@बालोद।।
इनमें 112 करोड़ रुपये के कार्यों का भूमि पूजन एवं 46 करोड़ रुपये के कार्यों का लोकार्पण शामिल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज सुबह डौंडीलोहारा विधानसभा अंतर्गत 159 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी । इसमें 112 करोड रुपए के कार्यों का भूमि पूजन तथा 46 करोड़ रुपये के कार्योंके लोकार्पण शामिल है। उल्लेखनीय है कि डौण्डीलोहारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 112 करोड़ 55 लाख रूपए की लागत के 87 विकास कार्यों का भूमिपूजन 46 करोड़ 68 लाख रूपए की लागत के 35 विकास कार्यों का लोकार्पण किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा कुल 159 करोड़ 23 लाख रूपए लागत के 122 विकास कार्यों का भूमिपूजन व लोकार्पण किया गया।
प्रमुख विकास कार्यों में मुख्यमंत्री द्वारा प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास साल्हे ,लागत 152 लाख रुपये, डौंडी में लागत 191 लाख ,दल्ली में लागत 152 लाख , सुर डूंगर में लागत 152 लाख, डौंडीलोहारा में लागत 192 लाख रुपए का लोकार्पण किया गया। साथ ही प्री मेट्रिक कन्या छात्रावास मंगचुवा, लागत 191 लाख रुपए का भूमि पूजन किया गया। इसी तरह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत कुसुमकासा से पंडेल, सिंघवाही सड़क निर्माण 15 किमी का लोकार्पण किया गया ।स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल डौंडीलोहारा के रिनोवेशन कार्य का भी लोकार्पण किया गया यहां 197 लाख रुपए के कार्यों का लोकार्पण किया गया। बड़गांव से भिंडी नाला मार्ग जिसकी लंबाई 2.32 किलोमीटर है, के पुनर्निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया जिसकी लागत ₹238 लाख है ।इसी तरह भरीटोला से जराडीह सड़क निर्माण 2.2 किलोमीटर पुलिया सहित कार्य का भूमि पूजन किया गया। इसी तरह नल जल योजना के विभिन्न कार्यों का भूमि पूजन किया गया।
इसके अलावा बीटाल में उपस्वास्थ्य केंद्र भवन,लागत 2,77 लाख रुपये, कला,सांस्कृतिक कक्ष भर्रीटोला में 6,96 लाख,प्रयोगशाला कक्ष भैंसबोड में,पुस्तकालय चिखलाकसा व भैंसबोड में 9- 9 लाख की लागत, ग्रामीण उद्योग शेड निर्माण अवारी में लागत 19 लाख,डौंडीलोहारा में शासकीय आईटीआई में 50 सीटर छात्रावास, लागत 157 लाख रुपये का लोकार्पण किया गया।इसके साथ ही कुल 4 सड़कों का लोकार्पण किया गया।
जनता के कार्य समय पर पूर्ण हो
शिकायतों का त्वरित समाधान करें अधिकारी
शिकायतों का त्वरित समाधान करें अधिकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज दल्लीराजहरा के सिटिजन क्लब में जिलाधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर योजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करें । जिले में शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्थाएं बेहतर हो, पंचायती राज प्रतिनिधियों को उनका अधिकार मिले ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की बेहतरी के लिए प्राथमिकता से कार्य करें, किसी तरह की शिकायत का अवसर न दें। उन्होंने नगर पंचायत डौंडीलोहारा में टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए । सड़क दुर्घटना को रोकने बालोद मार्ग पर जुझारा नाला के पास स्पीड ब्रेकर और संकेतक लगाने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शाला भवनों का समय पर मरम्मत किया जाए इसके लिए राज्य स्तर पर 500 करोड़ रुपए जारी किए हैं ।उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। स्कूलों में आधारभूत संसाधन पर्याप्त हो।
जनता के कार्य समय पर पूर्ण हो मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि मध्यान्ह भोजन भी मीनू के अनुसार ही बनाएं। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल आज छत्तीसगढ़ की पहचान बन चुकी है ,यहां गरीब बच्चों के प्रवेश में नियमों का पालन करते हुए उन्हें प्रवेश दें। मुख्यमंत्री ने कहां की लॉटरी सिस्टम से ही प्रवेश दिया जाए। अंचल में मिली शिकायतों के आधार पर अघोषित बिजली कटौती की स्थिति पर लगाम लगाने के निर्देश दिए हैं ।मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी आम जनता के कार्यों को प्राथमिकता से करें। स्थानीय नगर पालिका प्रशासन को नगर में आवश्यक साफ सफाई करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि जो कार्य जनता की आवश्यकता को पूर्ण करें ,उसे समय पर पूर्ण करें। