@कोरिया//संतोष कुमार!!
सवाल 1 - क्या रेंजर कुंवारपूर ग्रामीण क्षेत्रों में पेट्रोलिंग कर जंगली जानवरों, और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए गंभीर नहीं है??
सवाल 2 - क्या ग्रामीणों को मुआवजा देकर मामले की गंभीरता को मिटा दी जायगी, और उनका दर्द नहीं समझी जायगी??
सवाल 3 - क्या ग्रामीणों के जान सस्ते है, या जंगली जानवरों के लिए रहने खाने की व्यस्था शून्य है??
सवाल 4 - क्या वनविभाग की जिम्मेदारी तय नहीं होनी चाहिए, जिसमें ग्रामीणों और जंगली जानवरों की जान सुरक्षित रहे??
सवाल 5- शासन एवं प्रशासन ने करोड़ो रुपए खर्च करने के बाद भी अगर अएसे दर्दनाक घटना होंगी रहेंगी, तब सवाल पूछा जाना चाहिए, आखिर कब तक??
सवाल 6-क्या वन विभाग के अधिकारियों को एक सूची जारी नहीं करना चाहिए जहा लिखा हो - इस जंगली जानवर के हमले में मौत पर ग्रामीणों को इतने रुपए का मुआवजा??
कोरिया के वन परिक्षेत्र कुंवारपुर में एक ग्रामीण महिला की मौत तेंदुए के हमले से हो गई है, जहां पता चला कि महिला दैनिक दिनचर्या में जंगल काम से गई थी(दातूवन दोना पत्तल आदि) , जहां वह महिला तेंदुवे का शिकार हो गई ||
जहा जानकारी प्राप्त हुआ कि महिला की लाश शाम के समय में प्राप्त किया गया है, उनके परिवार वालों ने महिला जब घर नहीं पहुची तब सूचना वन परिक्षेत्राधिकारी को दिया ||
जिसके बाद रेंजर और थाना प्रभारी मौके पर पहुंच कर शव का पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया ||
वन विभाग ने मृतिका के परिजनों को सहायता राशि दिया है मगर साफ नहीं हो पाया कि कितना दिया है??