CG Reservation :- राज्यपाल ने हस्ताक्षर करने से पहले राज्य सरकार से मांगी 10 सवाल के जवाब, मंत्रियों ने विधेयक दिया लेकिन डाटा नहीं…CM भूपेश बघेल??

CG Reservation :- राज्यपाल ने हस्ताक्षर करने से पहले राज्य सरकार से मांगी 10 सवाल के जवाब, मंत्रियों ने विधेयक दिया लेकिन डाटा नहीं…CM भूपेश बघेल??

 

@छत्तीसगढ़//रायपुर 

विधानसभा में संशोधित आरक्षण विधेयक पास हाेने के 12 दिन बाद राज्यपाल ने हस्ताक्षर करने से पहले राज्य सरकार से 10 सवालों का जवाब मांगा है, जिसके अनुसार 76 प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था बनाई गई। बता दें कि 2 दिसंबर को विशेष सत्र में आरक्षण विधेयक पारित होने के बाद से राज्यपाल विधि विशेषज्ञों से इस संबंध में चर्चा कर रहीं थी। इन 10 सवालों के जवाब आने के बाद ही आरक्षण विधेयक पर आगे कोई कार्रवाई हो सकेगी।


राज्यपाल के सरकार से 10 सवाल

संशोधित विधेयक में क्रमांक 18-19 पारित करने के पूर्व अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के संबंध में मात्रात्मक विवरण (डाटा) संग्रहित किया गया था?

सुप्रीम कोर्ट में इंद्रा साहनी मामले के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक विशेष एवं बाध्यकारी परिस्थतियों में ही आरक्षण दिया जा सकता है। अत: उक्त विशेष बाध्यकारी परिस्थिति का विवरण क्या है?

राज्य शासन ने हाईकोर्ट में 19 सितंबर 2022 को 8 सारणी में विवरण भेजा था, जिस पर कोर्ट ने कहा था कि ऐसा कोई विशेष प्रकरण निर्मित नहीं है, कि 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दिया जाए। इस निर्णय के बाद ऐसी क्या विशेष परिस्थिति उत्पन्न हो गई, जिसके कारण आरक्षण की सीमा बढ़ाई गई?

सुप्रीम कोर्ट में इंद्रा साहनी के मामले में कहा गया था कि एससी-एसटी सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए नागरिकों में आते हैं। इस संबंध में राज्य के एससी-एसटी व्यक्ति किस प्रकार पिछड़े हुए हैं?

मंत्री परिषद में महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्य के आरक्षण के प्रतिशत का उल्लेख है। इन राज्यों में आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक किए जाने से पहले आयोग का गठन किया गया था। छत्तीसगढ़ में इसके लिए कौन सी कमेटी गठित की गई?

सामान्य प्रशासन विभाग ने क्वांटिफाइबल डाटा आयोग के गठन का उल्लेख किया है, जिसकी रिपोर्ट शासन के पास है। यह रिपोर्ट राजभवन में प्रस्तुत क्यों नहीं की गई?

सामान्य प्रशासन विभाग ने विभागीय प्रस्ताव अर्थात प्रस्तावित संशोधन के संबंध में शासन के विधि एवं विधायी कार्य विभाग का अभिमत अपेक्षित होना लिखा है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन में शासन के विधि एवं विधायी कार्य विभाग का क्या अभिमत है?

विधेयक में नवीन धारा स्थापित कर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 4 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का प्रावधान किया गया है। क्या शासन को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए संविधान के अनुच्छेद 16(6) के तहत पृथक से अधिनियम लाना चाहिए था?

हाईकोर्ट में राज्य शासन ने बताया है कि एससी-एसटी के व्यक्ति कम संख्या में चयनित हो रहे हैं। ऐसे में यह बताएं कि एससी-एसटी राज्य की सेवाओं में क्यों चयनित नहीं हो रहे हैं?

एसटी को 32, ओबीसी को 27, एससी को 13, इस प्रकार कुल 72 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। यह आरक्षण लागू करने से प्रशासन की दक्षता का ध्यान रखा गया और क्या इस संबंध में कोई सर्वेक्षण किया गया है?


मंत्रियों ने विधेयक दिया लेकिन डाटा नहीं

राजभवन के सूत्रों की मानें तो राज्यपाल इस बात से भी नाराज हैं कि 2 दिसंबर की रात में 5 मंत्रियों ने संशोधित विधेयक तो दिया लेकिन क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट नहीं दी। यही वजह है कि 7 दिसंबर को सचिव स्तरीय एक कमेटी भी बनाई गई। बताया जा रहा है कि यह मामला अभी लंबा चलेगा।


विधेयक पर बवाल की मुख्य वजह - 

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिले 4 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, जबकि केंद्र ने आरक्षण व्यवस्था को 50 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत तक आरक्षण देने को कहा है।

ओबीसी का आरक्षण 16 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया गया।

एससी वर्ग का आरक्षण 16 से घटाकर 13 प्रतिशत कर दिया गया।




@सोर्स - सोसल मीडिया

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