@बालोद
संत प्रसूता कहीं जाने वाली मां भारती की गोद में न जाने कितनी विविधताओं का दर्शन होता है विभिन्न जाति धर्म संप्रदाय और विभिन्न मान्यताओं को समेटे मां भारती का आंचल पिछले कुछ समय से विधर्मीयों के चलते दागदार होता दिखता है। और विडंबना तो तब दिखती है कि जितने भी आक्रमण होते हैं सिर्फ सनातन धर्म पर ही क्यों होते हैं? चिरकाल से यह बात देखने में आई है की विधर्मीयो ने उन्हें अपने करतूतों से सनातन धर्म को ही नुकसान पहुंचाया है लेकिन ताजूब है की सनातन धर्मियों के मुख से उफ तक नहीं निकलती यह खेद का विषय है।यह बात जेहन में इसलिए उठ रही है कि पिछले दिनों की घटनाओं ने मन में एक आंदोलन सा पैदा किया है जब आदिवासी बाहुल्य डौंडीलोहारा तहसील और जिला बालोद स्थित सनातन धर्म की आस्था का केंद्र जामडी पाटेश्वर धाम जहां 45 वर्षों से बलि प्रथा को त्याग कर हमारे आदिवासी बंधुओं ने सनातन धर्म के अहिंसात्मक परंपराओं का निर्वहन करते हुए सामाजिक समरसता के साथ जीने का संकल्प लेकर जीवन को शांति और सुख में जी रहे थे को न जाने क्या हुआ कि ब्रह्मलीन महंत राम जानकी दास जी महत्यागी के निर्वाण का दुख अभी मिटा ही नहीं था की शांत और सरल जीवन जीने वाले आदिवासी बंधुओं को निहित स्वार्थ के लिए भड़काने वाले मिशनरी ,वामपंथी, अंबेडकराइट विचारधारा के साथ छुद्र राजनीतिक स्वार्थों को जीने वाले तथाकथि राजनेता लोगों ने बरगला कर पाटेश्वर धाम में बलि चढ़ा कर पवित्र तीर्थ को रक्तरंजित कर पवित्रता को अपवित्र करने का प्रयास किया इसके एवज में जब सनातन धर्मी उन्हें उन्हें समझाने की कोशिश की तो उनके ऊपर ही प्राणघातक हमला करके उन्हीं के ऊपर आरोप लगाकर उन्हें जेल में विरूद्ध कराया साथ ही साथ 25 मई को बालोद जिला बंद का आह्वान करके ना करना केवल निर्दोष व्यापारियों के ऊपर में बर्बरता पूर्वक हमला करके घायल कर गुंडरदेही में बलवा को अंजाम दिया अपितु बालोद के सरदार पटेल मैदान में छत्तीसगढ़ी क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल ने मर्यादा की सारी हदें पार कर जैन समुदाय के संतों का ना केवल अपमान किया वरन छत्तीसगढ़ में पैदा हुए विभिन्न जाति संप्रदाय के लोगों को परदेसिया करके संबोधन कर उनकी नरबली चढ़ाने की धमकी तक दे डाली ।आम छत्तीसगढ़िया के अमन चैन में जहर घोलने का व्यक्तत्व दिया जो ना केवल निंदनीय है अपितु ऐसे व्यक्ति को तुरंत कानूनी कार्यवाही कर इनके ऊपर में सामाजिक समरसता बिगाड़ने का जिम्मेदार समझ कर उचित कानुनी कार्यवाही करने की मांग राजपुत करणी सेना के अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह राजपूत ने की है। ठीक इसी मंच पर इस संसदीय क्षेत्र का भूतकाल में प्रतिनिधित्व कर चुके सोहन पोटाई ने अपने घृणित और कुंठित मानसिकता का परिचय देकर स्वामी विवेकानंद सरीखे विश्व संत के ऊपर रायपुर बुढ़ा तालाब स्थित मुर्ति के समीप पशूबली द्वारा खून की छीटें लगने का जो व्यक्तत्व दिया वह न केवल निंदनीय ् है अपितु कानूनी दृष्टि से धार्मिक भावनाओं को आहत कर सनातन धर्मावलंबियों को चोट पहुंचाना कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है जिसे प्रशासन संज्ञान में लेकर तुरंत कार्यवाही करें ऐसी अपेक्षा है। हमारा बालोद जिला सदैव से शांतिप्रिय सामाजिक समरसता में जीने वाला भूभाग के रूप में जाना पहचाना जाता रहा है जिसके सुरभित दामन में अपने छुद्र एवं निचले स्तर के राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते अशांत करने और मां भारती के गोद में रहने वालों को प्रवेशिका कहने वालों की तुलसी मानस प्रतिष्ठान छ ग समस्त छ ग की रामायण मंडलियां और करणी सेना बालोद घोर निन्दा करती है और दोषियों पर तुरंत कानूनी कार्यवाही करने की मांग करती है। और साथ ही साथ समस्त सनातन धर्मावलंबियों से इन विघटनकारी ताकतों
के खिलाफ खड़े होने की अपील करते हुए हमारे धर्म धार्मिक संस्थान चाहे वह हमारे मठ मंदिर हो या आस्था का केंद्र जामडी पाटेश्वर धाम की सुरक्षा के लिए हम सभी हिंदू धर्मावलंबियों को एकजुट होने की अपील करती है। ताकि चंद स्वार्थी लोग अपने छुद्र राजनीतिक लाभ के चलते हमारी सामाजिक समरसता को ना बिगाड़ सके। उक्ताशय की अपील करती सेना बालोद के अध्यक्ष एवम् तुलसी मानस प्रतिष्ठान छ ग प्रान्त के प्रांतीय महासचिव पुरुषोत्तम सिंह राजपूत ने किया है।