@chhattisgarh//सूरजपुर!!
सूरजपुर जिले के दूरस्थ अंचल चांदनी बिहारपुर क्षेत्र में मध्य प्रदेश सीमा से सटे गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कराई जा रही है। तस्कर यहां के स्थानीय ग्रामीणों को चंद रुपए की मजदूरी देकर पेड़ कटवा रहे हैं। इसके बाद लकड़ी की सप्लाई प्रदेश के शहरों में हो रही है। लकड़ी कटाई में ग्रामीणों के शामिल होने का बड़ा कारण बेरोजगारी है। वहीं खेती-किसानी का काम गर्मी के महीने में नहीं होने से ग्रामीण तस्करों के लिए काम करने लगते हैं। इधर पेड़ों की कटाई के सवाल पर रेंजर का कहना था कि वहां काफोटो भेजिए, टीम भेजकर कार्रवाई कराता हूं।
गौरतलब है कि सूरजपुर जिले के चांदनी बिहारपुर के ग्राम खोहिर, बैजनपाठ, जुड़वनिया, कोल्हुआ व महुली गांव मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है। यह क्षेत्र घासीदास राष्ट्रीय उद्यान से घिरा हुआ है। वहीं उद्यान के कर्मचारी कभी-कभी छोटी कार्रवाई कर अपनी पीठ खुद थपथपा लेते हैं।
ग्राम पंचायत कोल्हुआ के मकरादुआरी में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान द्वारा बेरियर लगाया गया है, लेकिन तस्कर खुलेआम आना-जाना कर रहे हैं। वहीं बाहर से आने-जाने वाले वाहनों से यात्री गेटपास के नाम पर खुलेआम वसूली की जा रही है।
क्षेत्र के ग्रामीणों के बीच यह चर्चा है कि क्षेत्र में 50 से अधिक तस्कर हैं। वन विभाग एवं गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के जंगलों से सैकड़ों पेड़ रोजाना कट रहे हैं। इस कारण अब यहां के जंगल में पुराने और बड़े पेड़ खत्म होने की कगार पर हैं।
रेंजर बोले- ऑफिस में आकर बात कीजिए
इस संबंध में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के रेंजर ललित साय पैकरा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जो बात करनी कार्यालय में आकर कीजिए। मोबाइल से बात करना मैं उचित नहीं समझता, वहीं किस जगह पेड़ कट रहे हैं, मुझे वहां की लोकेशन व फोटो भेजिए, वहां कर्मचारियों को भेजकर कार्रवाई कराता हूं।
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