CG "कलेक्टर -मुख्यमंत्री, विधायक -मंत्री ध्यान दें..?? नही तो जनता होगी आक्रोसित..?? संविधान के मुताबिक और इनके अधिकार पर जरूर करें विचार... देखें??

CG "कलेक्टर -मुख्यमंत्री, विधायक -मंत्री ध्यान दें..?? नही तो जनता होगी आक्रोसित..?? संविधान के मुताबिक और इनके अधिकार पर जरूर करें विचार... देखें??



@छत्तीसगढ़//संतोष कुमार सूर्यवंशी)
 अनुच्छेद-243 य ग (3) के अनुसार आज दिनांक भारत के संविधान के भाग-9क के प्रावधानों को अनुसूचित क्षेत्रो तक विस्तारित करने के लिए संसद द्वारा कोई विधेयक पारित नहीं किया गया है। अर्थात म्यून्सिपल का विस्तार अनुसूचित क्षेत्रों हेतु (मेसा कानून) विधेयक बनाकर प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है. इसलिये छत्तीसगढ़ के पांचवी अनुसूची क्षेत्रान्तर्गत छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 लागू नहीं होता है। अतः नगर पंचायत पटना को नगरीय निकाय के रूप में गठन किया जाना असंवैधानिक है। छ.ग. उच्च न्यायालय बिलासपुर के मुख्य न्यायाधीश माननीय श्री रमेश सिन्हा एवं न्यायाधीश श्रीमान् रविन्द्र कुमार अग्रवाल के डिवीजन बेंच द्वारा WPPLL No. 102/2023, दिनांक 30/11/2023 के आदेशानुसार छ.ग. नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय, महानदी भवन, नवा रायपुर अटल नगर की 

अधिसूचना एफ1-26/2023/10 नवा रायपुर अटल नगर दिनांक 20/09/2023 के द्वारा ग्राम पंचायत पटना को नगर पंचायत बनाए जाने के हेतु जारी अधिसूचना के विरूद्ध दिनांक 05/10/2023 को श्रीमान् कलेक्टर कोरिया के माध्यम से भेजे गए दावा, आपत्तियों का निराकरण आठ सप्ताह के अंदर निराकरण किये बगैर नगर पंचायत पटना का गठन कर न्यायालय के आदेश की अवहेलना की गयी है। जो कि अनुसूचित जनजातियों के निम्नलिखित हक और अधिकार को प्रभावित करता है -

1) पेशा अधिनियम 1996, वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत् ग्राम सभा को मिलने वाले अधिकार जैसे कि सामुदायिक संसाधनो तथा विवादो का निराकरण, रूढ़िगत ढंग को सुरक्षित तथा संरक्षण करने इत्यादि समस्त अधिकार समाप्त हो जा रहे हैं।

2) अनुसूचित क्षेत्रो में नगर पंचायत बनने से जनजातियों का प्रतिनिधित्व कम हो जायेगा तथा छ.ग. पंचायती राज अधिनियम 1993 धारा 129 (ड.) के तहत् ग्राम पंचायत चेयर पर्सन ग्राम सभा अध्यक्ष, सरपंच एवं 50 प्रतिशत पंच अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित रहता है वह पद समाप्त हो जा रहे हैं।

3) ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीणों को मिलने वाले रोजगार गांरटी योजना (मनरेगा) का लाभ समाप्त हो रहा है।

4) ग्रामीणों के उपर म्युनिसिपल में लगने वाले टैक्स का बोझ बढ़ जायेगा। 5) भवन निर्माण के अनुमति हेतु नगर निवेश कार्यालय (टाउन प्लानिंग) का अतिरिक्त बोझ बढ़ जायेगा।

6) समय-समय पर ग्रामीणों के विकास हेतु शासन से मिलने वाले योजनाओं के लाभ से ग्रामीण वंचित हो जायेगें।

7) उक्त गठन प्रक्रिया हेतु किसी भी प्रकार की जन सुनवाई करते हुए ग्राम सभा से प्रस्ताव पास नहीं कराया गया जो कि ग्रामवासियों के अधिकारों का हनन है।

मान्यवर, अनुसूचित जनजातीय (आदिवासी) समुदाय दशकों से अपने संवैधानिक हक और अधिकार के लिये संघर्ष करता आ रहा है किन्तु उन्हें आज तक अपेक्षित रूप से न्याय नहीं मिला है। भारतीय संविधान का पालन करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम पंचायत पटना को नगर पंचायत बनाये जाने की प्रकिया पर रोक लगाई जाये।




@सोर्स - सोशल मीडिया 

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