फेस्टिव सीजन में बहुत सारे लोग ड्रिंक करते ही हैं. सिर्फ राजधानी दिल्ली की बात करें तो दिवाली से पहले के दो दिनों में राजधानी वासियों ने 35 लाख बोतलें. गटक डाली. पीने के बाद ऐसे लोगों के मुंह से आने वाली शराब की बदबू आसपास मौजूद लोगों का मूड खराब करती है।
और तो और, ड्रिंक करने के अगले दिन भी सुबह उठने पर इस दुर्गंध से छुटकारा नहीं मिलता. इस बदबू को दूर करने के लिए आम तौर पर चूइंग गम, मिंट टॉफी या पुदीन हरा की गोली खाने की सलाह दी जाती रही है. वहीं, कुछ अनुभवी जन तो इस बदबू का रामबाण इलाज करने का दावा करते हुए एक से बढ़कर एक फॉर्मूला सुझाते हैं. बड़ा सवाल ये है कि क्या कोई भी ऐसी चीज मौजूद है, जिसके जरिए शराब की दुर्गंध को पूरी तरह खत्म करना मुमकिन है?
शराब पीने के बाद बदबू क्यों आती है
सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि पीने के बाद दुर्गंध आती क्यों है? आसान भाषा में समझें तो शराब पीते ही हमारा शरीर इसे जहरीला पदार्थ जानते हुए एक्टिव हो जाता है. इसे शरीर से बाहर करने के लिए लिवर को बहुत मेहनत करनी होती है. फिर शराब का कुछ हिस्सा यूरीन के जरिए शरीर से निकल जाता है।
हालांकि, एल्कॉहल का बहुत बड़ा हिस्सा हमारी रक्त वाहिकाओं के जरिए हमारे खून में मिल जाता है. इसका सबसे बड़ा असर हमारे फेफड़ों पर भी पड़ता है और यही बदबू की सबसे बड़ी वजह है. दरअसल, जब हम सांस छोड़ते हैं तो फेफड़ों की रक्त वाहिकाओं से इस शराब की महक हमारे मुंह और नाक से निकलती है।
ब्रेथ एनालाइजर मशीन इसी हवा के जरिए ब्लड एल्कॉहल लेवल जांच पाती है. एक बात और भी है. शराब पीने के लिए शरीर में हुए मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया के बाद यह यह पसीने के जरिए भी निकलती है. इस तरह देखा जाए तो शराब की दुर्गंध सिर्फ मुंह से नहीं, पूरे शरीर से आने लगती है।
मुंह के बैक्टीरिया भी जिम्मेदार
हर इंसान के मुंह के अंदर करोड़ों बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीवियों का वास होता है. सुविधा के लिए इन्हें दो कैटिगरी में बांटा जा सकता है. गुड बैक्टीरिया और बैड बैक्टीरिया. गुड बैक्टीरिया वे, जो मुंह और शरीर के लिए नुकसानदायक नहीं और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।
बैड बैक्टरीया वे होते हैं, जिनकी तादाद बढ़ने पर वे कई तरह की बीमारियां पैदा कर सकते हैं, जिनमें मुंह की बदबू भी शामिल है. एक रिसर्च में पता चला है कि शराब पीने से मुंह के अंदर गुड और बैड बैक्टीरिया का संतुलन गड़बड़ हो जाता है।
मेडिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि शराब के सेवन से शरीर में एसिड रिफ्लक्स पैदा हो सकता है. इसकी वजह से भी मुंह की दुर्गंध आती है. दरअसल, जब शराब पेट की मांसपेशियों को रिलैक्स कर देता है तो ऐसा होना मुमकिन है. पेट के अंदर पचे हुए भोजन से मिला एसिड गले तक भर आने पर यह बदबू पैदा होती है।
चूइंग गम, मिंट के बस की नहीं
जब पसीने से लेकर सांसों तक एल्कॉहल की बदबू भर गई हो तो अगर किसी को लगता है कि मिंट, चूइंग गम आदि खाकर वो शराब की दुर्गंध को दूर कर सकता है तो यह उसकी बड़ी गलतफहमी है. ये चीजें सिर्फ मुंह की दुर्गंध को कुछ देर तक के लिए कम कर सकते हैं।
इसलिए, इसका कोई स्थाई इलाज नहीं है. एक धारणा यह भी है कि वोदका या जिन जैसे कम दुर्गंध या बिना गंध वाले एल्कॉहलिक ड्रिंक्स विकल्प हो सकते हैं. यह सोचना भी पूरी तरह से गलत है।
दरअसल, बीयर, व्हिस्की, वाइन हो या वोदका, शरीर के मेटाबॉलिज्म से गुजरकर शराब जब फेफड़ों और पसीने के जरिए बाहर निकलेगी तो एक जैसी ही दुर्गंध पैदा करेगी. यानी अगर कोई शख्स बहुत ज्यादा मात्रा में शराब पीकर टल्ली हो चुका हो तो इसकी दुर्गंध से पूरी तरह निजात पाना लगभग असंभव हो जाता है।
तो फिर क्या करें
बेहद सीमित मात्रा में पीएं. एक घंटे में एक ड्रिंक पीएं और बीच-बीच में खूब पानी भी ताकि डिहाईड्रेशन के शिकार न हों. ज्यादा पानी पीने से एल्कॉहल यूरीन के जरिए शरीर से बाहर आ जाएगा।
अगर मुमकिन हो और शराब की बदबू से तात्कालिक राहत पाने के लिए नहा लीजिए. दरअसल, शराब की दुर्गंध पसीने से लेकर हमारे सांसों तक से आती है. इसलिए अच्छे से नहाना और एक तेज बॉडी स्प्रे इस्तेमाल करना बहुत मददगार साबित हो सकता है।
इसके अलावा, एक बढ़िया टूथपेस्ट से ब्रश करने और माउथवॉश से कुल्ला से भी बदबू का असर कम किया जा सकता है. कई तरह के शराब के मिक्सचर या कॉकटेल आदि पीने से भी बचना चाहिए. दरअसल, शराब में मिले सोडा, जूस या सिरप में शुगर होता है. शराब में घुली चीनी की यह अतिरिक्त मात्रा भी बदबू को बढ़ाती है।
सोर्स : इंटरनेट वेबसाइट।