श्रीलंका के बाद अब नेपाल की भी अर्थव्यवस्था डगमगाने लगी है. नेपाल का केंद्रीय बैंक नेपाल राष्ट्र बैंक अब अर्थव्यवस्था को संभालने में जुट गया है. एनआरबी ने खत लिखकर केंद्रीय वित्त मंत्रालय से कहा है कि पेट्रोलियम उत्पाद के आयात को नियंत्रित करें. वहीं बैंकों को यह भी कहा गया है कि वे किसी प्रकार के बेवजह के लोन देने से बचें. एनआरबी ने 27 वाणिज्यिक बैंकों के साथ हुई बैठक में कहा है कि बैंक वाहन लोन या गैर जरूरी लोन देने से बचें. बैंक अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय बैंक का यह फैसला डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने की खातिर है. बता दें कि आयातित पेट्रोलियम के लिए नेपाल सरकार हर महीने भारत को 24-29 अरब रुपये का भुगतान करता है.