@छत्तीसगढ़//स्वास्थ्य कर्मी!!
स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने COVID मानदेय प्रदान करने स्वास्थ्य कर्मियो का वेतन बढ़ाने जैसे घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी ने न्यूज चैनल में बयान दिया था लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अब ये पुछ रहे है क्या ये सब सिर्फ कोविड में कार्य कराने के लिए बोला गया था या प्रदेश के मुखिया स्वास्थ्य कर्मियो को अपने बयान के आधार पर अपना वादा पूरा करेंगे प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अधिकारी एक मंच पर आ गए है, 11 संगठन के अधिकारी कर्मचारी 11 अगस्त को सांकेतिक हड़ताल कर उनका ये घोषणा को याद दिलाने के लिए करेंगे । डॉक्टर का सबसे बड़ा संगठन CIDA के प्रदेश अध्यक्ष डॉ इकबाल ने कहा कि वैश्विक महामारी के समय डॉक्टरों एवम् स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मुख्य भूमिका अदा की कोविड को प्रदेश में हावी होने नही दिया और बहुत ही बेहतर तरीके से दिन रात एक कर लोगो की सेवा की गई लेकिन ,व्याप्त वेतन विसंगतियों एवम् अन्य मांग को संघ के पदाधिकारी द्वारा लगातार माननीय स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री को अवगत कराते रहे है लेकिन कांग्रेस सरकार द्वारा अब तक कोई पहल नही की जिससे अक्रोशित होकर कांग्रेस सरकार का ध्यान आकर्षण करने के लिए 11 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारी अधिकारी,छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन के बैनर तले हड़ताल का मन बना लिया है जिससे प्रदेश की जनता को इमरजेंसी सेवाएं ,ऑपरेशन,पोस्टमार्टम की सुविधा ,ओपीडी सेवाएं,रूटीन टीकाकरण प्रभावित होगी, प्रदेश की जनता को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जिसकी जवाबदेही शासन की होगी| स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष टार्जन गुप्ता जी ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हजारों कर्मचारियों की मांगों को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था लेकिन आज सरकार को साढ़े चार वर्ष पूर्ण होने को है लेकिन मांगो को लेकर सरकार ने मौन धारण कर लिया है सरकार से मांगों के लिए आवेदन , निवेदन अधिवेशन तक किया लेकिन सरकार ने इस पर कोई पहल नही किया स्वास्थ्य संयोजकों एवम् कर्मचारियों की उपेक्षा की गई जिससे आंदोलन में पूरे प्रदेश के स्वस्थ्य कर्मचारी हेल्थ फेडरेशन के बैनर तले शामिल होंगे ,नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर रीना राजपूत,नर्सेस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुमन शर्मा, एवम् परिचारिका संघ के प्रदेश अध्यक्ष देवाश्री,अंशिला मैडम,स्वास्थ्य संयोजक की महिला प्रकोष्ठ सरोज बाघमार मैडम ने संयुक्तरूप से कहा कि प्रदेश स्तर पर स्वास्थ्य विभाग में विसंगतियां व्याप्त है जिसे दूर करवाने के लिए हड़ताल का रुख अपना रहे है जिससे प्रदेश के बड़े सरकारी संस्थाओं में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होगी वार्डो में मरीजो को जरूरी सेवाएं व प्रसव सुविधाएं बाधित होगी ,नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन एवम् नर्सेस की प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर रीना राजपूत,सुमन शर्मा ने कहा कि नर्स का वेतन विसंगति वर्षो से व्याप्त है COVID में लगता बिना अवकाश के 2 वर्षो तक सेवा देने वालो का अनुपूरक बजट में किसी प्रकार की मांग को ध्यान ना देना स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ धोखा देने वाली जैसी बात है जिसके ध्यानाकर्षण के लिए 11 अगस्त को 11 संगठन मिलकर हड़ताल पर रहेंगे जिनकी प्रमुख मांगो में वेतन विसंगति , अवकाश का भुगतान ,कोविड इंसेंटिव ,IPHS सेटअप की स्वीकृति एवं भर्ती जैसी समस्याएं है इन ज्वलंत मुद्दों को सरकार अनसुना कर रही है ज्ञात हो कि स्वास्थ्य विभाग के 14 संगठन के अधिकारी कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्रो से लेकर ,शहरी क्षेत्रो के बड़े स्वास्थ्य संस्थानों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रो के स्वास्थ्य केंद्रों में टीकाकरण प्रसव सेवाएं ,मेकाहारा जैसी संस्थाओं में ऑपरेशन ,पोस्टमार्टम , एमरजेंसी सेवाएं देते है हड़ताल में जाने से स्वास्थ्य विभाग कोमा की स्थिति में होगा जिससे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यस्था बिगड़ सकती है जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी, फेडरेशन के मेंबर डॉ पंकज वर्मा ,जुडा प्रदेश अध्यक्ष डॉ कमलेश एवम् प्रदेश आईटी सेल प्रभारी (RHO) सुरेश पटेल ने संयुक्त रूप से जानकारी दी की पूरे प्रदेश के कर्मचारियों को शनिवार रविवार अवकाश दिया जाता है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलता है इसके लिए सरकार को विचार कर अतिरिक्त मानदेय प्रदान करना चाहिए साथ ही जहा 10 लोग की पोस्टिंग की जानी चाहिए वहा आज भी 5 या 6 कर्मचारी अधिकारी कार्य कर रहे है जिससे की मानसिक एवम् शारीरिक बोझ भी स्वास्थ्यकर्मी को हो रही है जिससे स्वास्थ्य कर्मी तनाव और डिप्रेशन जैसे मानसिक बीमारी का शिकार हो सकते है । अतः शासन प्रशासन को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है |*
*उपरोक्त जानकारी स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के आईटी सेल सह प्रभारी संतलाल साहू जी ने दी है*