
@रायपुर•
डीजीपी डीएम अवस्थी की नाराजगी और सख्त निर्देश के बाद स्थानांतरित हुए लगभग 60 पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों को संबंधित पुलिस अधीक्षकों ने मंगलवार को कार्यमुक्त कर दिया। डीजीपी ने रविवार को सभी एसपी और आईजी को फैक्स भेजकर कहा था कि ट्रांसफर के बाद जो अधिकारी रिलीव नहीं हो रहे हैं, उनके खिलाफ तत्काल एक्शन लिया जाए।
अवस्थी ने सोमवार को एआईजी प्रशासन से भी जानकारी मांगी थी कि प्रदेश में कितने अधिकारियों ने ट्रांसफर के बाद भी अभी तक ज्वाइन नहीं किया है। डीजीपी के निर्देश पर स्थानांतरण के बाद कार्यमुक्त होने पर भी ज्वाइन नहीं करने वाले 12 पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। इनमें एक डीएसपी को कारण बताओ नोटिस और तीन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। इनमें दो एएसआई और एक हेड कॉन्स्टेबल शामिल हैं। कार्रवाई के बाद सभी को चार्जशीट भी सौंपी जा रही है। इसके साथ ही एक एसआई, एक स्टेनोग्राफर, 3 हेड कॉन्स्टेबल और 3 कॉन्स्टेबल को ज्वाइन ना करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बिलासपुर के टीआई को बलरामपुर के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि डीजीपी ने दो दिन पहले सभी एसपी और इकाई प्रमुखों को निर्देश दिए थे कि ज्वाइनिंग टाइम बीत जाने के बाद भी जिन पुलिस अधिकारियों ने अब तक ज्वाइन नहीं किया है, उनके विरुद्ध तत्काल निलंबन की कार्रवाई कर चार्जशीट सौंपी जाए। अवस्थी ने निर्देश दिये हैं कि कार्यमुक्त हुए अधिकारियों ने तय समय पर ज्वाइन नहीं किया तो फिर से समीक्षा कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
दो दिनों तक गहन रिव्यू किया:
इससे पहले डीजीपी डीएम अवस्थी रविवार और सोमवार को दो दिनों तक इन तबादलों का गहन रिव्यू किया। एडीजी प्रशासन हिमांशु गुप्ता पांच पन्ने की तबादले की सूची लेकर पहुंचे थे। सभी एसपी व कमांडेंट को भी ताकीद किया है कि वे मंगलवार को सुबह कारण के साथ जानकारी भेज दें, जिसके बाद डीजीपी कार्रवाई कर सकते हैं। बताते हैं कि पिछले कुछ समय में जिन पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों के तबादले किए गए हैं, उनमें काफी संख्या में पुलिसकर्मियों ने ज्वाइन नहीं किया है। कई पुलिस अधिकारी-कर्मचारी रिलीव नहीं किए गए हैं तो कुछ ट्रांसफर रुकवाने की कोशिश में लगे हैं। इस वजह से पुलिस के रूटीन के कामकाज पर भी असर पड़ रहा है। इन शिकायतों के बाद डीजीपी अवस्थी ने रविवार को सख्त लहजे में सभी एसपी-कमांडेंट के अन्य यूनिट प्रमुखों को निर्देश दिए थे कि जिन लोगों ने ज्वाइन नहीं किया है, उन्हें सस्पेंड करें। सभी रेंज के आईजी को सुपरविजन करने के निर्देश दिए थे और एडीजी प्रशासन से ऐसे अधिकारी-कर्मचारियों की सूची मांगी थी।
सभी को चार्जशीट, 10 दिन बाद फिर होगी कार्रवाई:
रिलीव करने, नोटिस भेजने या सस्पेंड करने के बाद भी संबंधित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं रुकेगी। पुलिस मुख्यालय ने संकेत दिए हैं कि रिलीव होने वाले अफसर-कर्मी 10 दिन के भीतर संबंधित जिलों में ज्वाइन नहीं करते हैं तो उन्हें चार्जशीट भेज दी जाएगी। यही नहीं, जिन्हें नोटिस दिया गया है, उन्हें भी चार्जशीट दी जाएगी। इनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू करने की तैयारी कर ली गई है। डीजीपी अवस्थी के अनुसार अभी कार्रवाई इसलिए नहीं की गई, ताकि कर्मचारियों को एक मौका मिल सके। 10 दिन बाद पुलिस अपनी प्रक्रिया से कार्रवाई शुरू कर देगी।
कई ट्रांसफर संवेदना पर रोक चुके हैं डीजीपी:
करीब डेढ़ माह पहले डीजीपी ने मानवीय संवेदनाओं के आधार पर ट्रांसफर एडजस्ट करने के लिए एक अभियान चलाया था। इसमें ऐसे मामले लिए गए थे, जिनके परिजन चिकित्सकीय तौर पर गंभीर हैं, उन्हें इलाज की सख्त जरूरत है या फिर कोई और ऐसी परेशानी है, जिसके चलते वे अभी ट्रांसफर में जाने में असमर्थ हैं। ऐसे आवेदनों की खुद डीजीपी ने सुनवाई की थी। इसके बाद दर्जनभर लोगों के आवेदन उचित पाए गए थे और उन्हें राहत दे दी गई थी। लेकिन तब जिन लोगों के आवेदनों या परिस्थितियों से पुलिस मुख्यालय संतुष्ट नहीं हो पाया था, उनके खिलाफ भी इसी नियम से कार्रवाई होगी।