@सिमगा
मजदूर दिवस किस उपलक्ष मे मनाया जाता है श्रमेव जयते 1 मई के दिन को विश्व के अधिकांश देशों ने मेहनतकश श्रमिकों के नाम पर समर्पित कर रखा है। इसे मई दिवस,मे डे मजदूर दिवस,अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस आदि तमाम तरह के अलग-अलग नामो से जाना जाता है। भारत में श्रमिक दिवस पहली बार 1मई सन् 1923 को मनाया गया था। तब भारतीय मजदूर किसान पार्टी ने मद्रास में इसे जोरशोर से मनाया था।आज विश्व के 80 से अधिक देश मे अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के दिन राष्ट्रीय अवकाश रखकर उस दिन को मजदूरों के नाम समर्पित किया जाता है। इस वजह से आज इंटक फेडरेशन जाना जाता है। मजदूर एक ऐसा शब्द है जिसके बोलने में ही मजबूरी झलकती है। सबसे अधिक मेहनत करने वाला मजदूर आज भी सबसे अधिक बदहाल स्थिति मे है। दुनिया में एक भी ऐसा देश नही है जहां मजदूरों की स्थिति मे सुधार हो पाया है दुनिया के सभी देशों की सरकार मजदूरों के हित के लिए बाते तो बहुत बड़ी-बड़ी करती है मगर जब उनकी भलाई के लिए कुछ करने का समय आता है तो सभी पीछे हट जाती है। इसलिए मजदूरों की स्थिति में सुधार नहीं हो पाता है। भारत में भी मजदूरों की स्थिति बेहतर नहीं है। हमारे देश की सरकार भी मजदूर हितों के लिए बहुत बातें करती है, बहुत सी योजनाएं व कानून बनाती है। मगर जब उनको अमलीजामा पहनाने का समय आता है तो सब इधर-उधर ताकने लग जाते है। मजदूर फिर बेचारा मजबूर बनकर रह जाते है। भारत में अभी भी मजदूरों के लिए सरकार व औद्योगिक घराने को बहुत काम करने की आवश्यकता है। हमारी सरकारों को अभी भी विचार करना होगा कि किसी भी लोक कल्याणकारी सरकार एवं राष्ट्र का,लोगों की समाजिक सुरक्षा न्याय एवं जीने का अधिकार प्रथम कानूनी उद्देश होना ही चहिए।