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, । मुख्यमंत्री के सचिव अंकित आनंद, कमिश्नर महादेव कांवरे, कलेक्टर गौरव सिंह एवं जिला अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गुरुर हेलीपैड पहुचने पर जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों ने उनका आत्मीय स्वागत किया। बच्चों ने काका जिंदाबाद के नारा लगाए।छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा-अर्चना कर भेंट-मुलाकात कार्यक्रम की शुरूआत की।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का सम्बोधन आरम्भ।
आज आप सभी के बीच आकर बहुत अच्छा लग रहा है।
सरगुजा और बस्तर से भेंट मुलाकात की शुरुआत की। मरवाही भी गए, रायगढ़ भी गए।
सबसे मुलाकात हो रही है। हमारी योजनाओं का लाभ आपको मिल रहा है या नहीं, यह जानने आया हूँ।
आपकी समस्या सुनूंगा और समाधान का प्रयास करूँगा। इसलिए सभी अधिकारियों को भी लाया हूँ।
किसानों से किया वायदा निभाया।
सबने कहा कि दीवाली के पहले तीसरा किश्त दे दें।
हम 15 अक्टूबर को यह देंगे।
सब नियम से चलते हैं। नियम में नहीं है तो संभव नहीं
अश्वनी किसान हूँ। शुद्ध किसान हूँ। धनेली से हूँ। साहब आप बहुत अच्छा हव। चना के मुआवजा दिलवा देव। पटवारी के गलती हे।
पंचनामा ल नई भेजिस।
एसडीएम से मुख्यमंत्री ने पूछा, ऐसा क्यों।
एसडीएम ने बताया कि गांव में जांच दल में क्षति नहीं पाई गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सब नियम से चलते हैं। नियम में नहीं है तो संभव नहीं। पूरी जांच हुई है।
अब खुश हो जाइए एक हफ्ते में भुगतान हो जाएगा
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को भेंट-मुलाकात के दौरान एक ग्रामीण जगदीश ने बताया कि समिति से धान का पैसा मिलने में समस्या हुई है।
कलेक्टर ने बताया कि ये मुझसे मिले, समिति का इशु था, सॉल्व हो गया है। एक हफ्ते में भुगतान हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, अब खुश हो जाइए।
चाहे 10 लाख हो या 20 लाख लगे। बेटे का इलाज कराएंगे।
हेमंत कुमार ने बताया कि मेरे बेटे को मस्कुलर डिस्ट्रॉफी है। चिरायु से इलाज हुआ है। बच्चे को बाहर इलाज करा दीजिये।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि चाहे 10 लाख हो या 20 लाख लगे। बेटे का इलाज कराएंगे।
गुरुर नगर भ्रमण के दौरान नागरिकों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का तिलक लगाकर, माला पहनाकर और गुलदस्ते भेंट कर हार्दिक स्वागत किया।
पूरे देश में देख लीजिए। फसल का इतना अच्छा रेट नहीं मिला।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में किसानों को उनकी मेहनत का का सबसे ज्यादा मूल्य दिया जा रहा है। धान का निर्धारित समर्थन मूल्य के अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से भी किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है।
बहुत जागरूक हैं
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राशन कार्ड के हितग्राहियों से चर्चा की
हितग्राही ने सभी सामानों का रेट बताया। कहा कि बढ़िया लाभ मिल रहा है।आप गैस सिलिंडर के कीमत कम कर दो।
मुख्यमंत्री ने पूछा कि इसकी कीमत कौन तय करता है बताओ।
ग्रामीणों ने बताया, केंद्र से।
मुख्यमंत्री ने कहा, बहुत जाग
बेटी को साइकिल देंगे
गोठान जुड़कर आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ें
दानेश्वरी ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके पति का देहांत हो चुका है और वे तीन बच्चों की परवरिश कर रही हैं।बेटी को साइकिल चाहिए। दानेश्वरी ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटी को साइकिल देंगे ।
मुख्यमंत्री ने दानेश्वरी को गोठान से जुड़कर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के साथ आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ने का सुझाव दिया।
कोट कहाँ छोड़ आये हो। हम इसका प्रपोजल हाइकोर्ट भेजेंगे
एक नागरिक ने गुरुर में व्यवहार न्यायालय की मांग की। कहा कि 60 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने चुटकी लेते हुए कहा कि बताओ अपना कोट कहाँ छोड़ आये हो। हम इसका प्रपोजल हाइकोर्ट भेजेंगे.
