
@छत्तीसगढ़•
नियमितीकरण की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ सरकार ने संघ के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत कुमार सिन्हा सहित 50 से ज्यादा कर्मचारियों को बर्खास्त और एफआईआर के आदेश दिए हैं। इसके विरोध और अपने साथियों के समर्थन में सभी कर्मचारी मंगलवार को इस्तीफा सौंप सकते हैं।
बलौदाबाजार सीएमएचओ ने प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य कर्मचारियों के बर्खास्तगी का आदेश जारी किया है। वहीं बस्तर में चार कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश वहां के सीएमएचओ ने दिए हैं। प्रदेश में 13 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर 19 सितंबर से हड़ताल पर हैं।
एक दिन पहले ही एनएचएम संचालक ने काम पर लौटने की दी थी चेतावनी:
दरअसल, एक दिन पहले ही छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के संचालक ने संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को काम पर लौटने का आदेश दिया था। साथ ही कर्मचारी संघ के अनुरोध को ठुकराकर कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। कर्मचारियों ने कोरोना संक्रमण के चलते जनहित में बिना वेतन वॉलेंटरी सर्विस देने की बात कही थी।
संविदा कर्मचारियों के समर्थन में जोगी कांग्रेस, अमित जोगी ने कहा- आदेश तुगलकी फरमान:
वहीं कर्मचारियों के समर्थन में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा, कोरोना काल में काम के कर्मचारियों को निकालना मतलब जनता की जान जोखिम में डालना और अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने की कहावत को चरितार्थ करता है। उन्होंने कहा, सरकार का यह आदेश तानाशाही भरा और तुगलकी फरमान है।