@सूरजपुर।।
सूरजपुर जिला अंतर्गत शासन-प्रशासन प्रणाली की गंभीर लचर व्यवस्था देखने को मिल रही है। यहां नियम कानून को ताक पर रखकर चल रहे हैं। यहां आए दिन पहुंच व काले कारनामें के बल से अपराधियों का हौसला दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। जिसका प्रमाण जिले के चांदनी बिहारपुर थाने व तहसील का मामला है। जहां विगत महीनों से महिला को थाने और तहसील के बीच चक्कर काटने का नाच नचाया जा रहा है। जिसकी शिकायत पीड़िता महिला पार्वती ने एसडीओपी से की थीं, तब से अब बिहारपुर तहसीलदार ने पीड़िता का पीड़ा बढ़ाने अला कमान अपने कंधों पर ले लिया गया है। इसके पहले 7 अक्टूबर को तहसीलदार ने पेसी के बुलाया गया था, फिर उपस्थित होने पर बोले की यहां कुछ भी नहीं है। इसके बाद आज पुनः बुलाया गया, और बोला जा रहा कि पटवारी प्रतिवेदन प्रस्तुत अभी तक प्रस्तुत नहीं किया है। पटवारी जिसके पक्ष में प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा, सब कुछ उसी का हो जायेगा। इस तरह आसमान से गिरा तो खजूर पर अटका कहावत को चरितार्थ कर रहे बिहारपुर तहसीलदार। इस तरह नाना प्रकार के फंडा अपना कर पीड़िता को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ शासन प्रशासन की मानसा महिला सशक्तिकरण की बात की जाती है जबकि वही पार्वती साहू नाम की महिला को अपनी फरियाद लेकर दर-दर चक्कर काटने को विवश है। उस महिला का फरियाद यह है कि उसके जमीन पर गुलाब साहू पिता रामदयाल साहू नामक व्यक्ति ने आवेदिका के जुताई-बुनाई किए गए जमीन पर पुनः जुताई बोवाई कर दिया गया। अब फसल जैसे-जैसे उत्पादन हो रहा है उक्त व्यक्ति के द्वारा काट कर ले जाया गया। जिसकी लिखित शिकायत समय-समय पर आवेदिका ने थाने व तहसील में दी है, किंतु आज पर्यंत तक किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं की गई है। जिससे बिहारपुर में तहसीलदार व पटवारी की मिलीभगत से अपराधियों का बचाव करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि आवेदिका ने एसडीओपी साहब से अपनी समस्या प्रत्यक्ष रूप से रखी गई है। एसडीओपी साहब के द्वारा 7 दिवस के अंदर मामले का निराकरण करने का आश्वासन भी दिया गया था, लेकिन अब तहसीलदार साहब ने मामले को दूध से दही और मट्ठे का रूपों में परिवर्तित कराने में तुले हुए हैं।
विडम्बना की बात तो यह है कि छत्तीसगढ़ शासन ने लोगों की सुविधा के लिए पास-पास मे तहसील कार्यालय का निमार्ण करा बकायदे तहसीलदार को कुर्सी मे बैठाया गया है ताकि मामलों के निराकरण मे आसानी हो, लेकिन यहां तो ठीक विपरीत परिस्थितियों की निर्माण करने में तुले हुए हैं। यहां अवेदिका ने मामले की जानकारी हेतु नकल की मांग भी किया गया है, लेकिन दिया नहीं जा रहा है।