अब तुम्हारे स्कूल में एक दिन छत्तीसगढ़ी में भी पढ़ाई होगी
स्वामी आत्मानंद स्कूल के बच्चों से मुख्यमंत्री ने बातचीत की।
सोनार कोसरे ने बताया कि मैं हेड बॉय हूँ।
मुख्यमंत्री ने कहा तुम अंग्रेजी में बोल रहे हो ठीक है पर छत्तीसगढ़ी में भी बोलो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या सुविधा मिली है।
बच्चे ने कहा, लैब है। लाइब्रेरी है।
मुख्यमंत्री ने पूछा और फीस ।
बच्चे ने कहा वो तो एक रुपया भी नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तुम्हारे स्कूल में एक दिन छत्तीसगढ़ी में भी पढ़ाई होगी।
एक लाख में काम नहीं होगा बाबू, 2 लाख दूंगा
मुख्यमंत्री ने एमबीबीएस के लिए चयनित शिवेंद्र को कहा,
जब पैसा सिरा जाहि तब फिर आबे
एक लाख में काम नहीं होगा बाबू, 2 लाख दूंगा
डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना
दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी
एक ग्रामीण ने ओडा ग्राम पंचायत के पटवारी की शिकायत की।
मुख्यमंत्री ने कहा, जांच के बाद दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी।
प्राचार्य पर होगी कार्रवाई
स्वामी आत्मानंद हिंदी मीडियम कन्हारपुरी की छात्रा कुमारी भारती साहू ने कहा, हमसे 650 रुपये फीस ली गई है।
जबकि इंग्लिश मीडियम स्कूल में नही ली गई है।
डीईओ से मुख्यमंत्री ने पूछा।
डीईओ ने कहा, सर किसी से फीस नहीं लेनी है। हम प्राचार्य पर कार्रवाई करेंगे।
भर्रीनाला के संतराम साहू ने बताया कि नरवा में स्टॉप डैम बन गया है। 6 महीने पहले बना। बोर का लेवल डेढ़ मीटर बढ़ गया। उन्होंने मोटर पंप की डिमांड की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नरवा पर सवाल इसलिए पूछा कि यहां के किसान बहुत प्रगतिशील हैं। यहाँ पानी की दिक्कत थी। हमने इसे समझा और ठोस पहल की।
फिर नरवा पर काम किया। नरवा में पानी रोकेंगे तो फायदा होगा। ये ड्राई ज़ोन है हमें मनरेगा का पैसा भी इसमें लगाना है।
मौलिक रूप में दीमक द्वारा आच्छादित शिवलिंग है मंदिर की विशेषता
देऊर मंदिर में स्थापित शिवलिंग का स्वरूप अपने आप में विशेष है। इस प्राचीन मंदिर में शिवलिंग अपने मौलिक रूप में विद्यमान है। खास बात है कि शिवलिंग यहां गर्भगृह में दृष्टिगोचर नहीं है। ऐसा माना जाता है की यहां शिवलिंग भूतल से 5 फीट नीचे गहराई में स्थापित है और बाहरी तौर पर पूरा शिवलिंग दीमक द्वारा आच्छादित नजर आता है। दीमक के घर को स्थानीय भाषा में भूड़ू भी कहा जाता है और प्रचलित रूप में देऊर मंदिर में विराजमान भगवान शिव को भूड़ू वाले बाबा भी कहा जाता है।
द्रविड़ शैली के स्थापत्य और पिरामिड नुमा शिखर से निर्मित है ऐतिहासिक भूड़ू वाले बाबा का मंदिर
देऊर मंदिर का निर्माण द्रविड़ शैली की स्थापत्य कला के अनुरूप किया गया है। यहां गर्भ गृह में पिरामिड नुमा शिखर है, जिसमें श्री यंत्र निर्मित है। मंदिर के आचार्य श्री सुरेश पांडे ने बताया की यह ऐतिहासिक मंदिर है। इस मंदिर के निर्माण के विषय में दो मान्यताएं प्रचलित हैं। यह कहा जाता है कि कलचुरी शासकों द्वारा सातवीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण करवाया गया। वहीं नागवंशी शासकों द्वारा 12वीं शताब्दी में इस मंदिर को बनवाया गया है,ऐसा भी माना जाता है। मंदिर के पीछे के हिस्से में एक प्राचीन शिलालेख भी है जो गोंडी भाषा में है।
मुख्यमंत्री ने आज बालोद विधानसभा में लोगों से भेंट मुलाकात करने गुरुर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने देऊर मंदिर में दर्शन पश्चात गुरुर भेंट मुलाकात कार्यक्रम स्थल तक पदयात्रा की। इस लगभग 1 किलोमीटर की पैदल यात्रा में मुख्यमंत्री के स्वागत को जैसे पूरा गुरुर उमड़ पड़ा। लोगों ने गजब के उत्साह के साथ मुख्यमंत्री का जगह जगह पर अभिवादन किया।
पदयात्रा के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री का स्वागत फूल मालाओं और गुलाब की पंखुड़ियों के साथ तथा गुलदस्ते भेंट कर किया । सड़क के दोनों ओर मुख्यमंत्री के इंतजार में खड़े लोगों के पास मुख्यमंत्री खुद पहुंचे। महिलाओं ने मुख्यमंत्री की आरती उतार कर उन्हें तिलक लगाया। पदयात्रा के दौरान युवाओं ने मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी ली। इस दौरान पूरे समय कका जिंदाबाद के नारे गूंजते रहे । गुरुर के निवासियों ने मुख्यमंत्री को गजमाला भी पहनाई और मुख्यमंत्री के सिर पर रंगीन साफा भी बांधा।
