CG "क्या वन मंत्री -मुख्यमंत्री जी करेंगे कार्यवाही या ट्रांसफ़र से ग्रामीण करेंगे संतुष्टि...? हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई और भ्रष्टाचार का मामला...वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन और करोड़ों की योजनाओं में गड़बड़ी का आरोप... देखें?

CG "क्या वन मंत्री -मुख्यमंत्री जी करेंगे कार्यवाही या ट्रांसफ़र से ग्रामीण करेंगे संतुष्टि...? हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई और भ्रष्टाचार का मामला...वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन और करोड़ों की योजनाओं में गड़बड़ी का आरोप... देखें?


 *तमोर पिंगला अभ्यारण्य में हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई और भ्रष्टाचार का मामला, कलेक्टर से सख्त कार्रवाई की मांग*


*वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन और करोड़ों की योजनाओं में गड़बड़ी का आरोप*


@छत्तीसगढ़//संतोष सिंह सूर्यवंशी)

प्रतापपुर: जिले के तमोर पिंगला अभ्यारण्य में वन संरक्षण अधिनियम और अन्य पर्यावरणीय कानूनों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए हजारों हरे-भरे पेड़ों की कटाई और निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। 2020-21 से 2023-24 के बीच अभ्यारण्य क्षेत्र में बांध निर्माण और अन्य विकास कार्यों के नाम पर बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई की गई है। इस मामले में प्रशासन और संबंधित अधिकारियों पर लापरवाही और नियमों की अनदेखी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।


विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार, निर्माण कार्य के दौरान न केवल हरे-भरे पेड़ों का सफाया किया गया, बल्कि वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को भी नुकसान पहुंचा है। स्थानीय निवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले में जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।


*भ्रष्टाचार और नियमों की अनदेखी पर उठे सवाल*

वन संरक्षण और वन्यजीव अधिनियम के उल्लंघन के कई बिंदु सामने आए

हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई:

अभ्यारण्य क्षेत्र के गेम रेंज तमोर और पिंगला के विभिन्न स्थानों (जैसे ई. क्र.-3, कक्ष क्र.-814) में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की गई है। यह वन संरक्षण अधिनियम, 1980 की धारा 2 का उल्लंघन है, जिसके तहत वन क्षेत्र में गैर-वन गतिविधियों के लिए केंद्र सरकार की अनुमति अनिवार्य है।


ठेकेदारी में शामिल अधिकारियों की भूमिका:

निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारी स्वयं ठेकेदारी में शामिल पाए गए हैं। उनके निजी वाहनों और बिलों का उपयोग किया जा रहा है, जो लोकसेवक आचरण नियमावली, 1965 के नियम 3 का उल्लंघन है।

वन्यजीव संरक्षण पर खतरा:

निर्माण कार्यों और पेड़ों की कटाई से वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास प्रभावित हो रहे हैं। यह भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 29 का स्पष्ट उल्लंघन है।

कैम्पा योजना में गड़बड़ी:

कैम्पा योजना के तहत करोड़ों की राशि खर्च की गई, लेकिन इसके क्रियान्वयन में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की खबरें सामने आई हैं।


*जांच और सख्त कार्रवाई की मांग*

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से अपील की है कि तमोर पिंगला अभ्यारण्य में व्याप्त भ्रष्टाचार और पेड़ों की अवैध कटाई की तत्काल जांच की जाए।


*मांगें:*

हरे-भरे पेड़ों की कटाई पर तुरंत रोक लगाई जाए।

वन संरक्षण अधिनियम के तहत दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों को हटाया जाए।

 वन्यजीवों और पर्यावरणीय संतुलन को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।


अभ्यारण्य क्षेत्र में हो रही इस गंभीर लापरवाही ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। नागरिकों का कहना है कि यदि इस मामले पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

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