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राहू और केतु ने बुधवार को राशि परिवर्तन किया है। अमूमन लोगों में राहू-केतु का नाम सुनकर ही भय पैदा हो जाता है, लेकिन इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं हैं। ज्योतिषियों का कहना है कि करीब 18 माह तक राहू वृषभ तो केतु वृश्चिक राशि में रहेंगे और इस दौरान ज्यादातर राशियों को सकारात्मक परिणाम ही मिलेंगे। वहीं, कोरोना महामारी कास असर भी धीरे-धीरे कम होने की बात ज्योतिषि कह रहे हैं। बुधवार को सुबह 8.20 बजे राहू ने मिथुन से वृषभ राशि में और केतु ने धनु से वृश्चिक राशि में प्रवेश किया है। यह स्थिति 12 अप्रैल 2022 तक रहेगी। चूंकि राहू-केतु छाया ग्रह हैं जिसका कोई भौतिक स्वरूप नहीं होता। यही वजह है कि लोग इसके प्रभावों को लेकर घबराते हैं। जबकि, ज्योतिषी का कहना है कि इससे भयग्रस्त होने की कोई जरूरत नहीं है। अन्य ग्रहों की तरह ये भी सकारात्मक और नकारात्मक, दाेनों परिणाम देते हैं। ज्योतिषियों का कहना है कि राहू ऐसा ग्रह है जो मनुष्य को स्थावर यानी स्थिर अवस्था से गतिशील अवस्था में ले जाता है। इसीलिए यह माना जाता है कि मनुष्य को गतिशील बनाने के लिए राहू की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। ऐसा ही केतु के साथ भी है। राहू जहां शनि प्रधान शनि प्रवृत्ति के होते हैं, वहीं केतु मंगल की प्रवृत्ति के होते हैं। इसीलिए राहू-केतु के राशि परिवर्तन से किसी को भयग्रस्त होने की जरूरत नहीं है।
राशियों पर ऐसा असर और अपनाएं ये उपाय:
मेष | धन लाभ | गणेशजी की उपासना |
वृषभ | प्रगति करेंगे | शिवलिंग पर जल चढ़ाएं |
मिथुन | व्यय की अधिकता | विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें |
कर्क | आय में वृद्धि | राहू मंत्र का जाप करें |
सिंह | व्यवसाय में लाभ | सूर्य को जल अर्पित करें |
कन्या | भाग्य में वृद्धि होगी | नारायण कवच का पाठ करें |
तुला | रोग हो सकता है | शिवजी की उपासना करें |
वृश्चिक | पति-पत्नी में तनाव | आदिशक्ति की आराधना करें |
धनु | अज्ञात भय रहेगा | शिव चालीसा पाठ करें |
मकर | संतान लाभ होगा | चंद्रदेव की पूजा करिए |
कुंभ | मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि | रुद्राष्टकम का पाठ करें |
मीन | पारिवारिक कलेश | शिवजी को चंदन लगाए |