@सूरजपुर।।
बिहारपुर तहसीलदार की काली करतूत, स्थगन आदेश की नोटिस/सूचना देने की तो बात ही कोसों दूर, यहां तो समस्या से सबंधित तहसीलदार के पास लिखित आवेदन प्रस्तुत करने पर भी वास्तविक वस्तुस्थिति से अवगत नहीं कराया गया। तहसीलदार ने झूठ बोल दिया की यहां कोई स्थगन आदेश जारी नही हुआ है। फ़सल तुम लोग क्यों काटने दिये। जबकि तहसीलदार के हस्ताक्षर से ही स्थगन आदेश जारी किया गया था। इसी बीच थाने व तहसील के चक्कर से परेशान पीड़ित आवेदिका ने 7 अक्टूबर को एसडीओपी के पास पहुंची तो अब कुछ वास्तविकता को तहसीलदार ने बताया कि स्थगन आदेश जारी हुआ है। दूरभाष के माध्यम से थाना प्रभारी व तहसीलदार से सम्पर्क पश्चात 14 अक्टूबर को पेशी कह उपस्थित होने बोला गया, परंतु उपास्थित होने पर पटवारी प्रतिवेदन अभी पेश नहीं किया है, जब पेश करेगा तभी कुछ भी संभव होगा और जिसके पक्ष में पेस करेगा सब कुछ उसी का हो जाएगा। पटवारी प्रतिवेदन सौपने का समय सीमा कब तक है तो बोला गया कि कोई समय सीमा नहीं है। हालांकि इस सभी काली करतूतों की अंधकार से उबरने की लालसा लिए एसडीएम से पीड़ित आवेदिका ने गुहार लगाई है। वहां एसडीएम ने समस्या समाधान की आश्वासन दिय दिए हैं। अब गौर करने वाली बात यह है कि समाया समाधान होता है या फिर नहीं होता है।
यहां आए दिन पहुंच व काले कारनामें के बल से अपराधियों का हौसला दिनों दिन बढ़ती जा रही है। जिसका प्रमाण जिले के चांदनी बिहारपुर थाने व तहसील का मामला है। जहां विगत महीनों से महिला को थाने और तहसील के बीच चक्कर काटने का नाच नचाया जा रहा था। जिसकी शिकायत पीड़िता महिला पार्वती ने एसडीओपी से की थीं, तब से अब बिहारपुर तहसीलदार ने पीड़िता का पीड़ा बढ़ाने अला कमान अपने कंधों पर ले लिया गया है। इसके पहले 7 अक्टूबर को तहसीलदार ने पेसी के बुलाया गया था, फिर उपस्थित होने पर बोले की यहां कुछ भी नहीं है। इसके बाद आज पुनः बुलाया गया, और बोला जा रहा कि पटवारी प्रतिवेदन प्रस्तुत अभी तक प्रस्तुत नहीं किया है। पटवारी जिसके पक्ष में प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा, सब कुछ उसी का हो जायेगा। इस तरह आसमान से गिरा तो खजूर पर अटका कहावत को चरितार्थ कर रहे बिहारपुर तहसीलदार। इस तरह नाना प्रकार के फंडा अपना कर पीड़िता को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ शासन प्रशासन की मानसा महिला सशक्तिकरण की बात की जाती है जबकि वही पार्वती साहू नाम की महिला को अपनी फरियाद लेकर दर दर चक्कर काटने को विवश है। उस महिला का फरियाद यह है कि उसके जमीन पर गुलाब साहू पिता रामदयाल साहू नामक व्यक्ति ने आवेदिका के जुताई-बुनाई किए गए जमीन पर पुनः जुताई बोवाई कर दिया गया। अब फसल जैसे-जैसे उत्पादन हो रहा है उक्त व्यक्ति के द्वारा काट कर ले जाया गया। जिसकी लिखित शिकायत समय-समय पर आवेदिका ने थाने व तहसील में दी है, किंतु आज पर्यंत तक किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं की गई है। जिससे बिहारपुर में तहसीलदार व पटवारी की मिलीभगत से अपराधियों का बचाव करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि आवेदिका ने एसडीओपी से अपनी समस्या प्रत्यक्ष रूप से रखी गई है। एसडीओपी के द्वारा 7 दिवस के अंदर मामले का निराकरण करने का आश्वासन भी दिया गया था, लेकिन अब तहसीलदार ने मामले को दूध से दही और मट्ठे का रूपों में परिवर्तित कराने में तुले हुए हैं।
विडम्बना की बात तो यह है कि छत्तीसगढ़ शासन ने लोगों की सुविधा के लिए पास पास मे तहसील कार्यालय का निमार्ण करा बकायदे तहसीलदार को कुर्सी मे बैठाया गया है ताकि मामलों के निराकरण मे आसानी हो, लेकिन यहां तो ठीक विपरीत परिस्थितियों की निर्माण करने में तुले हुए हैं। हालांकि अब पीड़ित आवेदिका ने एसडीएम से गुहार लगाई है।अब एसडीएम के न्याय की राह पीड़िता देख रही है। एसडीएम कार्यालय से संपर्क कर पीड़ित आवेदिका ने एसडीएम से सम्पर्क कर प्रत्यक्ष रूप से समस्या रखी गई है, समस्या समाधान का आश्वासन भी दिया गया है।