भेंट मुलाकात स्थल पर पहुंचकर मुख्यमंत्री कार्यक्रम स्थल के पीछे स्थित दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर गए और कार्यक्रम की शुरुआत करने से पहले उन्होंने भगवान हनुमान जी के दर्शन कर आशीर्वाद लिए तथा प्रदेशवासियों को सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
वर्मी कम्पोस्ट पर मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से जानकारी ली।यदुश्वरी ने कहा कि वर्मी में बढ़िया लाभ हुआ है। 250 क्विंटल बनाया है। पैसा नहीं आया। मुख्यमंत्री ने कहा, कल रायपुर जाऊंगा और पैसा आपके खाते में आ जायेगा।
कुछ किसान वर्मी भी डाले और कुछ रासायनिक कुछ लोग दोनों। एक किसान ने बताया कि वर्मी में भी बढ़िया लाभ है। मोहित मराठा ने अनुरोध किया कि तालाब में गंदा पानी जाता है। गुरुर नगर पंचायत में आवेदन देता हूँ तो कहता है कि कोई योजना नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा ठीक कराएंगे आपकी समस्या। बिजली बिल में मिल रही राहत पर भी मुख्यमंत्री ने पूछा। हितग्राही ने विस्तार से इस बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को बताया कि बिजली बिल हाफ योजना के लिए 2200 करोड़ हमने दिए हैं।
देश में पहली बार इस तरह से चिटफण्ड कंपनी पर कार्रवाई हुई40 करोड़ की इनसे रिकवरी हुई
भारत सरकार से मांग की गई है कि इस पर जांच कराएं
मुख्यमंत्री ने चिटफंड कंपनियों के संबंध में कहा कि कितने लोगों को ठगा गया। कितने लोगों ने तो जमीन बेचकर निवेश किया था। प्रदेश का करोड़ो लोगों ने लूट लिया।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले जिनसे ठगी हुई है, उनसे आवेदन लिया फिर विस्तार से काम हुआ। देश में पहली बार इस तरह से चिटफण्ड कंपनी पर कार्रवाई हुई।
संपत्ति कुर्क हुई।
40 करोड़ की इनसे रिकवरी हुई। दूसरे राज्यों में इस पैसे का निवेश किया गया है। भारत सरकार को इससे अवगत कराया गया है, ताकि वहां से भी रिकवर हो। भारत सरकार से मांग की गई है कि इस पर जांच कराएं। हम एक बार पत्र लिख चुके हैं। अभी और लिखेंगे।
महाराष्ट्र सरकार ने हमसे पूछा कि आप कैसे इस मामले में कार्रवाई कर रहे हैं। हमने उन्हें भी कार्ययोजना बताई।
भेंट मुलाकात : गुरुर
मुख्यमंत्री ने भेंट-मुलाकात के बाद ग्रामीणों के पास जाकर उनसे आवेदन लिए।
आम जनता की आर्थिक स्थिति में सुधार हो, यह प्राथमिकता हैआम जनता से जुड़ी चीजों में कटौती नहीं करेंगे
किसान के पास पैसा आया तो व्यापार भी बढ़ा
शिक्षा और छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा दिया गया
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि आप लोगों से बात की, अच्छा लगा। आप लोगों को सभी योजनाओं का सुंदर लाभ मिल रहा है। सभी योजनाओं के हितग्राहियों से बातचीत की। मैं संतुष्ट हूँ।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कहीं त्रुटि भी मिली, उसे ठीक कर लेंगे। आम जनता की आर्थिक स्थिति में सुधार हो, यह प्राथमिकता है।
कोरोना काल में भी हम लोग सक्रियता से कार्य करते रहें। कोरोना काल में 6 राज्यों में 30 प्रतिशत वेतन कटौती हुई। मुझे भी कहा गया।
हमने कहा कि आम जनता से जुड़ी चीजों में कटौती नहीं करेंगे। हर स्तर पर मितव्ययिता की और हम इसका सामना करने में सफल हुए।
किसान के पास पैसा आया तो व्यापार भी बढ़ा। लोगों के जेब में पैसे आये।
वनोपज खरीदे। संग्राहकों के हित में कार्य किया। अस्पताल बढ़िया किये।
स्वास्थ्य में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए। बड़ी बीमारियों में 20 लाख रुपये तक राशि देने का निर्णय हुआ।
अंग्रेजी स्कूल को बढ़ावा मिला।
700 से अधिक इंग्लिश स्कूल के माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा मिला। संस्कृति को बढ़ावा दिया गया।
20 साल हो गया था। कोई राज्यगीत नहीं था। तीज त्योहार पर अवकाश नहीं था। मुख्यमंत्री निवास में त्योहार में गरवा लेकर जाते हैं त्योहार में। जब पहली बार शास्त्री चौक तक हरेली में बैलगाड़ी से गए तो शहरी लोगों को पता चला कि हरेली में ऐसा होता है।
मई दिवस के दिन तो अमेरिका में भी बसे भारतीय लोगों ने फेसबुक पोस्ट डाले और लिखा हमने बोरे बासी का टेस्ट किया। तेजी से विकसित हो रहे टूरिस्ट स्थल ओनाकोना का टूरिज्म के दृष्टिकोण से होगा विकास। मुख्यमंत्री की बड़ी घोषणा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा की गई घोषणाएं1. गुरूर के जोगिया तालाब का सौन्दर्यीकरण एवं गार्डन।
