|ब्यूरो न्यूज|क्या खूब कहा है किसी नें,
साहिल के सुकून से, किसे इन्कार है...!
लेकिन तूफान से लङने में, मज़ा ही कुछ और हैं...!!!
कुछ ऐसी ही पंक्तियों को सच साबित करने की जिद्द में विश्वविद्यालय इंजिनियरिंग काॅलेज प्रशासन के शिक्षक और छात्र इन दिनों लगे हुए हैं! कोरोना महामारी के कारण एक ओर जहाँ सभी रोजगार के लिए चिंतित हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ विश्वविद्यालय इंजिनियरिंग काॅलेज के छात्र इस संकटकाल में भी कई स्टार्टअप प्लान पर मेहनत करते नज़र आ रहे हैं!विश्व विश्वविद्यालय इंजिनियरिंग काॅलेज के तीन छात्रों नें हालही में काॅलेज प्रशासन के समक्ष एक प्रसंसनीय स्टार्टअप प्लान प्रस्तावित किया है! छात्रों नें काॅलेज प्रशासन के स्टार्टअप सेल में संबंधित प्लान पर प्रेजेंटेशन भी दिया है, अब तक छात्रों को काफी साकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं!!!
क्या है स्टार्टअप प्लान:-
यह परियोजना स्मार्ट कैब और परिवहन सेवाओं पर आधारित है, इस परियोजना की सहायता से परिवहन प्रणाली में कोरोना अवधि में उत्पन्न समस्याओं से निपटा जा सकता हैं! यह परियोजना AI तकनीक पर आधारित है; इसके अनुसार छात्र ऐसे ऐप को डिज़ाइन करने जा रहे हैं जो किसी भी समय किसी भी चौक से व्यक्ति को रिक्शा बुक करने में मदद करेगा! इस कैब सेवा के लिए छात्र ई-रिक्शा का उपयोग करने जा रहे हैं जो भविष्य में प्रदूषण की समस्या को पूरी तरह से कम कर देगा! इसके अलावा इस परियोजना से रोजमर्रा में किए जाने वाले परिवहन, कर्मचारी वर्ग या स्कूल के छात्रों या स्थानीय यात्रा समुदाय के किसी भी समूह के लिए परिवहन की लागत को कम कर सकते हैं!प्रस्तावित परियोजना की सहायता से यात्रियों के बीच सामाजिक दूरी को भी बनाए रख सकते हैं, जिससे कोई भी यात्री एक-दूसरे के संपर्क में नहीं आएंगे, यह कोरोना महामारी के प्रभाव को कम करने और कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में मदद करेगा! साथ ही रिक्शा से यात्री के बाहर निकलने के बाद सेंसर की मदद से प्रत्येक चेंबर को स्प्रिंकलर की सहायता से अपनें आप साफ किया जा सकता है, जो अन्य यात्रियों को बैक्टीरिया और किसी अन्य वायरस से सुरक्षित रखने में मदद करेगा, इसलिए यह परियोजना कोरोना अवधि के दौरान शहर में लोगों के परिवहन संबंधित सेवाओं के सुचारू रूप से चलने के लिए कोरोना के प्रभाव को कम करने में कई तरह से मददगार साबित होगा!