@बालोद//पीयुष कुमार।।
प्रथम घटना
सितंबर 2020 में पाटेश्वर धाम आश्रम के अस्तित्व को चुनौती दी गई और प्रशासनिक अधिकारियों के आड़ में आश्रम व आश्रम के लोगों को जबरदस्ती परेशान किया गया। बार-बार अनर्गल नोटिस प्रशासन के द्वारा भेजा जाता।
द्वितीय घटना -
क्षेत्र में फैल रहे वैमनस्य को रोकने व सनातन जागरण हेतु संत बालकदास द्वारा पवित्र श्रवण मास में मोहला मानपुर क्षेत्र के डोकला धाम से जल लेकर पाटेश्वर धाम स्थित पाटेश्वर महादेव में जल चढ़ाने का निर्णय डोकला क्षेत्र के आदिवासी भाइयों की सहमति से निकाला गया, उक्त यात्रा में 2000 कांवड़ यात्री सम्मिलित हुए, जिसे रोकने गोटाटोला में सुरजु टेकाम व अन्य साथी फरसा व अन्य हथियार लेकर पहुंचे, उनके द्वारा बार-बार उकसाया गया परन्तु कांवड़ियों ने शांति का परिचय दिया।
तृतीय घटना -
आश्रम क्षेत्र के ग्राम गोटीटोला में आदिवासी सोरी परिवार द्वारा ग्राम में पवित्र हनुमान मंदिर निर्माण करवाया गया था जिसे कुछ माह पहले उपद्रवियों द्वारा खंडित किया गया, शिकायत हुई फिर भी कुछ कार्यवाही नही की गई, फिर आज से पुनः 2 सप्ताह पूर्व मूर्ति खंडित कर दिया गया।
चतुर्थ घटना -
परम् पूज्य ब्रम्हलीन सद्गुरुदेव श्री रामजानकी दास जी की श्रद्धांजलि सभा बीते 25 अप्रैल 2022 को आयोजित थी, जिसमे एक दिन पूर्व 24 अप्रैल को कुछ मिशनरी मानसिकता के लोग आदिवासी भाइयों को बहला कर कार्यक्रम के विरोध और जबरन बलि देने की मांग करने लगे जिसे स्थानीय भाइयों द्वारा रोका गया।
पंचम घटना -
दिनांक 01 अप्रैल 2022 को जामड़ी पाटेश्वर धाम, बड़ेजुंगेरा (डौन्डीलोहरा) में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा जबरन मंदिर परिषर में घुसकर तथाकथित बलि हत्या हेतु लाए गए निरीह जानवर बकरी व मुर्गे - मुर्गियों को परिषर से गुजारकर पाटेश्वर पहाड़ पर जहां पाटेश्वर बाबा जी प्रतिमा स्थापित है ले जाया गया जो कि आश्रम परिषर में ही है। वहां पहुंचने पर पाया गया कि देवी - देवताओं की मूर्तियों पर मांस व खून चढ़ा दिया गया है। ज्ञात हो कि पाटेश्वर धाम एक पवित्र सनातन संस्था व मंदिर है जहाँ बलि देने जैसी कुप्रथा निषेध है, ऐसी जगह पे ऐसा कुकृत्य जानबूझ कर व सोची समझी साजिश के तहत किया गया है, उक्त घटना को करने वालों में विश्वनाथ गोटा (खोलझर) सहित ग्राम तुएगोंदी के 30 से 40 लोग रहे। घटना में बोलेरो क्रमांक CG05AH2554 एवं स्कोर्पियो (नम्बर अज्ञात), पिकअप (नम्बर अज्ञात) प्रयुक्त हुआ था। उक्त घटना घटित होने के पूर्व 11:30 संत श्री रामबालक दास जी के द्वारा SDM डौन्डीलोहरा व पुलिस प्रशासन सूचना को दी गई फिर भी प्रशासन व पुलिस विभाग आश्रम नही पहुंचा, घटना हो जाने व सूचना देने के 2 घंटे बाद उनका आना हुआ। आश्रम के भक्तों व आस-पास के ग्रामीणों द्वारा थाना प्रभारी को शिकायती ज्ञापन सौंपा गया फिर भी आज 2 दिन हो जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नही की गई, न ही दोषियों के ऊपर अपराध पंजीबद्ध नही किया गया।
साथ ही साथ उक्त घटना की जानकारी क्षेत्र में लगते ही सनातनी हिन्दू भाइयों का स्वतः आगमन प्रारंभ हो गया। कुछ हमारे बंधु हिन्दू आस्था पर चोट हुआ इस बात को लेकर उनसे बात करने तुएगोंदी की ओर बढ़ ही रहे थे कि उन पर पथराव हुआ, गाली गलौच हुई और दोनों पक्षों में झड़प हुई। झड़प हुई परन्तुं कार्यवाही में केवल एक ही पक्ष (सनातनी बंधुओं) को पुलिस प्रशासन द्वारा दोषी बनाया जा रहा है। ऐसी स्थिति में आश्रम व आश्रम क्षेत्र के वासी भगत प्रताड़ित हो रहे हैं।