@रायपुर (वेब न्यूज़)//सीएनबी लाईव।।
राजधानी में पिछले कुछ दिन से रोजाना औसतन 200 मरीज मिल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार इनमें से 60 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं, जो किसी न किसी पाजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आकर संक्रमित हुए। सरकारी एजेंसियों का पूरा फोकस प्राइमरी कांटेक्ट वाले ऐसे शत-प्रतिशत लोगों की जांच करवाने में है, लेकिन पिछले 20 दिन में 1032 ऐसे लोगों की पहचान हुई है जो प्राथमिक कांटेक्ट के रूप में ट्रेस तो हुए, लेकिन टेस्ट करवाने से या तो इंकार कर दिया या गायब हो गए। हेल्थ अफसरों का कहना है कि इनमें संक्रमित लोग बड़ी संख्या में हो सकते हैं, इसलिए उनसे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है।
राजधानी का हेल्थ अमला रोजाना ही प्राइमरी कांटेक्ट वालों की पहचान कर उन्हें जांच करवाने के लिए कह रहा है। वजह यह है कि अब कोरोना के अधिकांश मरीज ऐसे मिल रहे हैं, जिन्हें किसी न किसी नजदीकी व्यक्ति से संक्रमण मिला। इसलिए प्राइमरी कांटेक्ट वालों की लिस्ट भी बन रही है। लेकिन इस लिस्ट में शामिल 1032 लोगों ने अब तक अपनी जांच नहीं करवाई है। हेल्थ विभाग के अफसरों का कहना है कि लिस्ट में शामिल 90 फीसदी लोगों ने जांच करवा ली है, लेकिन इन लोगों ने लगातार संपर्क के बावजूद जांच नहीं करवाई है।
प्राइमरी कांटेक्ट वाले 12 हजार से ज्यादा लोगों ने कराया टेस्ट
राजधानी में 1 से 20 अक्टूबर के दौरान प्राइमरी कॉटेक्ट वाले 12076 लोगों ने टेस्ट करवाया। इनमें से मरीज से सीधे संपर्क वाले 1032 लोगों ने जांच ही नहीं करवाई। पहले ऐसे लोगों की संख्या रोजाना अधिकतम थी, लेकिन अब प्रतिदिन 100 के आसपास पहुंच गई है। ये लोग या तो संक्रमित के नजदीकी रिश्तेदार हैं, एक घर में रहते हैं या फिर ऐसे दोस्त हैं जो हमेशा साथ घूमते-फिरते हैं। हालांकि इनमें से काफी लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें लो-रिस्क की श्रेणी में रखा गया है।
ट्रेस हुए पर टेस्टिंग नहीं
तारीख | संख्या |
01 अक्टूबर | 04 |
02 अक्टूबर | 10 |
03 अक्टूबर | 11 |
04 अक्टूबर | 09 |
05 अक्टूबर | 19 |
06 अक्टूबर | 10 |
07 अक्टूबर | 51 |
08 अक्टूबर | 12 |
09 अक्टूबर | 36 |
10 अक्टूबर | 49 |
11 अक्टूबर | 47 |
12 अक्टूबर | 03 |
13 अक्टूबर | 29 |
14 अक्टूबर | 30 |
15 अक्टूबर | 21 |
16 अक्टूबर | 35 |
17 अक्टूबर | 71 |
18 अक्टूबर |
58 |
19 अक्टूबर | 111 |
20 अक्टूबर | 416 |
जांच कराना ही सही : सीएमएचओ
"राजधानी में अभी ज्यादातर मरीज ऐसे हैं, जो किसी ने किसी संक्रमित के संपर्क में थे। हालांकि प्राइमरी कांटेक्ट वाले कई लोग जांच से बच रहे हैं। ऐसा करने के बजाय उन्हें जांच करवानी चाहिए, ताकि संक्रमण फैलने से रुके।"
-डॉ. मीरा बघेल, सीएमएचओ रायपुर