@रायपुर//पीयुष कुमार।।
हिंदू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व होता है। हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा और विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है। कहा जाता है कि इसी दिन सृष्टि के रचयिता ब्रम्हा जी के सातवें पुत्र विश्वकर्मा भगवान का जन्म हुआ था। धार्मिक मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ही ऐसे देवता हैं, जो हर काल में सृजन के देवता रहे हैं। संपूर्ण सृष्टि में जो भी चीजें सृजनात्मक हैं, जिनसे जीवन संचालित होता है वह सब भगवान विश्कर्मा की देन है। यानी भगवान विश्वकर्मा ही दुनिया के पहले शिल्पकार, वास्तुकार और इंजीनियर थे। मान्यता है कि जब ब्रम्हा जी ने सृष्टि की रचना की तो उसे सजाने-संवारने का काम विश्वकर्मा भगवान ने किया था। इसी श्रद्धा भाव से किसी कार्य के निर्माण और सृजन से जुड़े हुए लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना करते हैं। शारडा एनर्जी मिनिरल लिमिटेड सीसियम डिपार्टमेंट में क्रेन ऑपरेटर और वर्कर्स ने बड़ी धूमधाम से भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाया गया। जिसमें अनिल साहू , मनोज साहू , पुराणिक साहू , अखिलेश मास्टर, पुरषोत्तम ध्रुव, नागेश विश्वकर्मा , गीता प्रकाश , राम लल्ला, तिजऊ बाबूराम यादव, रामआशीष यादव, सदाफल यादव, संजय पटेल, शामिल है।