CG "आरी पड़ेगी सब पर भारी" आदिवासी समाज करेगा पूरा वोटिंग.. 9 लाख वोटर हैं आदिवासी.. कही नही दिखेंगी कांग्रेस और बीजेपी :- गोंडवाना प्रत्याशी..?

CG "आरी पड़ेगी सब पर भारी" आदिवासी समाज करेगा पूरा वोटिंग.. 9 लाख वोटर हैं आदिवासी.. कही नही दिखेंगी कांग्रेस और बीजेपी :- गोंडवाना प्रत्याशी..?

@छत्तीसगढ़//संतोष सूर्यवंशी)

आज गोंडवाना पार्टी के प्रत्याशी कोरिया जिला में बैकुंठपुर जनपद क्षेत्र के पटना बाजार में आमसभा को संबोधित किया जिसमें उन्होंने जीत का फार्मूला बताया उन्होंने साफ कहा के कोरबा लोकसभा में 16 लाख लाख मतदाता है इसमें से सबसे ज्यादा मतदाता आदिवासी समाज से आते हैं जिनकी संख्या लगभग 9 लाख वोट होगी और हमे पूरा वोट इस्बार मिलने जा रहा है, फिर कहीं दूर दूर तक कांग्रेस और बीजेपी नजर नहीं आएगी और हम ऐसे जीतेंगे लोक सभा चुनाव 2024

आदिवासी समाज अनुसूचित जाति समाज बहुजन समाज कहे तो यदि जागरूक हो गया और भाजपा कांग्रेस को वोट न देकर आरी के साथ जाना पसंद करता है तो निश्चित ही सब पर भारी आरी पड़ सकता है , आगे उन्होंने कहा, कोरबा लोकसभा क्षेत्र में भारी मात्रा में कोयला उपलब्ध है मगर आज इस क्षेत्र की जनता का ख्याल कोई भी सांसद चाहे वह बीजेपी  या कांग्रेस के हो टिक से नहीं रख पाए,

 आगे उन्होंने कहा की घोषणा बड़ी-बड़ी करते हैं चाहे बीजेपी हो चाहे कांग्रेस आज भी आदिवासी समाज कैसी इस्थिति में हैं देख लीजिए, हसदेव का जंगल उजाड़ दिया गया आए दिन आदिवासियों के साथ मारपीट होती है अनुसूचित जाति के लोगों के साथ भेदभाव होती है मगर उनके लिए कुछ करना तो दूर कांग्रेस और बीजेपी के नेता कोसो दूर भागते हैं, भारत में यदि हमारे सरकार आती है या जनता हमको जीता कर भेजती है तो निश्चित है यहां की जनता की आवाज बनकर संसद में उठायेंगे,

आगे उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में अस्पतालों की स्थिति देख लीजिए बीजेपी के शासनकाल में स्कूलों की स्थिति देख लीजिए सरकारी भवनों की स्थिति देख लीजिए ठीक से जिले में डॉक्टर नहीं है,

 ठीक से गरीब बच्चों की पढ़ाई नही हो पाती है तो ऐसी स्थिति तब तक रहेगी जब तक आप कांग्रेस बीजेपी को वोट देते रहेंगे,

उन्होंने एक उदाहरण देते हुऐ वोटरों को समझाएं कि आप अपनी बेटी की शादी एक बार करते हैं तो कितना पूछ फरोक करते हैं लड़का कैसा है लड़की कैसी है क्या कमाता है क्या खाता है मगर जब अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचना होता है तब आप नहीं सोच पाते हैं क्यू,?

आप ऐसे व्यक्ति को वोट दे देते हो जो आपका हित नही चाहता, तो आपको अच्छे व्यक्ति को वोट देना है जो आपकी आवाज बनकर लोक सभा में गूंजे आपकी आवाज उठाया आपका हितों की रक्षा करें बाबा साहब के दिए हुए संविधान में मूल अधिकार उन मूल अधिकारों की रक्षा करना अपनी कर्तव्य समझे ,ताकि भारत देश में सभी समानता की जिंदगी जी सके |


