@बलरामपुर
बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्रभारी प्राचार्य श्याम किशोर जायसवाल के खिलाफ सरगुजा आयुक्त से शिकायत की गई थी,जिसमे गैना के प्रभारी प्राचार्य के द्वारा शाला में अनिमित्तता और अनुशासनात्मक हीनता तथा कोषाध्यक्ष रंजना के फर्जी हस्ताक्षर से शाला की राशि का आहरण आदि की शिकायत सरगुजा आयुक्त से की गई थी जिसपर सरगुजा आयुक्त के द्वारा इस मामले की जांच के लिए अनुविभागीय अधिकारी वाड्रफनगर दीपक निकुंज को आदेशित किया गया था लेकिन एसडीएम साहब के निरंकुश रवैए से यह मामला काफी पेचीदा होता नजर आ रहा है , इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से भी की जा चुकी है जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी महिलांगे ने भी जांच नही किया था और अंत: लीपापोती करते हुए मामले को ठंडे बस्ते में डाला, इसके बाद जब सरगुजा आयुक्त से इस बारे में शिकायत की गई थी तो एसडीएम साहब के द्वारा मामले को भरपूर टाल मटोल करने की कोशिश की गई लेकिन आवेदक के द्वारा कई बार एसडीएम साहब से इस मामले पे पूछ ताछ की गई साथ की जब मीडिया में इस मामले की खबर चलने लगी तो मजबूरन एसडीएम दीपक निकुंज को इस मामले पर जांच करना पड़ा,लेकिन एसडीएम दीपक निकुंज के द्वारा सरगुजा आयुक्त के आदेशों का उल्लंघन करते हुए इस मामले को ढंढे बस्ते हालात में डाल दिया गया था। जब इस मामले पर हमारे द्वारा एसडीएम से फोन पर बात की गई तो उनका कहना है की जांच में किसी प्रकार की देरी नही की गई है,आयुक्त से जांच के आदेश प्राप्त होते तत्परता से इस मामले की जांच की है साथ की कई बिंदुओं में जांच करने की आवश्यकता थी इसलिए दो बार जांच की गई और इस मामले की रिपोर्ट बनाई गई है। लेकिन एसडीएम दीपक निकुंज के द्वारा इतने दिनों तक जांच करने के बावजूद आज तक रिपोर्ट आयुक्त कार्यालय में जमा नहीं कराई गई है साथ ही उनके द्वारा जांच में भी काफी निरंकुशता दिखाई देती है, क्योंकि 1 जुलाई को सरगुजा आयुक्त ने आदेश जारी करते हुए दीपक निकुंज को इस प्रकरण का जांच अधिकारी बनाया था और जांच कर मामले को सरगुजा आयुक्त कार्यालय में जमा करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन आज पर्यंत तक जांच रिपोर्ट सरगुजा आयुक्त कार्यालय में जमा नहीं हो पाई है। अब देखने वाली बात होगी की गैना स्कूल के प्रभारी प्राचार्य श्याम किशोर जयसवाल के ऊपर लगे विभिन्न आरोप जिनमें फर्जी दस्तखत कर शाला की राशि का आहरण करना, स्कूल को मनमाने अंदाज में संचालित करना,छात्रों से पैसे लेकर परीक्षा में नकल करना अपने पद का दुरुपयोग करना आदि आरोप लगें हैं,जिसके आवेदक के पास साक्ष्य भी उपलब्ध है लेकिन आज प्रयंत तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है।