2. बहादुर कलारिन माची नहर पार से मेन रोड मुजगहन तक रोड निर्माण।
3. अंबेडकर चौक गुरूर से कन्हारपुरी तक सड़क चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण।
4. सियादेही एवं ओनाकोना पर्यटन स्थल के रूप में होगा विकसित।
5. नेवारीकला एवं पड़कीभाठ में नाले में रपटा का निर्माण।
6. ग्राम बोहारा में गौठान मार्ग पर नवीन पुलिया का निर्माण।
7. बोड़रा मेन रोड में पुलिया का निर्माण।
8. दर्रा खारून नदी में नवीन पुलिया का निर्माण।
9. शासकीय नवीन महाविद्यालय गुरूर में बनेगा अतिरिक्त कक्ष।
अण्डे व्यवसाय से हुई एक लाख रूपए की आमदनी
लक्ष्मी साहू को व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए डीएमएफ से सहयोग दिया गया। श्रीमती साहू के लगन और मेहनत की बदौलत अंडे का उत्पादन का व्यवसाय प्रारंभ हुआ। उन्होंने बताया कि अंडा बेचकर उसने अब तक 1 लाख रुपये कमा चुकी हैं।
2 एकड़ बाड़ी से ढाई लाख रुपये की आमदनी
आरमरीकला निवासी ऊषा साहू ने बताया कि नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी योजना का लाभ लेकर केवल 2 एकड़ बाड़ी से ढाई लाख रुपये की आमदनी प्राप्त की। समूह की महिलाएं इस आमदनी से उत्साहित है। उन्होंने नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।
भर्रीनाला के संतराम साहू ने बताया कि नरवा में स्टॉप डैम बन गया है। 6 महीने पहले बना। बोर का लेवल डेढ़ मीटर बढ़ गया। उन्होंने मोटर पंप की डिमांड की।मुख्यमंत्री ने कहा कि नरवा पर सवाल इसलिए पूछा कि यहां के किसान बहुत प्रगतिशील हैं। यहाँ पानी की दिक्कत थी। हमने इसे समझा और ठोस पहल की।
फिर नरवा पर काम किया। नरवा में पानी रोकेंगे तो फायदा होगा। ये ड्राई ज़ोन है हमें मनरेगा का पैसा भी इसमें लगाना है।
बहुत जागरूक हैंमुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राशन कार्ड के हितग्राहियों से चर्चा की
हितग्राही ने सभी सामानों का रेट बताया। कहा कि बढ़िया लाभ मिल रहा है।आप गैस सिलिंडर के कीमत कम कर दो।
मुख्यमंत्री ने पूछा कि इसकी कीमत कौन तय करता है बताओ।
ग्रामीणों ने बताया, केंद्र से।
मुख्यमंत्री ने कहा, बहुत जागरूक है।
भूपेश है तो भरोसा है, जनवाक्य बन चुके इस कथन को ध्येय वाक्य बनाती अकलवारा की महिला समूहों ने अपनी उम्मीदें पूरी कीएजुकेशन में इन्वेस्टमेंट सबसे लाभ का सौदा, अपनी आय को गौठान की इन सदस्यों ने इसी में व्यय किया
समूह की सदस्य ने अपनी बेटी को बीसीए में एडमिशन कराया, 14 हजार की फीस पटाई
3 सदस्यों ने लिया मोबाईल ताकि ऑनलाइन क्लास में बच्चों को दिक्कत न आये
एक सदस्य ने विवाह के लिए लिया कर्ज छूटा, एक ने बेटे के लिए बाइक ले ली
रायपुर, 20 सितम्बर 2022
केवल केंचुआ पालने से भी लोगों के सपने सच हो सकते हैं, इस पर विश्वास करना कठिन है, लेकिन केवल 6 महीनों के भीतर अकलवारा गांव की स्व सहायता समूह की महिलाओं ने यह सच कर दिखाया है। समूह की महिलाओं ने 2 लाख 88 हजार रुपये की कमाई केंचुआ बेचकर की है। खास बात है कि सभी महिलाओं ने अपनी आय को बच्चों को पढ़ाने में व्यय किया। दुर्गा शक्ति समूह की सदस्य श्रीमती सुनीता निषाद की बिटिया प्रियंका का बीसीए पढ़ने का सपना सच हुआ है।
कोरोना काल में केंचुआ का उत्पादन होता रहा और इसकी बिक्री होती रही। इससे समूह के तीन सदस्यों ने अपने बच्चों के लिए मोबाइल खरीद लिया ताकि उनके बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई जारी रख सकें। एक दीदी के घर में शादी की वजह से कर्ज हो गया था। एक दीदी ने अपने बेटे के लिए बाइक खरीदने में मदद की।
गौठान नहीं होता, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की योजनाएं नहीं होती
सुनीता ने बताया कि समूह ने 18 क्विंटल केंचुए का उत्पादन किया है और इसकी बिक्री 5 ब्लॉक में की है इससे समूह को 2 लाख 88 हजार रुपये की आय हुई है। इसके अलावा गोबर के माध्यम से ही 1 लाख 29 हजार रुपये का वर्मी खाद से आय अर्जित की है। साथ ही यह महिलाएं 24 हजार रुपये का फिनाइल बेच चुकी हैं।
