाल से रिलीव करने का आग्रह किया है। संभवत: आज-कल में रिलीव किया जा सकता है।
राज्यपाल हमारी संवैधानिक प्रमुख हैं : रविंद्र चौबे : कृषि व संसदीय कार्यमंत्री चौबे और वन व विधि मंत्री अकबर ने राज्यपाल उइके से भेंटकर सरकार का पक्ष रखा। दोनों मंत्रियों ने राज्यपाल से मिलने के लिए सुबह समय लिया था। राज्यपाल ने उन्हें मिलने के लिए 12.30 बजे का समय दिया था। दोनों मंत्री समय पर पहुंचे और राज्यपाल की नाराजगी दूर करने की कोशिश की। इस मुलाकात के बाद चौबे ने कहा कि राज्यपाल हमारी प्रदेश की संवैधानिक प्रमुख है। शासन और राजभवन के बीच संवाद की प्रक्रिया चलती रहती है। उनके द्वारा मांगी गई जानकारी देना प्रशासन का काम है। आज उनसे सौहार्द्र पूर्ण चर्चा हुई। टकराव या तल्खी जैसी कोई बात नहीं है।
सरकार राज्यपाल से माफी मांगे: बृजमोहन : पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार बहुमत के कारण आत्ममुग्ध, सरकार की असंवैधानिक गतिविधियों पर राज्यपाल को बोलना पड़ रहा है। राज्यपाल के सुझाव पर सरकार की ओर से धमकी के लहजे में बात की जाती है। ये तमाम परिस्थितियां दुर्भाग्यपूर्ण है, सरकार को राज्यपाल से माफी मांगनी चाहिए। सरकार छोटी मुंह बड़ी बात कर रही है।
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