 कोरबा लोकसभा सीट पर अब तक तीन लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. जांजगीर सीट से परिसीमन में अलग होने के बाद पहला चुनाव वर्ष 2009 में हुए थे. इस चुनाव में कांग्रेस ने डॉ. चरणदास महंत और बीजेपी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करूणा शुक्ला को उतारा था. चुनाव में हार जीत का आंकड़ा 20 हजार से ज्यादा रहा था. चरणदास महंत को 3 लाख 14 हजार 616 और करुणा शुक्ला को 2 लाख 93 हजार 879 वोट मिले थे.गोंगपा तय करती है जीत और हार :छत्तीसगढ़ के लोकसभा कोरबा सीट पर जब-जब गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को कम वोट मिले हैं कांग्रेस को फायदा हुआ है. एक चुनाव में जब गोंगपा को 50 हजार से ज्यादा वोट मिले तो कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. दो चुनाव में 40 हजार से कम वोट गोंगपा को मिले थे. इन चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली थी. गोंगपा के वोटों से कोरबा सीट पर हार जीत का समीकरण बदलता रहा है.गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की धार से बदल सकता है समीकरण :छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में यदि नजर डालें तो ये बात सामने आएगी कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने अपनी मौजूदगी कई सीटों में दर्ज कराई है.इन्हीं में से एक सीट पाली तानाखार भी है.जहां से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का उम्मीदवार विधानसभा पहुंचा.यही नहीं पार्टी ने भरतपुर सोनहत, बैकुंठपुर, मरवाही जैसी जगहों पर जिन प्रत्याशियों को खड़ा किया. उन सभी प्रत्याशियों ने जमकर वोट बटोरे.इन वोटों को जोड़ा जाए तो आपको आंकड़े देखकर हैरानी होगी. कोरबा लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली आठ विधानसभाओं मे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने डेढ़ लाख से भी ज्यादा वोट इकट्ठा किया था.इस लिहाज से देखा जाए तो लोकसभा में गोंगपा विरोधियों के लिए खतरे की घंटी बजा सकती है.साल 2009 का चुनाव : 2008 में परिसीमन के बाद कोरबा विधानसभा सीट अस्तित्व में आई. 2009 के चुनाव में कांग्रेस के चरणदास महंत ने अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला को हराया था.इस चुनाव में हार जीत का आंकड़ा 20 हजार से ज्यादा का था. 2009 में चरणदास महंत को 3 लाख 14 हजार 616 और करुणा शुक्ला को 2 लाख 93 हजार 879 वोट मिले थे.इस चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी हीरासिंह मरकाम को 32 हजार 962 वोट मिले थे. उनके वोटों का आंकड़ा कुल मतदान का 2.58 फीसदी था.

साल 2014 का चुनाव :2014 के चुनाव में कांग्रेस ने दोबारा सांसद डॉ. चरणदास महंत को टिकट दिया. बीजेपी ने डॉ. बंशीलाल महतो को उतारा. डॉ. बंशीलाल महतो को 4 लाख 39 हजार 2 और डॉ. चरणदास महंत को 4 लाख 34 हजार 737 वोट मिले थे. इस चुनाव में बीजेपी ने 4 हजार 265 वोटों से चुनाव जीता. 2014 में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी ने 52 हजार 753 वोट हासिल किए थे. इस बार गोंडवाना का मत प्रतिशत 3.71 हो गया. जिसका नुकसान कांग्रेस को हुआ. 2009 और 2014 के चुनाव में गोंगपा के वोट में लगभग 20 हजार की बढ़ोतरी हुई. जिसके कारण कांग्रेस का प्रत्याशी 4265 वोटों से चुनाव हारा.साल 2019 का चुनाव :2019 में कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत ने 5 लाख 23 हजार 310 वोट हासिल किए. वहीं बीजेपी के ज्योतिनंद दुबे को 4 लाख 97 हजार 61 वोट मिले. इस ज्योत्सना ने 26 हजार 249 वोटों के अंतर से चुनाव जीता.इस चुनाव में गोंगपा के प्रत्याशी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा.गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने हीरा सिंह मरकाम के बेटे तुलेश्वर सिंह मरकाम को चुनाव में उतारा था. जिन्हें 37 हजार 417 वोट मिले.जो पिछली बार मिले वोट से काफी कम थे.लिहाजा कांग्रेस प्रत्याशी को फायदा हुआ और एक बार फिर संसद में कांग्रेस का उम्मीदवार पहुंचा.



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