सुनीता ने बताया कि साथ ही अन्य गतिविधियों के लिए भी उनके पास पर्याप्त समय है जैसे कोरोना काल में उन्होंने आपदा को भी अवसर के रूप में बदल दिया। उन्होंनेे बताया कि गौठान नहीं होता, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की योजनाएं नहीं होती तो उनके बड़े-बड़े सपने सच नहीं होते। सफलता मिलती है तो आगे की उम्मीद भी बढ़ जाती है। वे आगे की योजना बना रही हैं। उन्होंने सोचा है अब मसाला और पिराई का काम शुरू करेंगी।
वर्तमान में प्रदेश में इस रोग के नहीं पाए गए लक्षण
सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के ग्रामों में अस्थायी चेकपोस्ट स्थापित एवं गोट-पाक्स वैक्सीन का टीकाकरण कार्यक्रम संचालित
जिला कलेक्टरों द्वारा एहतियात के तौर पर जिलों में पशु हाट-बाजारों पर अस्थायी रूप से रोक
हाल ही में भारत के कुछ राज्यों में पशुओं में गांठदार त्वचा रोग (लम्पीस्कीन रोग) के लक्षण देखने को मिले हैं। यह रोग गौवंशी तथा भैंसवंशी पशुओं में गाँठदार त्वचा रोग वायरस के संक्रमण के कारण होता है। इस रोग का मुख्य वाहक मच्छर, मक्खी एवं किलनी हैं, जिसके माध्यम से स्वस्थ पशुओं में यह संक्रमण फैलता है।
वर्तमान मंे प्रदेश में इस रोग के कोई भी लक्षण नहीं पाये गये है। एहतियात के तौर पर जिलों मे कलेक्टर द्वारा पशु हाट-बाजारों के आयोजन पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है। साथ ही विभाग द्वारा सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के ग्रामो मे अस्थायी रूप मे चेकपोस्ट बनाया गया है, ताकि पड़ोसी राज्यों से प्रवेश करने वाले पशुओं को रोका जा सके। पशुधन विकास विभाग द्वारा सीमावर्ती ग्रामों में पशुओं को इस रोग के संक्रमण से बचाने हेतु गोट-पाक्स वैक्सीन से प्रतिबंधात्मक टीकाकरण किया जा रहा है। सीमावर्ती ग्रामों में इस रोग के लक्षण एवं रोकथाम के उपाय से अवगत कराये जाने हेतु के पशुपालकों में जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
इस रोग के निगरानी हेतु विभागीय अमलों को ग्रामों मे सतत् भ्रमण कर पशुपालकों से निरंतर संपर्क किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है, तथा पशुओं के रोगग्रस्त होने की स्थिति मे तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु पर्याप्त मात्रा मे औषधियों की व्यवस्था क्षेत्रीय संस्थाओं में की गई है। इसके अतिरिक्त विषम परिस्थिति से निपटने के लिये जिलों में पर्याप्त बजट उपलब्ध करा दी गई है, ताकि टीकाद्रव्य एवं अन्य सामग्री समय पर क्रय कर अन्य ग्रामों के पशुओं मे प्रतिबंधात्मक टीकाकरण का कार्य त्वरित रूप से किया जा सके। पशुओं के आवास में जीवाणुनाशक दवा का छिड़काव एवं पशुओं मे जू कीलनीनाशक दवा का छिड़काव हेतु सलाह दी गई है, ताकि इस रोग के मुख्य वाहकों पर नियंत्रण पा सकें।
गौरतलब है कि लम्पी स्कीन से रोगग्रस्त पशुओं में 02 से 03 दिन तक मध्यम बुखार के लक्षण मिलता है, इसके बाद प्रभावित पशुओं की चमड़ी मे गोल-गोल गांठें परिलक्षित होते है। लगातार बुखार होने के कारण पशुओं के खुराक पर विपरित प्रभाव पड़ता है, जिसके वजह से दुधारू पशुओं में दुग्ध उत्पादन एवं भारसाधक पशुओं की कार्यक्षमता कम हो जाती है। रोगग्रस्त पशु दो से तीन सप्ताह मे स्वस्थ हो जाते है, परंतु शारीरिक दुर्बलता के कारण दुग्ध उत्पादन कई सप्ताह तक प्रभावित होता है।
पशु चिकित्सा विभाग का अमला पशुपालकों को संक्रमण के रोकथाम के बता रहा उपाय
अन्य राज्यों से पशुओं के आवागमन पर रोक लगाने चेक पोस्ट पर रखी जा रही है निगरानी
वेक्टर नियंत्रण एवं रिंग वैक्सीनेशन कराने के निर्देश
राज्य में पशुओं के लंपी स्किन रोग का अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है। लंपी स्किन रोग की आशंका को देखते हुए पशु चिकित्सा विभाग का मैदानी अमला बीते एक महीने से अलर्ट मोड में है और वह गांवों का निरन्तर भ्रमण कर पशुओं को लम्पी रोग से बचाव के उपाय पशु पालकों बता रहा है।
पशुओं में लम्पी स्कीन रोग का मामला देश के राजस्थान, गुजरात सहित अन्य राज्यों में प्रकाश में आते ही छत्तीसगढ़ में पशुओं को इस रोग से बचाने के लिए संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने अगस्त माह पहले सप्ताह में ही गाईड लाईन जारी कर विशेष सावधानी बरतने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए थे।
छत्तीसगढ़ राज्य के 18 जिलों की सीमाए अन्य राज्यों से जुड़ी हुई है,जहां से बीमार पशुओं के आवागमन की संभावना को देखते हुए सीमावर्ती ग्रामों में पर चेक पोस्ट लगाकर नियमित चेकिंग में निगरानी रखी जा रही है। इन गांवों में पशु मेला को प्रतिबंधित करने के साथ ही बिचौलियों पर भी निगरानी रखी जा रही है।
