विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के चारो घोटाले बाजों की 860 पृष्ठों की कहानी... जानिए हर एक बात...

विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के चारो घोटाले बाजों की 860 पृष्ठों की कहानी... जानिए हर एक बात...

Avinash


@ब्यूरो (न्यूज़)//सरगुजा।।
सरगुजा का एकलौता इंजीनियरिंग कॉलेज लखनपुर इन दिनों फिर से सुर्खियों पर है,इस बार लखनपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के चार प्रोफेसर हरिशंकर चंद्रा, राजेश कुमार साहू, गुरप्रीत और सुदीप श्रीवास्तव जो की लाखों की गड़बड़ी के मामले में बीते कुछ समय से निलंबित थे उन पर छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई प्रबंधन की जाँच कमेटी द्वारा निलंबन के महीनो बाद 860 पृष्ठों का आरोप पत्र भेजा गया है, इन चारो आरोपियों से 10 दिनो के भीतर जवाब मांगा गया है!

गौरतलब है को इस मामले का संज्ञान लेकर यूनिवर्सिटी की टीम भी बीते सोमवार को 860 पृष्ठों का आरोप पत्र लेकर अंबिकापुर पहुंची थी,जहाँ चार आरोपियों में से दो ने आरोप पत्र स्वीकार कर लिया है, जबकि दो असिस्टेंट प्रोफेसर फरार मिलने पर यूनिवर्सिटी की टीम ने आरोप पत्र का नोटिस उनके दरवाजे पर ही चस्पा कर दिया है!

इन चार लोगों पर है आरोप :

इंजीनियरिंग कॉलेज लखनपुर में वित्तीय गड़बड़ी के चारो आरोपियों में सुदीप श्रीवास्तव, गुरुप्रीत सिंह, डा. राजेश कुमार साहू(सह प्राध्यापक) एवं डॉ. हरिशंकर चंद्रा(सह प्राध्यापक-मैकेनिकल) शामिल हैं, इनमें से कुछ के खिलाफ पूर्व में छात्रों ने शैक्षणिक कार्यों में लापरवाही की शिकायत भी की थी!

कितने की हुई है हेरा-फेरी :

विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य से मिली जानकारी के अनुसार अब तक एक करोड़ से भी अधिक की राशि का गबन इन चारो आरोपियों द्वारा सामूहिक रूप से किया जा चूका है, इनमें से कुछ ने तो फर्जी बिल बना कर ना जाने कितनी राशि का घोटाला किया है!


देखिये किसने कितने का घोटाला किया है :

आइये आपको बताते है व्यक्तिगत रूप से छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई प्रबंधन की जाँच कमेटी ने 860 पृष्ठों पर किसके खिलाफ क्या आरोप लगाए गए हैं -

डॉ. राजेश कुमार साहू 
  (सह प्राध्यापक -निलंबित)

1.} इन्होने 55 लाख 22 हजार 208 रू की वित्तीय अनियमित्ता की है!
2.} आईओसी (IOC) के अंतर्गत 3 लाख 23 हजार 652 रु का फर्जी भुगतान!
3.} सिविल वर्क में 01लाख 80 हजार का बिना कार्य के भुगतान का आरोप!
4.} 16 लाख 79 हजार 292 रु DFC में छात्रों द्वारा चालान जमा कराया गया था जिसमे 16 लाख 79 हजार 292 रु की वित्तीय अनियमित्ता पाई गयी है!
5.}  इन सब के साथ ही इन पर कार्यालय से आवश्यक दस्तावेज मे फेर बदल और दस्तावेज गायब करने के आरोप भी हैं!
बिना प्रस्ताव या मांग के फर्जी क्रय तथा फर्जी बिल लगा कर लाखो की वित्तीय अनियमित्ता का आरोप भी इन पर है!

        डॉ. हरिशंकर चंद्रा 
(सह प्राध्यापक मैकेनिकल- निलंबित)

1.} इन पर प्रशासन द्वारा दिए गए कार्यभार में लापरवाही, अध्ययन कार्य, covid-19 और NSS के कार्यों में लापरवाही का आरोप है!
2.} इन पर यह भी आरोप है की प्रशासन और उच्च  अधिकारियो के आदेश का पालन नहीं करते साथ हीं कार्यभार देने पर अधिकारीयों को धमकी भी देते हैं!
3.} इन्होंने संस्था के आवश्यक खरीदी और वित्तीय जानकारी के दस्तावेजों को नष्ट किया है!
4.} इन पर छत्तीसगढ़ राज्य सरकार व भारत सरकार के नियमों की अवहेलना का आरोप भी है!


सुदीप श्रीवास्तव और गुरप्रीत सिंह:

इन दोनों की जोड़ी ने मिल कर सारे घोटालों के 50% से भी अधिक राशि की हेरा-फेरी की है, इनके आरोपों पर नजर डाले तो-

1.} 55 लाख 22 हजार 208 रु की वित्तीय अनियमित्ता!
2.} आईओसी (IOC) के अंतर्गत 03 लाख 23 हजार 652 रु का फर्जी भुगतान!
3.} सिविल वर्क में 01 लाख 80 हजार का बिना कार्य के भुगतान का आरोप!
4.} बिना प्रस्ताव व मांग के सामग्री क्रय!
5.} फर्जी बिल बनाना!
6.} बिना बिल एंट्री किये भुगतान करना!

ये हैं मुख्य आरोप एवं धाराएं :

आरोप-

1.} अनियमित वित्तीय अपव्यय एवं छेड़छाड़!
2.} भुगतान में विलम्ब!
3.} लेखा में अनियमित पाया जाना!
4.} खरीदी गयी वस्तुओं का भौतिक सत्यापन ना पाया जाना!
5.} TEQIP गाइडलाइन एवं अनुबंधों में वित्तीय की अवहेलना एवं सत्यापन का आभाव!

लगी हैं ये धाराएं -

छत्तीसगढ़ वित्तीय संहिता की धारा 9, 12, 13, 17, 23, 25 एवं 299 व 300. इन सबके अलावा छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनिकी विश्वविद्यालय की परिनियम 32 की कडिका 12-1, 12-2 के उल्लंघन की धाराएं इन चोरों आरोपियों पर लगी है!!!

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