CG " हसदो संस्कृति-भाईचारा संदेश यात्रा,हसदो उद्गम से संगम सम्पन्न...देंखे क्या थे मुख्य उद्देश्य??

CG " हसदो संस्कृति-भाईचारा संदेश यात्रा,हसदो उद्गम से संगम सम्पन्न...देंखे क्या थे मुख्य उद्देश्य??

 


@कोरिया//संतोष कुमार:-

समाज में शांति, सद्भाव, प्रेम, एका, भाईचारे की निरंतरता एवं नदी, पेड़ - पौधे, जीव-जन्तुओं को बचाने, संरक्षित - संवर्धित करने " हसदो संस्कृति - भाईचारा संदेश यात्रा " 8 मार्च 2024 को प्रात: 6 बजे पीथमपुर से प्रारंभ होकर चाम्पा में श्रीकृष्ण संगीत महाविद्यालय के प्राचार्य एवं प्रसिद्ध गायक-संगीतकार श्री वेदराम यादव जी द्वारा नृत्य कोविद श्री सुभाष यादव जी एवं तबला विशारद के साथ भजन-गायन एवं प्रेम, शांति, भाईचारा व प्रकृति - पर्यावरण बचाने संदेशों के साथ यह यात्रा मड़वा, पहरिया, कनकी - कुदुरमाल, सर्वमंगला कोरबा, कटघोरा, चोटिया, कोरबी, बचरापोंड़ी, बैकुण्ठपुर सोनहत होते हसदो उद्गमस्थल मेण्ड्रा पहुंची एवं सोनारी रात्रि पड़ाव से द्वितीय दिवस 9 मार्च को प्रात: 7 बजे यात्रा प्रारंभ कर बैकुण्ठपुर, नागपुर, अमृतधारा, मनेन्द्रगढ़ - गोण्डवाना फासिल्स पार्क, चिरमिरी, हल्दीबाड़ी, डोमनहिल, मझौली, रतनपुर, चोटिया, कटघोरा, कोरबा, बरपाली, मड़वारानी होते चाम्पा पहुंची एवं तृतीय दिवस चाम्पा से संदेश यात्रा घठोली, सोंठी-पिपरदा, पुछेली, बम्हनीडीह, कन्नौद, बिर्रा होते हसदो-महानदी संगम देवरीघाट पहुंचकर उद्गम से संगम हसदो संस्कृति यात्रा पूर्ण करते हुए गोविन्दा, धारासिव, दहिदा, हरदी, अमोदा, नवापारा, केवा, गौद, पिसौद होते रात्रि 8 बजे चाम्पा पहुंचकर सम्पन्न हुई । इस "हसदो संस्कृति - भाईचारा संदेश यात्रा " के दौरान श्री राम यादव, ऋषि मरावी, महिंगल यादव, कैलाश पटेल, गोविन्द महंत, भुवनेश्वर सिंह, ओमप्रकाश साहू, विक्रम यादव, नागेश्वर तिवारी, रघुवर यादव, होरीलाल यादव, बी.एल.किरण, विशाल सिंह, श्यामसुन्दर पटेल, कृष्ण कुमार कश्यप, पुरुषोत्तम मांझी, विकास मांझी, जीवन लाल यादव आदि ने गीत, कविता व जनसंवाद के माध्यम से हसदो संस्कृति, शांति, सद्भाव, प्रेम, एका, भाईचारा कायम रखने एवं नदी संस्कृति, पेेड़ - पौधों, जीव-जन्तुओं को बचाने, संरक्षित - संवर्धित करने संदेश साझा किए । हसदो संस्कृति -भाईचारा संदेश यात्रा को चाम्पा इप्टा का उल्लेखनीय सहयोग रहा । इस संदेश यात्रा के संयोजक श्री जीवन लाल यादव ने हसदो संस्कृति को दीर्घकालीन - ऐतिहासिक व प्राचीनता एवं नवीनता का संगम बताते हुए कहा कि गोण्डवाना फासिल्स पार्क जहां करोड़ो वर्ष पुराने समुद्री जीव-जन्तुओं-वनस्पतियों के जीवाश्म तथा कोयलाक्षेत्रों को संजोए हुए है तो कोरबा क्षेत्र देशकी को विद्युत आपूर्ति द्वारा नवीन आवश्यकताओं को व मिनीमाता बांगो बांध सिंचाई आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है तथा सम्पूर्ण हसदो नदी क्षेत्र बारामासी बहाव के साथ जैव - वनस्पति विविधता , जल भंडारण व जलप्रपातों - दर्शनीय स्थलों के साथ प्रकृति की सुन्दरता का अनमोल वरदान है जिसे उद्गम-संगम स्थलों के साथ संरक्षित - संवर्धित किए जाने की जरुरत है ।

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