गौरतलब है कि लम्पी स्कीन डिसिज गौवंशीय एवं भैसवंशीय पशुओं में फैलने वाला विषाणुजनित संक्रामक रोग है। इस रोग का मुख्य वाहक मच्छर, मक्खी एवं किलनी है, जिसके माध्यम से स्वस्थ पशुओं में यह संक्रमण फैलता है।रोगग्रस्त पशुओं में 02 से 03 दिन तक मध्यम बुखार का लक्षण मिलता है. इसके बाद प्रभावित पशुओं की चमडी मे गोल-गोल गांठें उभर आती है। लगातार बुखार होने के कारण पशुओं के खुराक पर विपरित प्रभाव पड़ता है, जिसके वजह से दुधारू पशुओं में दुग्ध उत्पादन एवं भारसाधक पशुओं की कार्यक्षमता कम हो जाती है। रोगग्रस्त पशु दो से तीन सप्ताह में स्वस्थ हो जाते है. परंतु शारिरिक दुर्बलता के कारण दुग्ध उत्पादन कई सप्ताह तक प्रभावित होता है। इस रोग से 10 से 20 प्रतिशत पशु प्रभावित होते हैं. जिसमे से 01 से 05 प्रतिशत तक के पशुओं की मृत्यु संभावित है।
वर्तमान में प्रदेश मे इस रोग के लक्षण नहीं पाये गये है। एहतियात के तौर पर जिलों मे पशु हाट-बाजारों का आयोजन पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के ग्रामों में अस्थायी रूप में चेकपोस्ट बनाया गया है, ताकि पड़ोसी राज्यों से प्रवेश करने वाले पशुओं को रोका जा सके।सीमावर्ती ग्रामों मे पशुओं को इस रोग के सक्रमण से बचाने हेतु गोट-पास्क वैक्सीन द्वारा प्रतिबंधात्मक टीकाकरण किया जा रहा है।
इस रोग से पशुओं के रोगग्रस्त होने की स्थिति में तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु पर्याप्त मात्रा मे औषधियों की व्यवस्था क्षेत्रीय संस्थाओं मे की गई है। इसके अतिरिक्त विषम परिस्थिति से निपटने के लिये जिलों में पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया गया है. ताकि टीकादव्य समय पर क्रय कर अन्य ग्रामों के पशुओं मे प्रतिबंधात्मक टीकाकरण का कार्य तेजी से किया जा सके।
पशुओं के आवास में जीवाणु नाशक दवा का छिड़काव एवं पशुओं में जू- कॉलनीनाशक दवा का छिड़काव हेतु सलाह दी गई है ताकि इस रोग पर नियंत्रण रखा जा सके।
ग्लोबलाइजेशन का लाभ उठाने फर्राटे से अंग्रेजी बोलते छत्तीसगढ़िया बच्चे
स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में संवर रहा बच्चों का भविष्य
कोई देश कितना विकसित है, इसके तीन पैमानों में स्वास्थ्य, आर्थिक खुशहाली के साथ शिक्षा भी शामिल हैं। कोई देश यदि शिक्षा में निवेश करता है, तो भविष्य में उसे अपने निवेश पर कई गुना लाभ प्राप्त होता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के रूप में ऐसा निवेश कर दिया है, जिसका लाभ आने वाली अनेक पीढ़ियों को सुखद भविष्य के रूप में मिलता रहेगा। एक राजमर्मज्ञ आने वाले समय की नब्ज को पहचानता है। दुनिया तेजी से ग्लोबल विलेज बन रही है और यह प्रक्रिया तेजी से गति ले रही है। जो समय की नब्ज को पकड़कर उसके साथ कदमताल कर लें वो विजेता होगा। ग्लोबल विलेज की भाषा है अंग्रेजी। हमारे छत्तीसगढ़ के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं, लेकिन अंग्रेजी में चूक जाते हैं। माता-पिता चाहते हैं कि वो भी उच्च वर्ग और उच्च-मध्यम वर्ग की तरह बच्चों को अच्छी अंग्रेजी शिक्षा दे पाएं, लेकिन पब्लिक स्कूल की मोटी फीस वहन करना उनके लिए संभव नहीं था।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस बाधा को तोड़ दिया। केवल अंग्रेजी की पढ़ाई ही नहीं, उच्च गुणवत्ता के साथ अंग्रेजी की पढ़ाई। अंग्रेजी की पढ़ाई केवल रायपुर जैसे महानगर में न हो बल्कि ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों में भी हो। गांव का बच्चा क्यों अंग्रेजी शिक्षा से वंचित रहे, इसका दायरा गांव तक फैल गया। लाइब्रेरी की सुविधा नामी-गिरामी निजी स्कूल तक ही सीमित क्यों रहे, सर्वसुविधायुक्त लाइब्रेरी हमारे हर आत्मानंद स्कूल में भी है। यही नहीं आत्मानंद स्कूल में सुंदर खेल परिसर हैं, जहां से नामचीन खिलाड़ी भी निकल सकते हैं। आधुनिक सुविधाओं वाले प्रैक्टिकल लैब हैं, जहां इस पीढ़ी के सीवी रमन तैयार होंगे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल हमेशा कहते हैं कि प्रतिभा तो है संसाधन नहीं दोगे तो यह कैसे उभरेगी। मुख्यमंत्री ने स्कूलों को संसाधनों से समृद्ध किया है। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि हमारी पीढ़ी अंग्रेजी भाषा के साथ-साथ हमारी संस्कृति से भी जुड़ी रहे इसलिए अंग्रेजी माध्यम के साथ-साथ हिंदी माध्यम के आत्मानंद स्कूल भी खोले जा रहे हैं। साथ ही स्थानीय बोलियों को पाठ्यक्रम से जोड़ा गया है, इससे हमें अपनी संस्कृति, परम्पराओं और स्थानीयता पर भी गर्व होगा और अपने ग्लोबल पहचान के प्रति भी हम जागरूक होंगे।
