बालगृह कोरिया की अनूठी पहल...
लाॅकडाउन की इस परिस्थिति में भी बालगृह कोरिया ने सराहनीय कार्य किया है, कोरिया बालगृह द्वारा बालश्रम के प्रति जागरूक करनें के उद्देश्य से यू-ट्यूब पर एक विडियो अपलोड किया गया है।
इस लघु फिल्म में लीड रोल में सुमित साहु, प्रिया मिश्रा और बाल कलाकार बाला नजर आए।
यह संपूर्ण कहानी एक शराबी पिता द्वारा अपने पुत्र से बालश्रम करानें पर आधारित है, इस लघु फिल्म में यह बताया गया है कि यदि कोई छोटा बच्चा बालश्रम करते पाया जाता है तो बालगृह द्वारा क्या कदम उठाए जाते हैं, इस लघु फिल्म में बालश्रम करानें वालों के विरूद्ध क्या क्या कानूनी कार्रवाई कि जाती है इस बारे में भी बताया गया है।
यह लघु फिल्म विधिक सेवा कोरिया के तत्वाधान में श्री ओपी गुप्ता जी मुख्य न्यायाधीश कोरिया श्री महेश राज जी सचिव जिला विधिक सेवा कोरिया श्री चन्द्रवेश सिंह सिसोदिया जी डी.पी.ओ. महिला बाल विकास कोरिया पंकज वर्मा जी जिला परीक्षा अधिकारी महिला बाल विकास कोरिया श्री चंद्रेश सिंह सिसोदिया अधीक्षक बालगृह कोरिया श्री सुनील शर्मा जी बाल कल्याण अधिकारी कोरिया के मार्गदर्शन में बनाया गया है, जिसका नाम "बालश्रम" रखा गया है।
आइए बालश्रम को अच्छे से समझें :-
बाल-श्रम का मतलब यह है कि, जिसमे कार्य करने वाला व्यक्ति कानून द्वारा निर्धारित आयु सीमा से छोटा होता है। इस प्रथा को कई देशों और अंतर्राष्ट्रीय संघठनों ने शोषित करने वाली प्रथा माना है। अतीत में बाल श्रम का कई प्रकार से उपयोग किया जाता था, लेकिन सार्वभौमिक स्कूली शिक्षा के साथ औद्योगीकरण, काम करने की स्थिति में परिवर्तन तथा कामगारों श्रम अधिकार और बच्चों अधिकार की अवधारणाओं के चलते इसमे जनविवाद प्रवेश कर गया। बाल श्रम अभी भी कुछ देशों में आम है।बालश्रम से जुड़े आवश्यक कानूनी जानकारी यहाँ से पढ़े!!!
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