प्रदेश में स्वामी आत्मानंद स्कूल की शुरूआत सबसे पहले 03 जुलाई 2020 को हुई। इसी वर्ष अलग-अलग शहरों में 52 स्कूल खोले गए। उस समय यहां प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम थी। फिर भी प्रथम वर्ष में आवेदन की संख्या 20 हजार से अधिक थी। धीरे-धीरे स्कूल की गुणवत्ता की चर्चा होने के साथ यहां आवेदन की संख्या बढ़ती गई। वर्ष 2022-23 में दो लाख 76 हजार से अधिक आवेदन मिले हैं। परिस्थितियों को देखते हुए स्कूलों की संख्या भी बढ़ाई गई। इस समय प्रदेश में 279 स्कूल संचालित हैं, जिसमें अंग्रेजी माध्यम के 247 और हिन्दी माध्यम के 32 स्कूल हैं। यही नहीं आने वाले शैक्षणिक सत्र में 439 हिन्दी माध्यम के स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलने की योजना है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा थी कि छत्तीसगढ़ में ऐसे शिक्षण संस्थान हो जहां निजी स्कूल जैसी उत्कृष्ट सुविधाएं हो, वहां मध्यम और निर्धन वर्ग के पालक अपने बच्चों को पढ़ा सकें। इसे मूर्त रूप देने पुराने सरकारी स्कूलों को ही चिन्हित किया गया। इन स्कूलों में सबसे पहले आधारभूत संरचना को मजबूत किया गया। पुरानी बिल्डिंग का पुनरूद्धार किया गया। क्लास रूम को नया रूप प्रदान किया गया जहां पर कभी पुराने ब्लैक बोर्ड थे, वहां पर ग्रीन बोर्ड लगाए गए, कुछ जगह स्मार्ट बोर्ड ने जगह ले ली। पुराने बैंच-टेबल की जगह नए कम्फर्ट बैच-डैस्क की व्यवस्था की गई। साइंस के आधुनिक साज-सामानों के साथ नये प्रैक्टिकल लैब बनाए गए। एक्स्ट्रा कैरिकुलम एक्टिविटी को बढ़ावा दिया गया।
शिक्षण संस्था के लिए सबसे महत्वपूर्ण शिक्षक की जरूरतें पूरी की गई। अन्य स्कूलों से प्रतिनियुक्ति पर अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक लिए गए। यहीं नहीं संविदा में विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की भर्ती की गई। शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए। बच्चों को पढाने के लिए स्मार्ट बोर्ड का उपयोग किया गया। इससे बच्चे ऑडियो-विजुअल पद्धति से अध्ययन करने लगे, जिससे उन्हें विषय को समझने में आसानी हुर्ह, उनकी ग्रहण क्षमता बेहतर हुई।
विद्यार्थियों की दर्ज संख्या की बात करें, तो इसमें बेहतरीन परिणाम सामने आए। राजधानी रायपुर के बीपी पुजारी स्कूल में शुरूआत में जहां पूर्व में बच्चों की संख्या सिर्फ 100 के आस-पास थी, वहां अब 1000 से अधिक हो गई। बिलासपुर जिले के आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल तारबाहर की बात करें तो वहां तत्कालीन स्कूल में दर्ज संख्या करीब 124 थी, वहीं आत्मानंद स्कूल में परिवर्तित होने के बाद विद्यार्थियों की संख्या बढ़कर लगभग 800 हो गई। हर वर्ग से बच्चों के स्कूल में प्रवेश की निरंतर मांग आने लगी। इसे देखते हुए स्कूल प्रबंधन को लाटरी सिस्टम की मदद लेनी पड़ी। विद्यार्थियों की दर्ज संख्या वर्ष 2021-22 में जो एक लाख 41 हजार 745 थी। वह अब 2022-23 में बढ़कर 2 लाख 31 हजार 403 हो गई।
स्वामी आत्मानंद स्कूल योजना ने छत्तीसगढ़ में शैक्षणिक वातावरण ही बदल दिया है। यहां अध्ययनरत छात्र-छात्राएं महसूस कर रहे है कि उन्हें आगे बढ़ने के वह सारे अवसर मिल रहे हैं जो एक महानगर की सर्वसुविधायुक्त गुणवत्तायुक्त प्राइवेट स्कूलों में है, वह भी निःशुल्क। इनके परिणाम इतने सकारात्मक हैं कि मुख्यमंत्री भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान वे जिन-जिन स्थानों पर जा रहे है, वहां जनता ने इस स्कूल के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही नए स्कूलों की मांग भी की। स्वामी आत्मानंद छत्तीसगढ़ की महान विभूति थे, जिन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगायी, जो मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रयासों से छत्तीसगढ़ के कोने-कोने में पहुंच गई है। निश्चित ही प्रदेश सरकार द्वारा किया गया यह प्रयास छत्तीसगढ़ को शिक्षा के क्षेत्र में देश में उच्च स्थान पर स्थापित करेगी।